प्रिलिम्स फैक्ट्स (03 Jun, 2023)



भारत में परिवर्तनों पर मॉर्गन स्टेनले रिपोर्ट

मॉर्गन स्टेनले (वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म) की हाल की एक रिपोर्ट में पिछले एक दशक में भारत में हुए महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डाला गया है। 

  • इस रिपोर्ट में भारत की संवृद्धि क्षमता से संबंधित संदेह को चुनौती देने के साथ इस बात पर बल दिया गया है कि हाल के वर्षों में भारत में परिवर्तनकारी सुधारों पर ज़ोर दिया गया है।
  • मॉर्गन स्टेनले रिपोर्ट में भारत के खराब प्रदर्शन से संबंधित वैश्विक दृष्टिकोण को नकारते हुए कहा गया है कि यह दूसरी सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के साथ शेयर बाज़ार के मामले में शीर्ष प्रदर्शन करने में शामिल है। 

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ:

नोट:  

इंडिया 401(k) मोमेंट:  

  • इंडिया 401(k) मोमेंट, मॉर्गन स्टेनले द्वारा उपयोग किया जाने वाला शब्द है, जिसका उपयोग मोमेंट का वर्णन करने के लिये किया जाता है, जो US 401(k) सेवानिवृत्ति बचत योजना से प्रेरित घरेलू बचत और वित्तीय संपत्तियों में निवेश को संदर्भित करता है।
  • यह बदलाव सोने और अचल संपत्ति जैसी भौतिक परिसंपत्तियों से लेकर इक्विटी और बॉण्ड जैसी वित्तीय परिसंपत्तियों की एवं घरेलू प्राथमिकताओं में परिवर्तन को दर्शाता है।
  • इंडिया 401(k) मोमेंट की प्रमुख वित्तीय परिसंपत्तियों में म्युचुअल फंड, बीमा और पेंशन योजनाएँ शामिल हैं।
  • आर्थिक संकेतक: 
    • सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रतिशत के रूप में विनिर्माण और पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हुई है। 
    • निर्यात बाज़ार में हिस्सेदारी वर्ष 2031 तक (2021 के स्तर से) दोगुनी होकर 4.5% होने का अनुमान है।
    • मुद्रास्फीति में कम अस्थिरता और कम ब्याज दर चक्रों ने खपत पैटर्न को प्रभावित किया है।
  • भविष्य का दृष्टिकोण: 
    • सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण और पूंजीगत व्यय में वृद्धि का अनुमान।
    • माल और सेवाओं के निर्यात में व्यापक लाभ अपेक्षित।
    • प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का अनुमान है जिसका निहितार्थ यह है कि विवेकाधीन खपत में भी वृद्धि होगी।
      • अगले दशक में इसके 5,200 डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
    • ढाँचागत बदलावों के चलते चालू खाता घाटा (CAD) कम हुआ है।
    • सकल घरेलू उत्पाद में लाभ के दोगुना होने से आय में प्रबल वृद्धि हुई है।
  • शेयर बाज़ार पर प्रभाव: 
    • घरेलू शेयरों के मूल्य बढ़ने की संभावना है, जिससे निवेश के अवसर बढ़ सकते हैं।
    • भारत में शेयरों की मांग मज़बूत रहने की आशा है, जो कि बाज़ार में निरंतर वृद्धि में योगदान देगा।
    • वैश्विक पूंजी प्रवाह पर भारत की कम निर्भरता एक अधिक स्थिर शेयर बाज़ार में योगदान कर सकती है, जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उतार-चढ़ाव के प्रति कम सुभेद्य होगा।
      • तेल की कीमतों में बदलाव और अमेरिकी मंदी से शेयर बाज़ार अल्प प्रभावित हो सकता है
    • उभरते बाज़ारों के लिये भारत का बीटा 0.6 तक नीचे आ गया है, जो वैश्विक पूंजी बाज़ार प्रवाह पर कम निर्भरता का परिणाम है।

नोट: 

  • बीटा: 
    • बीटा व्यवस्थित जोखिम का एक उपाय है, जिसे बाज़ार जोखिम या गैर-विविध जोखिम के रूप में भी जाना जाता है। यह प्रमाणित करता है कि व्यापक बाज़ार में किसी स्टॉक का रिटर्न कितना संवेदनशील है।
    • बीटा का मान 1 यह इंगित करता है कि स्टॉक बाज़ार के अनुरूप चलता है, जबकि बीटा का मान 1 से अधिक बताता है कि स्टॉक बाज़ार की तुलना में अधिक अस्थिर है।
    • बीटा का मान 1 से कम इंगित करता है कि शेयर बाज़ार की तुलना में यह कम अस्थिर है।
  • प्रत्याशित प्रमुख जोखिम: 
    • वैश्विक मंदी।
    • कमोडिटी/पण्य की कीमतों में तीव्र वृद्धि और आपूर्ति में कमी।
    • कुशल श्रम आपूर्ति में कमी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न.  वित्त के संदर्भ में, "बीटा" शब्द किसे निर्दिष्ट करता है: (2023)  

(a) अलग-अलग प्लेटफाॅर्मों से साथ-साथ किसी परिसंपत्ति को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया 
(b) किसी पोर्टफोलियो प्रबंधक की जोखिम और प्रतिफल के बीच संतुलन लाने की निवेश प्रक्रिया 
(c) एक प्रकार का व्यवस्थागत जोखिम, जो वहाँ उत्पन्न होता है जहाँ पूर्ण प्रतिरक्षा संभव नहीं है 
(d) एक संख्यात्मक मान जो पुरे स्टॉक बाज़ार में होने वाले परिवर्तनों के प्रति किसी स्टॉक के विचलनों को मापता है 

उत्तर: (d)

स्रोत: फाइनेंसियल एक्सप्रेस


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 जून, 2023

इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर सर्विसेज़ आउटसोर्सिंग (ERSO)

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology- MeitY), भारत सरकार ने हाल ही में भारत को विश्व के मरम्मत केंद्र के रूप में स्थापित करने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर सर्विसेज़ आउटसोर्सिंग (ERSO) पायलट पहल की शुरुआत की है। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology- ICT) उत्पादों की मरम्मत हेतु भारत को सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। ERSO उद्योग से आगामी पाँच वर्षों के भीतर भारत में राजस्व में 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक का योगदान देने का अनुमान है, साथ ही रोज़गार के कई अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह पायलट प्रोजेक्ट, जो बंगलूरू में आयोजित किया जाएगा, तीन महीने तक चलेगा। यह पहल विशेष रूप से मिशन LiFE के साथ संरेखित है, जो वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने हेतु समर्पित है। ICT उत्पादों हेतु सस्ती तथा भरोसेमंद मरम्मत सेवाओं की सुविधा देकर ERSO पहल का लक्ष्य विश्व भर में उपकरणों के जीवनकाल को बढ़ाना है। 

राजकोषीय घाटे को 6.4% तक सीमित करना 

वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्र का राजकोषीय घाटा घटकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6.4% हो गया है (जैसा कि फरवरी में की गई बजट घोषणा में अनुमान लगाया गया था)। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.9% तक लाना है। वर्ष 2022-23 के दौरान करों के विचलन के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष (2021-22) की तुलना में 50,015 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज करते हुए राज्य सरकारों को 9.48 लाख करोड़ रुपए हस्तांतरित किये। वित्त वर्ष 2023 में सरकार ने गैर-कर राजस्व में 17.8% संकुचन के बावजूद शुद्ध कर राजस्व में 15.2% की वृद्धि दर्ज की। राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और उसके कुल राजस्व (उधार को छोड़कर) के बीच का अंतर है। यह इस बात का संकेतक है कि सरकार को अपने कार्यों को वित्तपोषित करने के लिये किस हद तक उधार लेना चाहिये और इसे देश के सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।

 और पढ़ें… राजकोषीय घाटा 

वर्ष 2022-23 की पिछली तिमाही में जीडीपी में 6.1% की वृद्धि 

भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि जनवरी से मार्च 2023 की तिमाही में 6.1% तक बढ़ गई तथा वर्ष 2022-23 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि पहले अनुमानित 7% से 7.2% हो गई। चौथी तिमाही में भारत की 6.1% GDP वृद्धि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ थी। वर्ष 2021-22 के 8.8% की तुलना में अर्थव्यवस्था में सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) 2022-23 में 7% बढ़ने की उम्मीद है। विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्द्धन एक साल पहले के 11.1% स्तर से घटकर केवल 1.3% रह गया। इसके बावजूद छह महीने के संकुचन के बाद यह अंतिम तिमाही में 4.5% था। वर्ष 2021-22 की तुलना में आठ व्यापक आर्थिक गतिविधि खंडों में से केवल तीन में उच्च GVA वृद्धि दर्ज की गई जिसमें कृषि GVA 4% बढ़ गया, जो पिछले वर्ष 3.5% था। विशेष रूप से वर्ष की अंतिम तिमाही में कई क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम के बावजूद खपत कम रही। वर्ष 2022-23 में अपेक्षा से अधिक GDP वृद्धि वर्ष 2023-24 के लिये विकास की अपेक्षाओं को कम कर सकती है जो कि सरकार और केंद्रीय बैंक के अनुमानों के अनुसार लगभग 6.5% होने की उम्मीद है।

और पढ़ें… GDP और GVA 

नई दिल्ली में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) का क्षेत्रीय कार्यालय 

नई दिल्ली में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के एक क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना का अनुमोदन भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया है। यह निर्णय भारत को दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग पर विशेष ध्यान देने के साथ डाक क्षेत्र के तहत बहुपक्षीय संगठनों में सक्रिय रूप से शामिल होने की अनुमति देता है। भारत इस कार्यालय हेतु योगदान के रूप में कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और UPU के क्षेत्रीय कार्यालय के लिये आवश्यक कार्यालय सेटअप उपलब्ध कराएगा, जो क्षेत्र में विकासात्मक सहयोग करने एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिये ज़िम्मेदार होगा। कार्यालय डाक सेवाओं की क्षमता, दक्षता तथा गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ डाक प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स और व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाओं का क्रियान्वयन करेगा। इस पहल के माध्यम से भारत का उद्देश्य अपनी राजनयिक उपस्थिति का विस्तार करना, अन्य देशों के साथ संबंधों को मज़बूत करना, विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तथा वैश्विक डाक मंचों में अपनी भागीदारी बढ़ाना है।