उत्तर प्रदेश Switch to English
NIA मानव तस्करी सिंडिकेट की जाँच करेगी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने मानव तस्करी के एक गिरोह की जाँच के तहत छह राज्यों में 22 स्थानों पर छापे मारे, जो युवाओं को साइबर धोखाधड़ी में शामिल कॉल सेंटरों में काम करने के लिये लुभाता है।
मुख्य बिंदु
- ये तलाशी बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में की गई।
- इसकी उत्पत्ति बिहार के गोपालगंज में दर्ज एक पुलिस रिपोर्ट से हुई है, जिसमें एक संगठित सिंडिकेट शामिल है जो नौकरी दिलाने के बहाने भारतीय युवाओं को विदेश में तस्करी के लिये ले जाता है।
- तस्करी के माध्यम द्वारा लाए गए लोगों को फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिये मज़बूर किया जाता था। ये कॉल सेंटर साइबर धोखाधड़ी के काम में संलिप्त थे।
- मानव तस्करी:
- यह लोगों के अवैध व्यापार और शोषण को संदर्भित करता है, आमतौर पर जबरन श्रम, यौन शोषण या अनैच्छिक दासता के प्रयोजनों के लिये।
- इसमें शोषण के उद्देश्य से धमकी, बल, दबाव, अपहरण, धोखाधड़ी या छल के माध्यम से व्यक्तियों की भर्ती, परिवहन, स्थानांतरण, आश्रय या प्राप्ति शामिल है।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA)
- परिचय:
- NIA भारत की केंद्रीय आतंकवाद निरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है, जिसे भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी अपराधों की जाँच करने का अधिकार है। इसमें शामिल हैं:
- विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध।
- परमाणु एवं नाभिकीय सुविधाओं के विरुद्ध।
- हथियारों, नशीले पदार्थों और जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी तथा सीमा पार से घुसपैठ।
- संयुक्त राष्ट्र, उसकी एजेंसियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की अंतर्राष्ट्रीय संधियों, समझौतों, सम्मेलनों और प्रस्तावों को लागू करने के लिये बनाए गए वैधानिक कानूनों के तहत अपराध।
- इसका गठन राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) अधिनियम, 2008 के तहत किया गया था।
- एजेंसी को गृह मंत्रालय की लिखित घोषणा के तहत राज्यों से विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जाँच करने का अधिकार है।
- NIA भारत की केंद्रीय आतंकवाद निरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है, जिसे भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी अपराधों की जाँच करने का अधिकार है। इसमें शामिल हैं:
- मुख्यालय: नई दिल्ली
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