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विश्व युवा कौशल दिवस: नमदा कला, भारत 2.0 के लिये AI
प्रिलिम्स के लिये:विश्व युवा कौशल दिवस, नमदा कला, भारत 2.0 के लिये AI, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना मेन्स के लिये:भारत में कौशल विकास के प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
स्किल इंडिया परियोजना ने विश्व युवा कौशल दिवस (15 जुलाई) के अवसर पर ब्रिटेन में निर्यात के लिये नमदा कला उत्पादों की पहली खेप जारी कर जम्मू-कश्मीर की लुप्त होती नमदा कला को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
- इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा भारत 2.0 के लिये AI भी लॉन्च किया गया।
विश्व युवा कौशल दिवस:
- परिचय:
- प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- यह दिन युवाओं को श्रम बाज़ार के लिये तैयार करने और समाज में उनकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने में कौशल विकास की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।
- यह युवाओं को रोज़गार, उचित कार्य और उद्यमिता के लिये कौशलपूर्ण बनाने के रणनीतिक महत्त्व को दर्शाता है।
- पृष्ठभूमि:
- वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नामित।
- विश्व युवा कौशल दिवस की थीम:
- परिवर्तनकारी भविष्य के लिये शिक्षकों, प्रशिक्षकों और युवाओं को कुशल बनाना (Skilling Teachers, Trainers, and Youth for a Transformative Future)।
नमदा कला:
- उत्पत्ति व परिचय:
- मुगल सम्राट अकबर द्वारा अपने घोड़ों को ढकने के लिये विकल्पों की तलाश के साथ ही नमदा कला की शुरुआत 16वीं शताब्दी में की गई।
- इसकी शुरुआत कश्मीर के सूफी संत शाह-ए-हमदान द्वारा की गई थी।
- निर्माण और सामग्री:
- नमदा भेड़ के ऊन का उपयोग करके बनाई गई एक प्रकार की पारंपरिक कश्मीरी फेल्टेड कालीन है।
- इसमें ऊन की, एक प्रक्रिया जिसे फेल्टिंग के नाम से जाना जाता है, विशिष्ट बनावट की जाती है।
- विनिर्माण प्रक्रिया:
- नमदा कालीन आमतौर पर ऊन की एक परत के उपर ऊन की दूसरी परत और इसी प्रकार कई परतें बिछाकर बनाई जाती है।
- एक उपकरण जिसे "पिंजरा" (वोवेन विलो विकर) के नाम से जाना जाता है, का उपयोग प्रत्येक परत पर जल छिड़कने के बाद उसे दबाने के लिये किया जाता है।
- एक ठोस और टिकाऊ कालीन बनाने के लिये परतों को संपीड़ित किया जाता है।
- पतन और पुनरुद्धार:
- कच्चे माल की कम उपलब्धता, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों की कमी के कारण वर्ष 1998 से वर्ष 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100% की गिरावट आई है।
- इसलिये प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंर्तगत कौशल भारत परियोजना ने इस लुप्तप्राय शिल्प को संरक्षित करने के लिये एक अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया है।
- इस पहल के अंर्तगत प्रदान किये गए प्रशिक्षण ने स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाया है और साथ ही यह भविष्य की पीढ़ियों के लिये इस पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने में सहायता प्रदान करेगी।
- कश्मीर भी विभिन्न उत्पादों के लिये GI पंजीकरण की मांग कर रहा है, जिसमें कश्मीर नमदा और गब्बा (दो प्रकार के घाटी-विशिष्ट ऊनी गलीचे),वाग्गुव (ईख एवं धान के भूसे से बनी चटाई), शिकारा तथा कश्मीर विलो बैट शामिल हैं।
- कच्चे माल की कम उपलब्धता, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों की कमी के कारण वर्ष 1998 से वर्ष 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100% की गिरावट आई है।
शिल्प |
राज्य |
अरनमुला कन्नादी |
केरल |
बंगाल पट्टचित्र |
पश्चिम बंगाल |
बस्तर ढोकरा |
छत्तीसगढ़ |
पीतल की कढ़ाई वाले नारियल के खोल शिल्प |
केरल |
चंबा रुमाल |
हिमाचल प्रदेश |
चंदेरी फेब्रिक |
मध्य प्रदेश |
छाऊ मुखौटा नृत्य |
पश्चिम बंगाल |
डोकरा |
पश्चिम बंगाल |
कांचीपुरम सिल्क |
तमिलनाडु |
कश्मीर पश्मीना |
जम्मू और कश्मीर |
कुल्लू शॉल |
हिमाचल प्रदेश |
लखनऊ चिकन शिल्प |
उत्तर प्रदेश |
मधुबनी चित्रकला |
बिहार |
मदुर काठी |
पश्चिम बंगाल |
मैसूर रेशम |
कर्नाटक |
पोचमपल्ली इकत |
तेलंगाना |
राजस्थानी कठपुतली |
राजस्थान |
सलेम वस्त्र |
तमिलनाडु |
सोलापुर चादर |
महाराष्ट्र |
पंचमुरा का टेराकोटा |
पश्चिम बंगाल |
तंजावुर चित्रकला |
तमिलनाडु |
कुशमंडी का लकड़ी का मुखौटा |
पश्चिम बंगाल |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना:
- परिचय:
- यह वर्ष 2015 में प्रारंभ किये गए कौशल भारत मिशन के अंर्तगत एक प्रमुख योजना है।
- इसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक भारत में 40 करोड़ से अधिक लोगों को बेहतर आजीविका और सामाजिक सम्मान के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करना है।
- PMKVY 1.0:
- प्रारंभ: 15 जुलाई, 2015 को विश्व युवा कौशल दिवस पर प्रस्तुत किया गया।
- उद्देश्य: कौशल प्रमाणन के लिये निःशुल्क अल्पकालिक प्रशिक्षण और मौद्रिक पुरस्कार प्रदान करके कौशल विकास को प्रोत्साहित करना।
- PMKVY 2.0 (वर्ष 2016-20):
- कवरेज: मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत आदि मिशनों के साथ अधिक तालमेल के लिये कदम बढ़ाया गया।
- वित्तपोषण और लक्ष्य: NSDC:राज्य सरकारें = 75:25।
- परिणाम: PMKVY 1.0 एवं 2.0 के अंर्तगत 1.2 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
- PMKVY 3.0 (वर्ष 2020-22):
- कार्यक्षेत्र: यह योजना 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 717 ज़िलों में लॉन्च की गई।
- कार्यान्वयन: राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों एवं ज़िलों की भागीदारी और समर्थन में वृद्धि के साथ विकेंद्रीकृत संरचना की स्थापना।
- विशेषताएँ:
- न्यू ऐज एंड इंडस्ट्री 4.0 आधारित रोज़गार भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करना।
- व्यावसायिक शिक्षा और प्रारंभिक कौशल विकास पर बल देना।
- स्थानीय रोज़गार के अवसरों की पहचान करने के लिये बॉटम-अप दृष्टिकोण को अपनाना।
- PMKVY 4.0 (वर्ष 2023-26):
- कार्यक्षेत्र:
- इस योजना के नवीनतम चरण की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की गई।
- यह ऑन-जॉब प्रशिक्षण, उद्योग साझेदारी और उद्योग की ज़रूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखण पर बल देगा।
- कार्यान्वयन:
- NSDC द्वारा कार्यान्वित किये जाने पर राज्य सरकारें, उद्योग संघ तथा अन्य हितधारक इसमें शामिल होंगे।
- कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री के अधीन एक अधिकार प्राप्त समिति द्वारा इसकी निगरानी की जाएगी।
- विशेषताएँ:
- AI, ब्लॉकचेन, मोबाइल रिपेयरिंग, वाहन रखरखाव और प्रबंधन आदि से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण तथा प्रमाणन प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को संरेखित करना।
- यह उम्मीदवारों को सॉफ्ट स्किल, उद्यमिता, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- कार्यक्षेत्र:
- कौशल विकास के लिये अन्य पहल:
- संकल्प
- STRIVE परियोजना
- कौशल विकास हेतु तेजस पहल
- कौशल विकास में अनिवार्य CSR व्यय: कंपनी अधिनियम के तहत अनिवार्य CSR खर्च, 2013 के कार्यान्वयन के बाद से भारत में निगमों ने विविध सामाजिक परियोजनाओं में 100,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
AI फॉर इंडिया 2.0:
- परिचय:
- AI फॉर इंडिया 2.0 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर केंद्रित एक मुफ्त ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम AI फॉर इंडिया 1.0 की निरंतरता है जिसे 24 फरवरी, 2021 को लॉन्च किया गया था। AI फॉर इंडिया 1.0 एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम था जिसमें AI के विकास में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली पायथन प्रोग्रामिंग भाषा पर एक पूरक पाठ्यक्रम प्रदान किया गया था।
- यह स्किल इंडिया और IIT मद्रास इनक्यूबेटेड स्टार्टअप GUVI के बीच एक संयुक्त सहयोग है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम के पूरा होने पर अर्जित AI कौशल की पहचान और प्रमाणीकरण सुनिश्चित होता है।
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य AI कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके भारत के युवाओं का भविष्य-सुरक्षित बनाना है।
- भारतीय युवाओं को अग्रणी AI कौशल से समृद्ध करना।
- रोज़गार क्षमता और कौशल विकास को बढ़ावा देना।
- प्रत्यायन:
- राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (National Council for Vocational Education and Training- NCVET) और IIT मद्रास द्वारा मान्यता प्राप्त।
- मुख्य विशेषताएँ:
- अभिगम्यता:
- यह पूरे देश में AI शिक्षण की अभिगम्यता की कल्पना करता है।
- अत्याधुनिक तकनीकों से युवाओं को सशक्त बनाना।
- भाषायी समावेशिता:
- भारतीय भाषाओं में AI कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- प्रौद्योगिकी शिक्षा में भाषा संबंधी बाधा को संबोधित करती है।
- प्रौद्योगिकी प्रगति:
- प्रौद्योगिकी-अनुकूल देश के रूप में यह भारत की स्थिति में योगदान देता है।
- अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण का विस्तार।
- अभिगम्यता:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रीलिम्स:प्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:(2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) व्याख्या:
मेन्स:प्रश्न. भारत में जनांकिकीय लाभांश तब तक सैद्धांतिक ही बना रहेगा जब तक कि हमारी जनशक्ति अधिक शिक्षित, जागरूक, कुशल और सृजनशील नहीं हो जाती। सरकार ने हमारी जनसंख्या को अधिक उत्पादनशील और रोज़गार-योग्य बनने की क्षमता में वृद्धि के लिये कौन-से उपाय किये हैं? (2016) |
स्रोत : पी.आई.बी.
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-UAE स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली
प्रिलिम्स के लिये:स्थानीय मुद्रा प्रतिभूति संस्थान, भारत-UAE, भारतीय रुपया, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI), UAE का त्वरित भुगतान प्लेटफाॅर्म, भारत-UAE व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता मेन्स के लिये:भारत-UAE के बीच स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली |
चर्चा में क्यों?
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सीमा पार लेन-देन के लिये भारतीय रुपए (INR) और संयुक्त अरब अमीरात दिरहम (AED) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (LCSS) स्थापित करने हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- हाल ही में इस समझौते पर प्रधानमंत्री की अबू धाबी, UAE की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किये गए थे।
नोट: RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार के रुपए में निपटान के लिये एक रूपरेखा की घोषणा की, जिसका लक्ष्य मुख्य रूप से रूस के साथ व्यापार है लेकिन इसे ठोस तरीके से आगे बढ़ाया जाना अभी बाकी है।
प्रमुख समझौते
- LCSS:
- इसमें सभी चालू खाता लेन-देन और अनुमत पूंजी खाता लेन-देन शामिल हैं।
- LCSS निर्यातकों और आयातकों को उनकी संबंधित घरेलू मुद्राओं में भुगतान करने में सक्षम बनाएगा और INR-AED विदेशी मुद्रा बाज़ार के विकास को सक्षम करेगा।
- इससे संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों द्वारा प्रेषण सहित लेन-देन लागत और निपटान समय कम हो जाएगा।
- भारत अपने चौथे सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्तिकर्त्ता (वित्त वर्ष 22-23 में) UAE से तेल और अन्य वस्तुओं के आयात के भुगतान के लिये इस तंत्र का उपयोग कर सकता है।
- UPI-IPP:
- दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को UAE के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) और RuPay स्विच एवं UAESWITCH के साथ जोड़ने पर सहयोग करने हेतु हस्ताक्षर किये हैं।
- UPI-IPP लिंक दोनों देशों के उपयोगकर्त्ताओं को तेज़, सुरक्षित और लागत प्रभावी सीमा पार स्थानांतरण करने में सक्षम बनाएगा।
- कार्ड स्विचों को जोड़ने से घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेन-देन की प्रक्रिया में आसानी होगी।
- समझौता ज्ञापनों पर RBI और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई के संबंधित गवर्नरों द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
- वे भारत के स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (SFMS) को UAE के भुगतान मैसेजिंग सिस्टम के साथ जोड़ने के बारे में भी पता लगाएंगे।
- दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को UAE के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (IPP) और RuPay स्विच एवं UAESWITCH के साथ जोड़ने पर सहयोग करने हेतु हस्ताक्षर किये हैं।
- अबू धाबी में स्थापित किया जाएगा IIT दिल्ली परिसर:
- अबू धाबी में IIT दिल्ली परिसर की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- नया समझौता ज्ञापन ‘IIT गो ग्लोबल’ अभियान में शामिल है।
- यह IIT मद्रास ज़ांज़ीबार, तंज़ानिया के बाद दूसरा अंतर्राष्ट्रीय IIT परिसर होगा।
- इस डिग्री की शुरुआत वर्ष 2024 से होगी, जिसमें ऊर्जा एवं स्थिरता, AI, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा, गणित, कंप्यूटिंग और इंजीनियरिंग, विज्ञान तथा मानविकी के अन्य विषय जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।
- अबू धाबी में IIT दिल्ली परिसर की स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
रुपए आधारित सीमा पार लेन-देन का महत्त्व:
- भारत द्वारा भारतीय निर्यातकों के घाटे को सीमित करने के लिये रुपए आधारित व्यापार में विनिमय दर के जोखिमों को कम करने का मार्ग खोजा जा रहा है।
- रुपया-आधारित लेन-देन डॉलर की मांग को कम करने के लिये रुपए का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में भारत की एक ठोस नीतिगत प्रयास का हिस्सा है।
- रूस के अतिरिक्त अफ्रीका, खाड़ी क्षेत्र, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों ने भी रुपए में व्यापार के संदर्भ में रुचि व्यक्त की थी।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को स्थानीय मुद्रा में निपटाने की RBI की योजना आयातकों को रुपए में भुगतान करने की अनुमति देगी, जिसे भागीदार देश के संपर्की बैंक (Correspondent Bank) के विशेष खाते में जमा किया जाएगा, साथ ही निर्यातकों को निर्दिष्ट विशेष खाते में शेष राशि से भुगतान प्राप्त करने की अनुमति होगी।
भारत-संयुक्त अरब अमीरात द्विपक्षीय संबंध:
- राजनयिक गठबंधन:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किये।
- द्विपक्षीय संबंधों में तब और अधिक वृद्धि हुई जब अगस्त 2015 में भारत के प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा ने दोनों देशों के बीच एक नई रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की।
- इसके अतिरिक्त जनवरी 2017 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा के दौरान यह सहमति बनी कि द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में उन्नत किया जाएगा।
- इससे भारत-संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के लिये बातचीत शुरू करने में सफलता मिली।
- द्विपक्षीय व्यापार:
- वर्ष 2022-23 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। साथ ही वर्ष 2022-23 में संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है।
- भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है तथा वर्ष 2022 में संयुक्त अरब अमीरात कच्चे तेल का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्त्ता था।
- भारत वर्ष 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश बन गया था।
- संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में फूड पार्कों की एक शृंखला विकसित करने के लिये 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है जो अपनी अधिकांश खाद्य आवश्यकताओं का आयात करता है।
- अनेक भारतीय कंपनियों ने संयुक्त अरब अमीरात में सीमेंट, निर्माण सामग्री, कपड़ा, इंजीनियरिंग उत्पाद, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं आदि के लिये संयुक्त उद्यम के रूप में या विशेष आर्थिक क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित की हैं।
- इसके अतिरिक्त अनेक भारतीय कंपनियों ने पर्यटन, आतिथ्य, खानपान, स्वास्थ्य, खुदरा और शिक्षा क्षेत्रों में भी निवेश किया है।
- वर्ष 2022-23 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। साथ ही वर्ष 2022-23 में संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया है।
- रक्षा अभ्यास:
- द्विपक्षीय:
- भारत-UAE BILAT (द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास)
- डेज़र्ट ईगल-II (द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास)
- डेज़र्ट फ्लैग अभ्यास-VI: UAE
- बहुपक्षीय:
- पिच ब्लैक: ऑस्ट्रेलिया का द्विवार्षिक, बहुपक्षीय हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास।
- रेड फ्लैग: संयुक्त राज्य अमेरिका का बहुपक्षीय हवाई अभ्यास।
- द्विपक्षीय:
आगे की राह
- भारत-UAE की LCSS संभावित रूप से अन्य द्विपक्षीय मुद्रा समझौतों के लिये आधार के रूप में काम कर सकती है, यह रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहला कदम है।
- हालाँकि यह विचार प्रशंसनीय है, परंतु इसकी वास्तविक सफलता दोनों देशों के व्यवसायों द्वारा इसे अपनाने की सीमा पर निर्भर करेगी।
- प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे का विकास, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में निरंतर सहयोग भारत तथा UAE के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017) |