झारखंड Switch to English
फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट
चर्चा में क्यों?
झारखंड में तिलाया, कोनार, मैथन और पंचेत (बंगाल-झारखंड) सहित दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (DVC) से संबंधित सभी बाँधों में फ्लोटिंग सौर परियोजनाएँ स्थापित की जाएंगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 50 मेगावाट होगी।
प्रमुख बिंदु
- पेरिस समझौते को ध्यान में रखते हुए इन सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है तथा DVC के सभी बाँधों पर फ्लोटिंग सौर परियोजनाएँ स्थापित की जाएंगी।
- DVC का उद्देश्य फ्लोटिंग सोलर और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अपनी अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है। DVC की योजना वर्ष 2030 के अंत तक अपनी विद्युत् उत्पादन क्षमता को 10,000 मेगावाट तक बढ़ाना है।
- सक्रिय थर्मल इकाइयों के साथ-साथ निष्क्रिय थर्मल इकाइयों की अधिशेष भूमि पर भी सौर इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी।
- लुगु हिल्स में एक 1500 मेगावाट पंप स्टोरेज प्लांट भी प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा जल्द ही बोकारो थर्मल प्लांट की बी प्लांट यूनिट में एक सौर ऊर्जा इकाई स्थापित कि जाएगी।
Switch to English