प्रिलिम्स फैक्ट्स (01 Jan, 2025)



H-1B वीज़ा कार्यक्रम

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में H-1B वीज़ा कार्यक्रम ने राजनीतिक परिचर्चाओं के बीच काफी ध्यान आकर्षित किया है। एलन मस्क समेत प्रमुख हस्तियों ने इसे जारी रखने के लिये इसका समर्थन किया है, अमेरिका में STEM के अंतर्गत प्रतिभा की कमी को दूर करने में इसकी भूमिका पर ज़ोर दिया जाता है। 

H-1B वीज़ा कार्यक्रम क्या है? 

  • H-1B वीज़ा: H-1B एक गैर-अप्रवासी वीज़ा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (STEM) और IT (उच्च कौशल तथा न्यून स्नातक की डिग्री) जैसी विशिष्ट नौकरियों के लिये विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने तथा रोज़गार देने की अनुमति देता है।
    • इसे वर्ष 1990 में अमेरिकी नियोक्ताओं को योग्य अमेरिकी श्रमिकों की अनुपलब्धता के समय कौशल की कमी को दूर करने में सहायता करने के लिये शुरू किया गया था।
    • गैर-आप्रवासी वीज़ा पर्यटन, व्यवसाय, कार्य, अध्ययन या चिकित्सा उपचार जैसे उद्देश्यों के लिये अमेरिका में अस्थायी प्रवेश की अनुमति देता है ।
  • वीज़ा अवधि: H-1B वीज़ा अधिकतम छह वर्षों के लिये जारी किया जा सकता है। इस अवधि के बाद वीज़ा धारक को या तो दूसरे H-1B वीज़ा के लिये पुनः आवेदन करने से पहले कम-से-कम 12 माह के लिये अमेरिका छोड़ना होगा या स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) के लिये आवेदन करना होगा।
  • वार्षिक सीमा और छूट: वर्तमान में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 65,000 नवीन H-1B वीज़ा की नियमित वार्षिक सीमा है।
    • अतिरिक्त 20,000 वीज़ा उन आवेदकों के लिये उपलब्ध हैं, जिनके पास अमेरिकी विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री या उससे अधिक की डिग्री है।
    • निरंतर रोज़गार चाहने वाले H-1बी वीज़ा धारकों और उच्च शिक्षा संस्थानों, संबद्ध गैर-लाभकारी संस्थाओं या सरकारी अनुसंधान संगठनों में रोज़गार चाहने वाले लोगों की याचिकाएँ कैप छूट (Cap Exemption) के लिये पात्र हैं।
  • भारतीयों का प्रभुत्व: भारत में जन्मे लोग सबसे बड़े लाभार्थी हैं, जो वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष स्वीकृत सभी H-1B याचिकाओं में से 70% से अधिक के लिये ज़िम्मेदार हैं।
  • चीन में जन्मे लोग दूसरे स्थान पर हैं, जो वर्ष 2018 से निरंतर 12-13% याचिकाएँ दर्ज कर रहे हैं।

अन्य अमेरिकी गैर-आप्रवासी वीज़ा श्रेणियाँ

वीज़ा श्रेणी

यात्रा का उद्देश्य

O श्रेणी 

विज्ञान, कला, शिक्षा, व्यवसाय या एथलेटिक्स में असाधारण क्षमता वाला विदेशी नागरिक

H-2A श्रेणी 

अस्थायी कृषि श्रमिक

H-2B श्रेणी 

अस्थायी या मौसमी प्रकृति की अन्य सेवाएँ या श्रम करने वाला अस्थायी कर्मचारी

B-2 श्रेणी 

पर्यटन, अवकाश, आनंद आगंतुक (Pleasure Visitor)

V श्रेणी 

वैध स्थायी निवासी के जीवनसाथी और बच्चों के लिये गैर-आप्रवासी वीज़ा

 

नोट: चीन तथा भारत संपूर्ण विश्व में STEM क्षेत्रों पर हावी हैं। 

  • अमेरिका स्थित थिंक टैंक, सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (CSET) द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में चीन (3.57 मिलियन) और भारत (2.55 मिलियन) ने STEM  स्नातकों के मामले में विश्व का नेतृत्व किया, जो अमेरिका (820,000) से कई गुना अधिक है।

पैंगोंग झील पर शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में पैंगोंग त्सो के तट पर 14,300 फीट की ऊँचाई पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा का अनावरण किया गया।

  • इसका अनावरण भारत और चीन द्वारा डेमचोक और डेपसांग में सैनिकों की वापसी पूरी करने के तुरंत बाद किया गया, जिससे 4.5 वर्ष से चल रहा सीमा गतिरोध समाप्त हो गया।
  • हालाँकि यह सेना के दिग्गजों और स्थानीय लोगों के बीच संवाद का विषय बन गया है, एक सेवानिवृत्त कर्नल ने डोगरा जनरल जोरावर सिंह की एक प्रतिमा का प्रस्ताव रखा है, जिनके वर्ष 1834-1840 के अभियान ने महाराजा रणजीत सिंह के अधीन लद्दाख को डोगरा साम्राज्य में मिला दिया था।
  • पैंगोंग त्सो: यह हिमालय में लगभग 4,350 मीटर (14,270 फीट) की ऊँचाई पर स्थित एक अंतर्देशीय झील है।
    • यह विश्व की सबसे ऊँची खारे पानी की झीलों में से एक है, जो भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराव के दौरान एक टेक्टोनिक झील के रूप निर्मित हुई है। 
    • इस घटना के परिणामस्वरूप टेथिस महासागर झील द्वारा विस्थापित हो गया, जिससे हिमालय का भी निर्माण हुआ।

और पढ़ें: पैंगोंग झील पर चीन का पुल


वैश्विक पोलियो का पुनःप्रवर्तन

स्रोत: TH 

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पाकिस्तान, कैमरून और विभिन्न यूरोपीय देशों समेत कई देशों में पोलियो वायरस की उपस्थिति की पहचान की है। 

  • शोध से पता चलता है, कि पोलियोवायरस मुख्य रूप से श्वसन मार्ग से फैलता है, न कि पारंपरिक रूप से माने जाने वाले मल-द्वार से।

पोलियो के पुनः बढ़ने में योगदान देने वाले प्रमुख कारक क्या हैं?

  • पोलियो वायरस का पता लगाना: पोलियो के पुनः बढ़ने का प्रमाण विभिन्न देशों में वाइल्ड या वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियो वायरस दोनों का हाल ही में पता लगना है।
    • वर्ष 2024 में पाकिस्तान में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप-1 (WPV1) के कुल 62 मामले सामने आए।
    • बार्सिलोना, वारसॉ और कोलोन (जर्मनी) जैसे शहरों में भी पोलियोवायरस युक्त पर्यावरणीय प्रतिदर्श पाए गए हैं, जो संभावित अज्ञात खतरे या बगैर टीकाकरण वाली आबादी का संकेत देते हैं।
  • टीकाकरण में अंतराल: संवेदनशील और संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण कवरेज में काफी गिरावट आई है, जिससे बच्चे पोलियो प्रकोप के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं।
    • उदाहरण: सूडान के सक्रिय संघर्ष क्षेत्रों में टीकाकरण कवरेज 85% से घटकर मात्र 30% रह गया है।
  • टीकाकरण रणनीति में बदलाव: मौखिक पोलियो वैक्सीन (OPV) को वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस मामलों (CVDPV) के प्रकोप से जोड़ा गया है, जो उन्मूलन प्रयासों को जटिल बनाता है।
  • हालिया शोध में IPV में परिवर्तन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है, जो संक्रामक नहीं है तथा पोलियोवायरस के कारण होने वाले पक्षाघात के विरुद्ध प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है

निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV) और ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) के बीच अंतर 

  • निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV)
    • फायदे:
      • वैक्सीन-जनित पोलियो का कोई खतरा नहीं: IPV में निष्क्रिय विषाणु कण होते हैं, जिसका अर्थ है कि वैक्सीन से पोलियो होने का कोई खतरा नहीं है।
      • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिये सुरक्षित: चूँकि IPV में मृत वायरस का उपयोग किया जाता है, इसलिये यह कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिये सुरक्षित है।
      • संधारणीय प्रतिरक्षा: पोलियो वायरस संक्रमण के विरुद्ध प्रतिरक्षात्मकता बनाए रखने के लिये IPV को कई बूस्टर की आवश्यकता होती है। 
    • नुकसान:
      • उच्च लागत: OPV की तुलना में IPV का उत्पादन और प्रबंधन अधिक महँगा  है।
      • कई खुराकों की आवश्यकता: एक पूर्ण IPV टीकाकरण कार्यक्रम में आमतौर पर पूर्ण प्रतिरक्षा प्रदान करने के लिये 2-4 शॉट्स की एक शृंखला शामिल होती है।
      • सीमित श्लैष्मिक प्रतिरक्षा: IPV श्लेष्म झिल्ली (जैसे, आँत) में मज़बूत प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करता है, जिसका अर्थ है कि यह OPV की तुलना में वायरस संचरण को रोकने में कम प्रभावी हो सकता है।
  • ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV)
    • फायदे: 
      • कम लागत: OPV का उत्पादन और वितरण सस्ता है, जिससे संसाधन-सीमित परिस्थितियों में यह अधिक सुलभ हो जाता है।
      • कम खुराक की आवश्यकता: प्रभावी प्रतिरक्षा प्राप्त करने के लिये OPV को आमतौर पर केवल एक या कुछ खुराक की आवश्यकता होती है।
      • बेहतर श्लैष्मिक प्रतिरक्षा: OPV विशेष रूप से आँतों में मज़बूत श्लैष्मिक प्रतिरक्षा प्रदान करता है, जो पोलियोवायरस के संचरण को कम करने में सहायक है।
    • नुकसान:
      • वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियो का खतरा: OPV में जीवित, कमज़ोर पोलियोवायरस होता है, जो दुर्लभ मामलों में एक ऐसे रूप में परिवर्तित हो सकता है जो टीका-जनित पोलियोवायरस (VDPV) के प्रकोप का कारण बनता है।
      • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिये सुरक्षित नहीं: क्योंकि इसमें जीवित वायरस होता है, इसलिये OPV कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिये खतरनाक साबित हो सकता है।
      • अल्पकालिक प्रतिरक्षा: OPV से प्राप्त प्रतिरक्षा, IPV की तुलना में दीर्घकालिक नहीं हो सकती है, इसके लिये समय के साथ अतिरिक्त खुराक या बूस्टर की आवश्यकता होती है।

पोलियो क्या है?

  • परिचय:
    • पोलियो (पोलियोमाइलाइटिस) एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है, जो मुख्य रूप से पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है, यह मल-द्वार या दूषित भोजन/जल के माध्यम से फैलता है तथा तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करके पक्षाघात का कारण बन सकता है।
    • तीन अलग-अलग और प्रतिरक्षात्मक रूप से भिन्न वाइल्ड पोलियोवायरस उपभेद हैं:
      • वाइल्ड पोलियोवायरस प्रकार-1 (WPV1), WPV2 और WPV3।
  • वैक्सीन के प्रकार:
    • निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन (IPV): यह पोलियोवायरस प्रकार 1, 2 और 3 से सुरक्षा प्रदान करता है
    • ट्रायवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (TOPV): यह पोलियोवायरस प्रकार 1, 2 और 3 से सुरक्षा प्रदान करता है - अप्रैल 2016 में "OPV स्विच" के बाद, हालाँकि TOPV के अब इतने प्रमाण  नहीं मिलते हैं।
      • अप्रैल 2016 में OPV स्विच, TOPV को BOPV से प्रतिस्थापित करने का एक वैश्विक प्रयास था।
      • बायवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (BOPV): यह पोलियोवायरस प्रकार 1 और 3 से सुरक्षा प्रदान करता है
      • मोनोवैलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (mOPV1, mOPV2 और mOPV3): यह क्रमशः प्रत्येक प्रकार के पोलियोवायरस से सुरक्षा प्रदान करता है। 
  • पोलियो उन्मूलन हेतु उठाए गए कदम:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स  

प्रश्न 1. भारत सरकार द्वारा चलाया गया 'मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016)

(a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का प्रतिरक्षण 
(b) संपूर्ण देश में स्मार्ट सिटी का निर्माण
(c) बाहरी अंतरिक्ष में पृथ्वी सदृश ग्रहों के लिये भारत की स्वयं की खोज
(d) नई शैक्षिक नीति

उत्तर: (a)

 प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1.  गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण से संबंधी  जागरूकता उत्पन्न करना।
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों तथा महिलाओं में रक्ताल्पता की घटना को कम करना।
  3. बाजरा, मोटा अनाज तथा अपरिष्कृत चावल के उपभोग को बढ़ाना।
  4. मुर्गी के अंडो के उपभोग को बढ़ाना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

 उत्तर: (a)


वेम्बनाड झील

स्रोत: द हिंदू 

केरल में अलप्पुझा ज़िला प्रशासन वेम्बनाड झील पुनरुद्धार परियोजना के तहत एक मेगा प्लास्टिक सफाई अभियान शुरू करेगा। इस पहल का उद्देश्य झील, एक रामसर स्थल और भारत की दूसरी सबसे बड़ी आर्द्रभूमि प्रणाली, के स्वास्थ्य को बहाल करना है।

  • अतिरिक्त प्रयासों में जैव-शील्ड की स्थापना, वेम्बनाड झील इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना, यार्न संग्रहालय, बोतल बूथ, सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा देना और मत्स्य बीज का भंडारण शामिल है।
    • झील संरक्षण के महत्त्व पर बल देने के लिये मछुआरों, हाउसबोट कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएँगे।
  • वर्ष 2023 के एक अध्ययन से पता चला है कि वेम्बनाड झील की स्थिति खराब हो गई है, जिससे लगभग 80 लाख लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है। वर्ष 1990 से वर्ष 2020 तक झील की जलधारण क्षमता में 85.3% की गिरावट आई है।
  • वेम्बनाड झील: वेम्बनाड, केरल की सबसे बड़ी और भारत की सबसे लंबी झील है।
    • वेम्बनाड-कोल भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर सबसे बड़ा खारा, आर्द्र उष्णकटिबंधीय आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र है। यह 10 नदियों से पोषित है, जो पश्चिमी तट पर वृहद मुहाना प्रणालियों की विशेषता है।
    • वर्ष 2002 में वेम्बनाड को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के रामसर वेटलैंड के रूप में नामित किया गया था।
    • इसे भारत सरकार के राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है।
    • कुमरकुम पक्षी अभयारण्य, जिसे वेम्बनाड पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है, झील के पूर्वी तट पर स्थित है।


और पढ़ें:  वेम्बनाड झील: केरल


रैपिड वर्ल्ड चैंपियनशिप

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में ग्रैंड मास्टर कोनेरू हम्पी ने न्यूयॉर्क में वर्ष 2024 की FIDE (अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ) विश्व रैपिड चैंपियनशिप में जीत हासिल की, जो भारतीय शतरंज के लिये एक असाधारण वर्ष है।

  • कोनेरू हम्पी ने फाइनल में इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराया तथा एक से अधिक बार महिला रैपिड विश्व खिताब जीतने वाली वह पहली भारतीय एवं चीन की वेंजुन जू के बाद दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं।
    • हम्पी ने अपना पहला विश्व रैपिड खिताब वर्ष 2019 में जॉर्जिया में जीता था।
      • उन्होंने वर्ष 2012 विश्व रैपिड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता तथा वर्ष 2023 में उज्बेकिस्तान में दूसरा स्थान प्राप्त किया।
  • इससे पहले डी गुकेश, सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 में डिंग लिरेन (चीन) को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने थे।
  • वर्ष 2024 में बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड के ओपन एवं महिला दोनों वर्गों में भारत को जीत मिली।
  • विश्व रैपिड चैंपियनशिप में प्रत्येक राउंड में 15 मिनट का समय निर्धारण होता है, जिसमें प्रत्येक बारी में 10 सेकंड की वृद्धि होती है।

और पढ़ें: भारत में शतरंज की बढ़ती लोकप्रियता


सूर्य किरण सैन्य अभ्यास

स्रोत: BS

जनवरी 2025 में भारत और नेपाल के बीच भारत-नेपाल संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास सूर्य किरण” का 18वाँ संस्करण नेपाल के सलझंडी में आयोजित किया जा रहा है।

  • अभ्यास का 17वाँ संस्करण दिसंबर 2023 में उत्तराखंड में आयोजित किया गया था।
  • सूर्य किरण अभ्यास: यह भारत और नेपाल के बीच प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला सैन्य अभ्यास है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
  • उद्देश्य:
    • आतंकवाद-रोधी अभियानों, जंगल में युद्ध और पर्वतीय अभियानों में दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना।
    • संयुक्त राष्ट्र (UN) चार्टर के अंतर्गत मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) में समन्वय में सुधार करना।
    • परिचालन तैयारियों, विमानन पहलुओं, चिकित्सा प्रशिक्षण और पर्यावरण संरक्षण को बढाने पर ध्यान केंद्रित करना।
  • भारत-नेपाल संबंध: नेपाल पाँच भारतीय राज्यों: सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड  के साथ 1,850 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
    • वर्ष 1950 में हस्ताक्षरित भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि इन देशों के विशेष द्विपक्षीय संबंधों को आधार प्रदान करती है।
    • कोशी समझौता (1954, संशोधित 1966), महाकाली संधि (1996) और गंडक समझौता (1959, संशोधित 1964) भारत और नेपाल के बीच प्रमुख जल-साझाकरण समझौते हैं।

अधिक पढ़ें: भारत के प्रमुख सैन्य अभ्यास