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एडिटोरियल

  • 17 Jan, 2024
  • 14 min read
शासन व्यवस्था

सर्वाइकल कैंसर रोकथाम पहल का विस्तार

यह एडिटोरियल 16/01/2024 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “How Indian women can rid themselves of cervical cancer” लेख पर आधारित है। इसमें सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन पहल के सकारात्मक स्वागत की चर्चा की गई है और इस प्रगति को पूरकता प्रदान करने के लिये उच्च गुणवत्तापूर्ण उपचार, निवारक उपायों एवं उपशामक देखभाल की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

प्रिलिम्स के लिये:

सर्वाइकल कैंसर, जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्रीज़ (PBCRs), राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), सतत् विकास लक्ष्य (SDGs), सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP), ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV)। 

मेन्स के लिये:

भारत में विभिन्न प्रकार के कैंसर के बढ़ते मामले और स्वास्थ्य क्षेत्र पर इसका प्रभाव।

भारत सरकार सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खतरे को कम करने के उद्देश्य से 9-14 आयु वर्ग की बालिकाओं के लिये ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के विरुद्ध त्रि-चरणीय टीकाकरण अभियान शुरू करने का इरादा रखती है। यह टीका उन HPV स्ट्रेन के विरुद्ध भी सुरक्षा प्रदान करता है जो गुदा, योनि और मुख-ग्रसनी (oropharynx) के कैंसर का कारण बनते हैं। इसके अतिरिक्त, यह उन HPV स्ट्रेन से भी बचाता है जो जननांग मस्सों (genital warts) के लिये ज़िम्मेदार होते हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वर्ष 2023 में एक स्वदेशी HPV वैक्सीन लॉन्च की थी जिसे CERVAVAC के नाम से जाना जाता है।

सर्वाइकल कैंसर क्या है?

  • परिचय:
    • सर्वाइकल कैंसर महिला के गर्भाशय ग्रीवा (cervix) में विकसित होता है। वैश्विक स्तर पर यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम प्रकार का कैंसर है।
    • सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिमपूर्ण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण से जुड़े हैं, जो यौन संपर्क के माध्यम से फैलने वाला एक बेहद आम वायरस है।
  • स्ट्रेन के प्रकार:
    • कुछ उच्च जोखिमपूर्ण HPV स्ट्रेन या उपभेद के साथ लगातार संक्रमण सर्वाइकल कैंसर के लगभग 85% मामलों के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।
    • अभी तक HPV के लगभग 14 प्रकारों या टाइप की पहचान कैंसर पैदा करने की क्षमता रखने वाले या ऑन्कोजेनिक (oncogenic) के रूप में की गई है।
      • इनमें से HPV टाइप 16 और 18, जिन्हें सबसे अधिक ऑन्कोजेनिक माना जाता है, वैश्विक स्तर पर सभी सर्विकल कैंसर के लगभग 70% मामलों के लिये ज़िम्मेदार पाये गए हैं।
  • कारण:
    • शीघ्र पता लगाने में बाधाएँ:
      • जागरूकता की कमी, भय और आरंभिक लक्षणों की अनुपस्थिति के कारण उन्नत चरण में जाकर इनका पता चलता है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च मृत्यु दर उत्पन्न होती है।
      • महिलाओं की नियमित जाँच का अभाव और संपर्क के पहले बिंदु के रूप में ओवर-द-काउंटर दवाओं की तलाश करना कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
    • औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच का अभाव:
      • आंध्र प्रदेश में एक अध्ययन से पता चला कि 68% रोगियों ने सबसे पहले पारंपरिक चिकित्सकों की मदद ली और केवल 3% ने HPV टीकाकरण कराया था।
      • तेलंगाना में कैंसर के मामलों में 28% वृद्धि का अनुमान किया गया है, जिससे कैंसर देखभाल वितरण के समक्ष चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं।
  • भारत की स्थिति:
    • सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं में व्याप्त दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो मुख्यतः मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करता है।
    • वर्ष 2022 में 1,23,907 नए मामलों और 77,348 मौतों के साथ भारत ने वैश्विक बोझ में पाँचवें भाग का योगदान किया।

CERVAVAC क्या है?

  • परिचय:
    • ‘सर्वावैक’ (CERVAVAC) भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस (quadrivalent human papillomavirus- qHPV) वैक्सीन है, जिसके बारे में कहा गया है कि यह वायरस के चार प्रकारों- टाइप 6, टाइप 11, टाइप 16 और टाइप 18 के विरुद्ध प्रभावी है।
      • क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन एक ऐसा टीका है जो चार अलग-अलग एंटीजन, जैसे कि वे चार अलग-अलग वायरस या अन्य सूक्ष्मजीव हों, के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करने के रूप में कार्य करता है।
    • CERVAVAC हेपेटाइटिस-बी टीकाकरण की ही तरह VLP (Virus-Like Particles) पर आधारित है।
  • महत्त्व:
    • ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की मंज़ूरी के बाद, सरकार द्वारा संबंधित आयु वर्ग की लगभग 50 मिलियन बालिकाओं के टीकाकरण के लिये थोक में टीका खरीद की राह खुली।
      • यह टीका तभी अत्यंत प्रभावी सिद्ध होता है जब इसे प्रथम शारीरिक संबंध से पहले लगाया जाए।
    • इसमें सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन की व्यापक क्षमता है और यह मददगार सिद्ध होगा यदि इसे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के टीकाकरण प्रयासों के तहत शामिल किया जाए और मौजूदा टीकाकरण की तुलना में कम लागत पर पेश किया जाए।
  • वैश्विक परिदृश्य:
    • वैश्विक स्तर पर लाइसेंस प्राप्त मौजूदा दो टीके—Merck का Gardasil (जो क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन है) और GlaxoSmithKline का Cervarix (जो बाइवेलेंट वैक्सीन है), भारत में भी उपलब्ध हैं, लेकिन वे महँगे हैं और उनमें से कोई भी राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं है।

कैंसर के इलाज से संबंधित प्रमुख सरकारी पहलें कौन-सी हैं?

सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिये कौन-से कदम उठाये जा सकते हैं?

  • HPV टीकाकरण:
    • निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और धूम्रपान जैसे कारकों के साथ लगातार उच्च जोखिमपूर्ण HPV संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं।
    • HPV टीकाकरण, अर्ली डिटेक्शन, स्क्रीनिंग और समय पर उपचार के माध्यम से इस रोग को रोका जा सकता है तथा इसका उपचार किया जा सकता है।
  • अर्ली डिटेक्शन और उपचार का अवसर:
    • सर्वाइकल कैंसर में 10-15 वर्ष का प्री-इनवैसिव चरण होता है, जो आरंभ में ही पता लगा लेने (अर्ली डिटेक्शन) और आउट-पेशेंट उपचार के लिये अवसर प्रदान करता है।
      • आरंभिक चरण के प्रबंधन से उपचार दर 93% से अधिक हो जाती है, जो समय पर हस्तक्षेप के महत्त्व को उजागर करता है।
  • सर्वाइकल कैंसर की उन्मूलन संभावना:
    • सर्वाइकल कैंसर एकमात्र ग़ैर-संचारी रोग है जो उन्मूलन की संभावना रखता है और यह सतत विकास लक्ष्य 3.4 के अनुरूप है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिये लक्ष्य निर्धारित किये हैं, जिसमें 15 वर्ष की आयु तक की बालिकाओं का 90% टीकाकरण, 35 एवं 45 वर्ष की आयु में महिलाओं की 70% स्क्रीनिंग और प्री-कैंसर एवं कैंसर के मामलों के लिये 90% उपचार के साथ प्रति 100,000 महिलाओं पर चार से कम मामलों का लक्ष्य रखा गया है।
      • यह HPV टीकाकरण, स्क्रीनिंग और आरंभिक निदान जैसे सरल एवं ‘स्केलेबल’ हस्तक्षेपों पर बल देता है।
  • कैंसर स्क्रीनिंग के लिये सरकारी पहलें:
    • भारत सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दृश्य परीक्षण (visual tests) और HPV परीक्षण सहित कैंसर स्क्रीनिंग प्रवर्तित करती है।
    • साक्ष्य-आधारित प्रबंधन एल्गोरिदम उपचार का मार्गदर्शन करते हैं और स्वदेशी किट एवं टीके संसाधन-दुर्लभ संरचना में सहायता करते हैं।
  • तकनीकी प्रगति की भूमिका:
    • एकल-खुराक HPV टीकाकरण, HPV परीक्षण के लिये स्व-नमूनाकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रौद्योगिकी जैसे नवाचार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम को बेहतर बनाते हैं।
      • HPV वैक्सीन के बढ़ते उपयोग के साथ ये प्रगतियाँ संसाधन-सीमित संरचना के लिये आशाजनक हैं।
  • जनसंख्या-स्तर जागरूकता और रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता:
    • सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिये जागरूकता बढ़ाने, HPV वैक्सीन को बढ़ावा देने, झिझक पर काबू पाने, आयु-उपयुक्त स्क्रीनिंग को लागू करने और प्री-कैंसर उपचार प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
      • सफलता के लिये साझेदारी और क्षमता निर्माण आवश्यक है।
  • सर्वाइकल कैंसर देखभाल को सुदृढ़ करने के लिये व्यापक दृष्टिकोण:
    • सटीक निदान, सशक्त कैंसर रजिस्ट्रियाँ, कम वित्तीय बोझ और सुदृढ़ स्वास्थ्य प्रणालियों के लिये लगातार प्रयासों की आवश्यकता है।
    • सर्वाइकल कैंसर के सफल उन्मूलन के लिये सभी देखभाल मार्गों को जोड़ना, डिजिटल प्रौद्योगिकियों को शामिल करना और सहयोग को बढ़ावा देना महत्त्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

सर्वाइकल कैंसर के नए मामलों और मौतों के चिंताजनक आँकड़े निवारक उपायों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करते हैं। स्क्रीनिंग और HPV टीकाकरण के माध्यम से शीघ्र पता लगाना एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है, जहाँ प्रारंभिक चरणों में प्रबंधित होने पर उच्च उपचार दर प्राप्त होता है। WHO द्वारा प्रस्तावित लक्ष्य और सरकारी पहलों का संयोग व्यापक हस्तक्षेप के लिये एक रोडमैप प्रदान करते हैं। सफलता प्राप्त करने के लिये निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें जागरूकता अभियान, टीके को बढ़ावा देना, सहयोग पर बल देना और सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिये अभिनव दृष्टिकोण अपनाना शामिल हैं।

अभ्यास प्रश्न: भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति के परिप्रेक्ष्य में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर के टीके को शामिल करने, संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के साथ HPV टीकाकरण की भूमिका के महत्त्व की चर्चा कीजिये।  

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016)

(a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
(b) देश भर में स्मार्ट शहरों का निर्माण
(c) बाहरी अंतरिक्ष में पृथ्वी सदृश ग्रहों के संदर्भ में भारत की खोज
(d) नई शिक्षा नीति

उत्तर: A


प्रश्न . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)

  1. टैक्सस वृक्ष प्राकृतिक रूप से हिमालय में पाया जाता है।
  2.  टैक्सस वृक्ष रेड डेटा बुक में सूचीबद्ध है।
  3.  "टैक्सोल" नामक दवा टैक्सस के पेड़ों से प्राप्त की जाती है और पार्किंसंस रोग के निवारण हेतु प्रभावी है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (B)


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