डेली न्यूज़ (21 Jan, 2023)



जोशीमठ में भू-अवतलन

Joshimath-Land-Subsidence

और पढ़ें...


सोशल मीडिया पर प्रचार का विनियमन

प्रिलिम्स के लिये:

सोशल मीडिया, समर्थन दिशा-निर्देश, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, साइबर सुरक्षा, हेट स्पीच, नकली विज्ञापन, डेटा गोपनीयता।

मेन्स के लिये:

भारत में सोशल मीडिया का विस्तार, सोशल मीडिया से जुड़ी चुनौतियाँ।

चर्चा में क्यों?  

केंद्र सरकार ने सार्वजनिक हस्तियों और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर के लिये पुष्टि संबंधी नियम (Endorsement Rules) जारी किये हैं जिसके तहत उन्हें किसी भी ब्रांड या उत्पाद (जिसका वे सोशल मीडिया पर प्रचार करते हैं) से प्राप्त होने वाले वित्तीय या भौतिक लाभ का खुलासा करना आवश्यक है।

सोशल मीडिया पर प्रवर्तन हेतु नई गाइडलाइन:  

  • प्रकटीकरण मानदंड:  
    • प्रकटीकरण के समर्थन को प्रमुखता से और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिये तथा 'विज्ञापन', 'प्रायोजित' या 'सशुल्क प्रचार' जैसे शब्दों का उपयोग सभी प्रकार के विज्ञापनों हेतु किया जाना चाहिये। 
    • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्ति उत्पादों या सेवाओं का समर्थन करते समय अनुचित व्यापार प्रथाओं के माध्यम से अपने दर्शकों को गुमराह न करें और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 एवं संबंधित नियमों या दिशा-निर्देशों का  अनुपालन करें।
    • स्पष्टीकरण को हैशटैग या लिंक के समूह के साथ मिश्रित नहीं किया जाना चाहिये। साथ ही लाइव स्ट्रीम के मामले में सोशल मीडिया पर पूरी स्ट्रीम के दौरान वस्तु या सेवा के संबंध में स्पष्टीकरण लगातार और प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिये।
  • दंड:
    • यदि कोई उल्लंघन होता है, तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापनों के लिये निर्धारित ज़ुर्माना लागू होगा।
    • इस तरह के मामले में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority- CCPA) निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना लगा सकता है एवं बार-बार अपराध करने पर 50 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना लगाया जा सकता है।
    • CCPA किसी भ्रामक विज्ञापन के एंडोर्सर को एक वर्ष तक के लिये कोई भी एंडोर्समेंट करने से रोक सकता है और बाद के उल्लंघन हेतु निषेध को तीन साल तक बढ़ा सकता है।

भारत में सोशल मीडिया की उपयोगिता का दायरा: 

  • भारत में सोशल मीडिया का विस्तार:  
    • ग्लोबल स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, भारत में लोगों के बीच इंटरनेट कनेक्टिविटी की मज़बूत पहुँच के कारण वर्ष 2022 में सोशल मीडिया उपयोगकर्त्ताओं की संख्या 467 मिलियन की स्थिर दर से बढ़ रही है।  
      • इसके अलावा कुल मिलाकर भारत में इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं की संख्या बढ़कर 658 मिलियन हो गई है, जो भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 47% है
  • सोशल मीडिया के लाभ:  
    • सूचना का लोकतंत्रीकरण: सोशल मीडिया द्वारा ज्ञान और व्यापक संचार के लोकतंत्रीकरण की अनुमति दी जा रही है। दुनिया भर के अरबों नेटिज़ेंस अब सूचना के पारंपरिक क्यूरेटर को बायपास करने के लिये सशक्त महसूस करते हैं। 
      • वे केवल इसके उपभोक्ता ही नहीं, विषय-वस्तु के निर्माता और प्रसारक भी बन गए हैं।
    • सरकार से सीधा संवाद: आज सोशल मीडिया ने आम लोगों को सरकार से सीधे संवाद करने और सीधे सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाया है।
      • आम लोगों द्वारा रेलवे और अन्य मंत्रालयों तथा उनके प्रति जवाबदेह एजेंसियों को टैग करना इन दिनों आम बात ही गई है। 
    • रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना: सोशल मीडिया उपयोगकर्त्ताओं को अपने विचारों तथा रचनात्मकता को विश्व के साथ साझा करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
    • ग्राहक जुड़ाव में वृद्धि: सोशल मीडिया विभिन्न व्यवसायों को अपने ग्राहकों के साथ इस तरह से जोड़ता है जो पहले संभव नहीं था और इस प्रकार यह अधिक प्रभावी ग्राहक सेवा की सुविधा प्रदान करता है
      • सोशल मीडिया विभिन्न व्यवसायों के लिये उनके उत्पादों और सेवाओं का विपणन और विज्ञापन करने का एक लागत प्रभावी माध्यम है।
  • सोशल मीडिया से संबंधित चुनौतियाँ:  
    • भ्रामक विज्ञापन: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग अक्सर उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापन के लिये किया जाता है, लेकिन कुछ व्यवसाय भ्रामक अथवा झूठे विज्ञापन का इस्तेमाल करते हैं जो कि सर्वथा अनुचित है।
      • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा उत्पाद समीक्षा पोस्ट करने के लिये भी किया जाता है, लेकिन कुछ समीक्षाएँ नकली अथवा पक्षपाती हो सकती हैं, जो उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकती हैं, साथ ही निष्पक्ष-व्यापार प्रथा का उल्लंघन भी हो सकती हैं।
    • साइबर बुलिंग और उत्पीड़न: सोशल मीडिया साइबर बुलिंग एवं उत्पीड़न का एक प्रमुख साधन बन गया है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और यहाँ तक कि कुछ मामलों में आत्महत्या तक देखी जाती है।
    • गोपनीयता संबंधी चिंताएँ: सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा एकत्रित और संग्रहीत करते हैं, यह गोपनीयता एवं डेटा सुरक्षा संबंधी चिंता का विषय  है।
    • विनियमन और ध्रुवीकरण का अभाव: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण की कमी के परिणामस्वरूप हानिकारक सामग्री, फेक न्यूज़ और हेट स्पीच के मामले देखे जा सकते हैं।
      • इसके अलावा सोशल मीडिया एक प्रतिध्वनि कक्ष प्रभाव  (Echo Chamber Effect) बना सकता है जहाँ लोगों को समान दृष्टिकोण और विचारों से अवगत कराया जाता है, जिससे समाज में ध्रुवीकरण होता है। 

आगे की राह 

  • सामाजिक जागरूकता: एक डिजिटल साक्षर देश समय की आवश्यकता है। ज़िम्मेदार सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में देश के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में पढ़ाया जाना चाहिये, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ लोगों को आसानी से बहकाया/फुसलाया जा सकता है। 
  • सख्त कंटेंट मॉडरेशन: हानिकारक कंटेंट को पहचानने और हटाने के लिये सोशल मीडिया कंपनियों को सख्त कंटेंट मॉडरेशन नीतियों एवं अधिक मज़बूत प्रणालियों को लागू करने की आवश्यकता होगी।
    • इससे उनके प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना, अभद्र भाषा और अन्य हानिकारक सामग्री के प्रसार को कम करने में मदद मिलेगी।
  • एक समर्पित सोशल मीडिया नीति: उपभोक्ताओं या भविष्य के उपभोक्ताओं के रूप में युवाओं को लक्षित नहीं करने के लिये सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मों की जवाबदेही तय कर सोशल मीडिया को विनियमित करने के लिये एक समग्र नीति आवश्यक है।
    • यह एल्गोरिदम को युवाओं के बजाय वयस्कों के प्रति अधिक अभ्यस्त बना देगा। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. ‘सामाजिक संजाल साईटें’ (Social Networking Sites) क्या होती हैं और इन साईटों से क्या सुरक्षा उलझनें प्रस्तुत होती हैं? (मुख्य परीक्षा- 2013) 

स्रोत: द हिंदू


ChatGPT और संबद्ध नैतिक चिंताएँ

प्रिलिम्स के लिये:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ChatGPT, ह्यूमन फीडबैक रीइन्फोर्समेंट लर्निंग (RLFH), फिशिंग ईमेल, प्लैजरिज़्म।

मेन्स के लिये:

ChatGPT का महत्त्व और इससे जुड़ी नैतिक चिंताएँ।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में OpenAI (AI अनुसंधान और परिनियोजन कंपनी) ने अपनी क्षमता का परीक्षण करने के लिये उपयोगकर्त्ताओं हेतु अपना सबसे हालिया और शक्तिशाली AI चैटबॉट, ChatGPT शुरू किया है।

ChatGPT: 

  • परिचय: 
    • ChatGPT जनरेटिव प्री-ट्रेन ट्रांसफार्मर (GPT) का एक प्रकार है जो OpenAI द्वारा विकसित बड़े पैमाने पर तंत्रिका नेटवर्क-आधारित भाषा मॉडल है।
    • GPT मॉडल को मानव-समान पाठ करने हेतु बड़ी मात्रा में पाठ डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है।
    • यह विषयों की एक विस्तृत शृंखला के लिये प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे प्रश्नों का उत्तर देना, स्पष्टीकरण प्रदान करना और संवाद में शामिल होना।
    • ChatGPT "अनुवर्ती प्रश्नों" का उत्तर दे सकता है और "अपनी गलतियों को स्वीकार कर सकता है, गलत धारणाओं को चुनौती दे सकता है, साथ ही अनुचित अनुरोधों को अस्वीकार कर सकता है।"
    • चैटबॉट को रीइन्फोर्समेंट लर्निंग फ्रॉम ह्यूमन फीडबैक (RLHF) का उपयोग करके भी प्रशिक्षित किया गया था।
  • सीमाएँ: 
    • चैटबॉट में स्पष्ट रूप से नस्लीय और लैंगिक पूर्वाग्रह देखने को मिले जो लगभग सभी AI मॉडल की समस्या है।
    • चैटबॉट के उत्तर व्याकरणिक रूप से सही होते हैं, यह अच्छी तरह से पढ़ भी सकता है,  हालाँकि कुछ शोधकर्त्ताओं के अनुसार, इसमें संदर्भ एवं सार को समझने में समस्या है और यह काफी हद तक सच है।
    • ChatGPT कभी-कभी गलत जानकारी प्रदान करता है और वर्ष 2021 से पहले हुई वैश्विक घटनाएँ इसके ज्ञान की सीमा है।

ChatGPT से संबद्ध नैतिक चिंताएँ: 

  • खतरनाक कोडिंग: कुछ उपयोगकर्त्ता चैटबॉट की क्षमता का गलत उपयोग कर रहे हैं और इसके बारे में दावे भी किये जाते रहते हैं।
  • फिशिंग ईमेल की उत्पत्ति: फ़िशिंग ईमेल या दुर्भावनापूर्ण कोड लिखने के अनुरोधों को अस्वीकार करने के लिये ChatGPT की स्थापना की गई, लेकिन वास्तव में यह उत्कृष्ट फिशिंग ईमेल की उत्पत्ति में मदद कर रहा है।
  • पक्षपाती डेटा/सूचना का निर्माण: उत्पन्न किये गए कोड में पूर्वाग्रह की संभावना भी चिंता का विषय है
  • रोज़गार के अवसर को कम करना: एक चिंता यह है कि कोड जनरेटर के उपयोग से मानव प्रोग्रामर के रोज़गार का नुकसान हो सकता है।
  • प्लेगरिज़्म चोकपॉइंट: शिक्षाविदों में साहित्यिक चोरी (प्लेगरिज़्म) कोई नया मुद्दा नहीं है, लेकिन ChatGPT ने बता दिया है कि मूल लेखन का उत्पादन करने के लिये AI का उपयोग कैसे किया जाता है। परिणामस्वरूप चोरी की गई जानकारी की पहचान करना मुश्किल है।  शिक्षकों एवं शिक्षाविदों ने भी लिखित असाइनमेंट पर ChatGPT के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।   

आगे की राह  

  • संदर्भ को समझने और प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता में सुधार करना, जैसे किसी विशिष्ट विषय पर संवाद को बनाए रखने में सक्षम होना या किसी संदेश के स्वर तथा मंशा को समझना।
  • अधिक सटीक और सूचनात्मक प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न करने के लिये अपने ज्ञान के आधार एवं क्षमता को बढ़ाना।
  • अधिक उन्नत भाषा निर्माण क्षमताओं का विकास करना, जैसे कि सुसंगत एवं प्रेरक निबंध लिखने में सक्षम होना या रचनात्मक एवं आकर्षक कल्पना करना।
  • विभिन्न भाषाओं और बोलियों को समझने तथा प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता में सुधार करना।
  • अधिक उन्नत संवादात्मक क्षमताओं का विकास करना जैसे कि कई कार्यों को संभालना और अधिक जटिल वार्तालापों में संलग्न होना। 

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रभावी रूप से निम्नलिखित में से क्या कर सकता है? (2020)

औद्योगिक इकाइयों में बिजली की खपत कम करना

सार्थक लघु कथाएँ और गीत रचना

रोग निदान

पाठ से वाक् रूपांतरण

विद्युत ऊर्जा का वायरलेस ट्रांसमिशन

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5

(b) केवल 1, 3 और 4

(c) केवल 2, 4 और 5

(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू


दावोस शिखर सम्मेलन 2023: WEF

प्रिलिम्स के लिये:

चीफ इकोनॉमिस्ट आउटलुक, जलवायु पर वाणिज्य मंत्रियों का गठबंधन, पृथ्वी कार्रवाई को बढ़ावा।

मेन्स के लिये:

दावोस शिखर सम्मेलन 2023, विश्व आर्थिक मंच।

चर्चा में क्यों? 

वार्षिक विश्व आर्थिक मंच शिखर सम्मेलन का 53वाँ संस्करण स्विट्ज़रलैंड के दावोस में आयोजित किया गया।

  • थीम: “खंडित दुनिया में सहयोग” (Cooperation in a Fragmented World)।

Davos

दावोस शिखर सम्मेलन 2023 के प्रमुख बिंदु:

  • जलवायु पर वाणिज्य मंत्रियों का गठबंधन:
    • जलवायु पर वाणिज्य मंत्रियों का एक नया गठबंधन शुरू किया गया, जो जलवायु, व्यापार एवं सतत् विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये 50 से अधिक देशों को एक साथ लाता है।
    • विश्व भर के हितधारकों ने मुक्त व्यापार पर ज़ोर दिया। विखंडन द्वारा चिह्नित वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भी ‘मुक्त व्यापार प्रणाली’, जिसने वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान दिया है तथा मानवता की स्वतंत्रता को बढ़ाया है तथा सार्वजनिक हित में है जिसे कभी छोड़ा नहीं जा सकता है। 
  • चीफ इकोनॉमिस्ट आउटलुक:
    • चीफ इकोनॉमिस्ट आउटलुक लॉन्च किया गया था, जिसने एक स्वर में कहा कि सर्वेक्षण में शामिल दो-तिहाई लोगों ने वर्ष 2023 में वैश्विक मंदी की संभावना जताई है।
    • यह आर्थिक परिदृश्य में प्रमुख रुझानों की पड़ताल करता है जिसमें विकास, मुद्रास्फीति तथा मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति की संभावनाएँ शामिल हैं। 
    • यह हरित संक्रमण, डिजिटल संक्रमण एवं भविष्य की नौकरियों के लिये वर्तमान तथा भविष्य के कार्यबल को तैयार करने हेतु कौशल के महत्त्व का आह्वान करता है। 
  • गिविंग टू एम्पलीफाई अर्थ एक्शन:
    • जलवायु संकट के लिये वित्तपोषण की समस्या को दूर करने हेतु तथा परोपकारी पूंजी का लाभ उठाने के लिये एक नई पहल गिविंग टू एम्पलीफाई अर्थ एक्शन (GAEA) शुरू की गई थी।  
    • यह जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण से निपटने हेतु सार्वजनिक और निजी स्रोतों से हर साल आवश्यक 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद करने के लिये लोकोपकारी पूंजी का उपयोग करेगा।
      • वर्ष 2021 में, लोकोपकारी कोष कुल 810 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, किंतु यह केवल 2% उत्सर्जन को कम करने हेतु पर्याप्त था।
    • GAEA is a ground-breaking initiative supported by more than 45 major philanthropic, public and private sector partners. 
    • जीएईए 45 से अधिक प्रमुख लोकोपकारी, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के भागीदारों द्वारा समर्थित एक अभूतपूर्व पहल है।
  • वैश्विक ग्राम सहयोग:
    • WEF ने अपने स्वयं के मेटावर्स प्लेटफॉर्म के रोलआउट की घोषणा की है, जिसे ग्लोबल कोलेबोरेशन विलेज कहा जाता है।  
    • डिजिटल दुनिया, दावोस शहर की तरह दिखने के लिये डिज़ाइन की गई है जहाँ संगठन की बैठक वर्ष में एक बार होती है, यह विश्व के नेताओं के बीच अधिक कुशल सहयोग को बढ़ावा देती है।

भारतीय परिप्रेक्ष्य

  • भारत की भागीदारी: 
    • इस वर्ष भारत के साथ फोरम के सहयोग के 36 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
    • शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्त्व एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा किया जाता है जिसमें  केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, व्यापारिक नेता आदि शामिल होते हैं।
  • ध्यानाकर्षण क्षेत्र:
    • WEF में भारत के फोकस क्षेत्र निवेश के अवसर, बुनियादी ढाँचा परिदृश्य और इसके समावेशी एवं सतत् विकास रहे। 
  • भारत का लचीलापन और आर्थिक प्रक्षेपवक्र(Trajectory):
    • भारत ने कोविड-19 संकट के बाद से कई बाधाओं को पार किया है तथा खुद को सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है।   
    • भारत के मज़बूत आर्थिक विकास के संदर्भ कुछ प्रमुख संकेतकों में जैसे विश्व बैंक के नवीनतम भारत विकास अपडेट के अनुसार, वित्त वर्ष 2012-23 में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि वित्त वर्ष 21-22 के 8.7% की तुलना में 6.9% रहने की उम्मीद है।
  • 'इंडिया एट 100 : रियलाईज़िंग द पोटेंशियल ऑफ 26 ट्रिलियन इकॉनमी': 
    • शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारत द्वारा ''इंडिया एट 100 : रियलाईज़िंग द पोटेंशियल ऑफ 26 ट्रिलियन इकॉनमी'' नामक रिपोर्ट लॉन्च की गई।
    • इस रिपोर्ट के अनुसार, देश की आज़ादी के 100वें वर्ष 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 26 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगी।
    • यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पथ को रेखांकित करता है और आने वाले दशकों में किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था के उच्चतम स्तर तक पहुँचने का अनुमान व्यक्त करता है।

नोट: पूर्वी स्विट्ज़रलैंड के रेहतियन आल्प्स में लैंडवास्सर नदी पर स्थित दावोस दो गाँवों दावोस-प्लैट्स और दावोस-डोर्फ से मिलकर बना एक रेज़ोर्ट शहर है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम: 

  • परिचय:
    • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक स्विस गैर-लाभकारी संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुई थी।
    • स्विस सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • मिशन:
    • WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापार, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र और समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।
  • संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष:  क्लॉस  श्वाब (Klaus Schwab)।
  • WEF द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्टों में से कुछ निम्नलिखित हैं: 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन विश्व के देशों के लिये “सार्वभौम लैंगिक अंतराल सूचकांक (ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स)” का श्रेणीकरण प्रदान करता है? (2017) 

(a) विश्व आर्थिक मंच 
(b) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद 
(c)  UN वुमन 
(d) विश्व स्वास्थ्य संगठन 

उत्तर: (a) 


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन विश्व आर्थिक मंच का संस्थापक है? (2009) 

(a) क्लॉस श्वाब 
(b) जॉन केनेथ गाॅलब्रैथ 
(c) रॉबर्ट ज़ूलिक
(d) पॉल क्रुगमैन 

उत्तर (a) 


प्रश्न. वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट किसके द्वारा प्रकाशित की जाती है? (2019)

(a) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 
(b) व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 
(c) विश्व आर्थिक मंच 
(d) विश्व बैंक 

उत्तर: (c)

Source: IE