मध्य प्रदेश Switch to English
प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (21 अप्रैल 2025) के अवसर पर मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग को "साइबर तहसील पहल" के लिये प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया।
मुख्य बिंदु
- साइबर तहसील पहल के बारे में:
- यह पहल प्रदेश में भूमि नामांतरण सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल, प्रभावी और नागरिकों के अनुकूल बनाने में सफल रही है।
- एकीकृत प्रणाली से न्यायालयों का प्रबंधन और प्रकरणों का निपटारा त्वरित और निष्पक्ष होता है।
- इस पहल से पारदर्शिता बढ़ी है और नागरिक अब अपने नामांतरण मामले की स्थिति को रिजल्ट्स और कस्टमर मैनेजमेंट सिस्टम (RCMS) पोर्टल के माध्यम से ट्रैक कर सकते हैं।
- राज्य में 1 लाख 50 हज़ार से अधिक प्रकरणों का निपटारा किया जा चुका है।
- तहसील कार्यालयों पर नामांतरण प्रकरणों के कार्यभार में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है।
- रियल-टाइम अपडेट, वेब GIS, संपदा और सारा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के एकीकरण से प्रक्रिया और सुगम हो गई है।
- इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है और अन्य राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड ने इसे अपनाने में रुचि दिखाई है।
वेब GIS
- यह इंटरनेट के माध्यम से भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) के उपयोग को संदर्भित करता है, जो ऑनलाइन भौगोलिक डाटा को साझा करने, दृश्य प्रस्तुत करने और विश्लेषण करने की अनुमति देता है।
- यह उपयोगकर्त्ताओं को मानचित्रों और स्थानिक डाटा के साथ दूरस्थ रूप से इंटरएक्ट करने और उसे एक्सेस करने में सक्षम बनाता है, जिससे सहयोग और जानकारी के व्यापक प्रसार को बढ़ावा मिलता है।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस
- परिचय
- यह हर साल 21 अप्रैल को पूरे भारत में मनाया जाता है। यह दिन उन सभी अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिये समर्पित है, जो देश के विभिन्न सार्वजनिक विभागों में काम करते हुए भारत की प्रशासनिक प्रणाली को मज़बूती से चलाते हैं। साथ ही, यह दिन सिविल सेवकों को यह याद दिलाने का भी कार्य करता है कि उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी देश के नागरिकों की सेवा करना है।
- सिविल सेवक, विशेष रूप से उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्यरत, नीतिगत निर्णयों को निर्धारित करने और उन्हें लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। IAS, IPS और अन्य उच्च पदों पर नियुक्त अधिकारी नागरिकों से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिये अक्सर ज़मीनी स्तर पर काम करते हैं।
- यह हर साल 21 अप्रैल को पूरे भारत में मनाया जाता है। यह दिन उन सभी अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिये समर्पित है, जो देश के विभिन्न सार्वजनिक विभागों में काम करते हुए भारत की प्रशासनिक प्रणाली को मज़बूती से चलाते हैं। साथ ही, यह दिन सिविल सेवकों को यह याद दिलाने का भी कार्य करता है कि उनकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी देश के नागरिकों की सेवा करना है।
- उद्देश्य
- भारत सरकार सिविल सेवा दिवस का आयोजन हर वर्ष इस उद्देश्य से करती है, ताकि सिविल सेवक अपनी सेवा के प्रति फिर से समर्पित हो सकें और सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पुनः नवीनीकरण कर सकें।
- इस दिन का चयन इसलिये किया गया था क्योंकि 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से संवाद करते हुए उन्हें 'भारत का स्टील फ्रेम' कहा था।
- यह शब्द इस बात को रेखांकित करता है कि सिविल सेवक प्रशासनिक व्यवस्था के मज़बूत स्तंभ होते हैं।

