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स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Apr 2024
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राजस्थान Switch to English

थार रेगिस्तान में वनस्पति की संभावना

चर्चा में क्यों?

वर्षा और जलवायु डेटा पर एक सिद्धांत के अनुसार, 'इंडियन ओशन वार्म पूल' (IOWP) पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण थार रेगिस्तान में वनस्पति की संभावना हो सकती है।

मुख्य बिंदु:

  • हिंद महासागर में IOWP की उपस्थिति को कई वर्षों से मान्यता प्राप्त है और यह मानसून के निर्माण में भूमिका निभाता है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से हिंद महासागर वार्मिंग पूल पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।
  • IOWP की पश्चिमी सीमा पर जल वाष्पित हो जाता है तथा पृथ्वी के घूर्णन से भारत की ओर खिंच/चला जाता है, जिससे उत्तर-पूर्व में 150 दिनों तक और उत्तर-पश्चिम में केवल 70 दिनों तक वर्षा होती है
  • IOWP के पश्चिम की ओर विस्तार के साथ, 'वर्षा के मौसम की अवधि' के परिणामस्वरूप भारत के अर्द्ध-शुष्क उत्तर-पश्चिम में औसत ग्रीष्मकालीन वर्षा में 50-100% की वृद्धि होगी।
  • मूलतः वैज्ञानिकों का तर्क है कि थार रेगिस्तान में पर्याप्त वर्षा होने के कारण इस क्षेत्र में धीरे-धीरे हरियाली होने की क्षमता है।

थार रेगिस्तान

  • थार रेगिस्तान, जिसे ग्रेट इंडियन डेज़र्ट (भारतीय महा मरुस्थल) के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप पर रेतीली पहाड़ियों का एक शुष्क क्षेत्र है।
  • यह विश्व के सबसे बड़े उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तानों में से एक है।
  • यह भारत में राजस्थान, गुजरात और हरियाणा राज्यों तथा पाकिस्तान में सिंध व पंजाब प्रांतों तक फैला हुआ है।
  • इसकी सीमा पश्चिम में सिंचित सिंधु नदी के मैदान, उत्तर और उत्तर-पूर्व में पंजाब के मैदान, दक्षिण-पूर्व में अरावली पर्वतमाला तथा दक्षिण में कच्छ के रण से लगती है।
  • यह रेगिस्तान कच्छ के ग्रेटर रण से पश्चिम में लूनी नदी की निचली दलदली भूमि से अलग होता है।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा के गुरुग्राम में सर्वाधिक मतदाता

चर्चा में क्यों?

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, 25 लाख से अधिक मतदाताओं के साथ गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में राज्य के किसी भी संसदीय क्षेत्र के मुकाबले सबसे अधिक मतदाता हैं।

मुख्य बिंदु:

  • हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों के लिये मतदान 25 मई 2024 को होगा और उसके बाद 4 जून 2024 को मतगणना होगी।
  • हरियाणा में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये चुनाव विभाग द्वारा कई अनूठी पहल की गई हैं, जिनमें वोटर इन क्यू ऐप लॉन्च करना, मतदाताओं को शादी के निमंत्रण के समान मतदान निमंत्रण भेजना और गुरुग्राम की बहुमंज़िला सोसायटियों में 31 मतदान केंद्र स्थापित करना शामिल है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी

  • यह भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव कराने के लिये भारत के निर्वाचन आयोग का प्रतिनिधित्व करने हेतु बनाया गया एक वैधानिक प्राधिकरण है।
  • भारत के संविधान ने अनुच्छेद 324 की शुरुआत के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी की शक्तियों को स्वतंत्र बना दिया।
  • इनके कर्त्तव्य और शक्तियाँ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13A के साथ उल्लिखित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20 में निहित हैं

हरियाणा Switch to English

नेशनल स्कूल बॉयज़ बास्केटबॉल चैम्पियनशिप

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव ने गुरुग्राम में 'नेशनल स्कूल बॉयज़ बास्केटबॉल चैंपियनशिप' का उद्घाटन किया।

मुख्य बिंदु:

  • 67वीं राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्त्वावधान में 27 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2024 तक गुरुग्राम के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में आयोजित की जा रही है।
  • इस टूर्नामेंट में देशभर से 17 वर्ष से कम उम्र के लड़कों की कुल 44 टीमें हिस्सा ले रही हैं।

स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया

  • स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया(SGFI) की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी।
  • इसे खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा मान्यता प्राप्त है।
  • SGFI इंटरनेशनल स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन और एशियन स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन का एक सक्रिय सदस्य है।
  • अपनी स्थापना के बाद से, SGFI भारत के स्कूलों में खेलों के प्रचार और विकास के लिये कार्य कर रहा है। यह भारत के स्कूलों में सभी खेलों का आधार है।


उत्तराखंड Switch to English

नैनीताल में वनाग्नि

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड में नैनीताल के निकट वनों में भीषण आग फैल गई। संकट ने भारतीय वायु सेना को भीषण आग पर काबू पाने में सहायता के लिये कर्मियों और Mi-17 हेलीकॉप्टरों को भेजने के लिये प्रेरित किया।

वनाग्नि ने कथित तौर पर 108 हेक्टेयर वन को नष्ट कर दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • बांबी बकेट ऑपरेशन के नाम से जाने जाने वाले ऑपरेशन में आग बुझाने के लिये हेलीकॉप्टर जल इकट्ठा कर रहे हैं और जेट-स्प्रे का उपयोग कर रहे हैं।
  • उत्तराखंड के वन विभाग के मुताबिक, राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में कुछ ही घंटों में वनाग्नि की 26 घटनाएँ हुईं।
    • जबकि पाँच घटनाएँ गढ़वाल क्षेत्र में हुईं जहाँ 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।
  • भारत के पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वन अनुसंधान संस्थान की वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार 95% वनाग्नि मनुष्यों के कारण होती है।
  • भारत में वनाग्नि के चार समूह हैं: उत्तर-पश्चिमी हिमालय, उत्तर-पूर्वी भारत, मध्य घाट और पश्चिमी एवं पूर्वी घाट।
    • उत्तर-पश्चिमी हिमालय में वनाग्नि का कारण चीड़ के पेड़ों की बहुतायत और घने ज्वलनशील अपशिष्ट का जमाव है।
    • गर्मियों के दौरान वन में भारी मात्रा में चीड़ की तीक्ष्ण-नुकीली पत्तियाँ एकत्रित हो जाती हैं, जो आग के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं और वनाग्नि का कारण बनती हैं।

बांबी बकेट ऑपरेशन

  • बांबी बकेट, जिसे हेलीकॉप्टर बकेट या हेलीबकेट भी कहा जाता है, एक विशेष कंटेनर है जिसे एक हेलिकॉप्टर के नीचे केबल द्वारा लटकाया जाता है और जिसे आग के ऊपर प्रवाहित करने से पहले नदी या तालाब में उतारा जा सकता है तथा बकेट के नीचे एक वाल्व खोलकर हवा में छोड़ा जा सकता है।
  • बांबी बकेट विशेष रूप से वनाग्नि से बचने या उसका सामना करने में सहायक है, जहाँ ज़मीन से पहुँचना मुश्किल या असंभव है। विश्व भर में वनाग्नि का सामना करने के लिये अक्सर हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया जाता है।

वनाग्नि

  • इसे बुश फायर/वेजिटेशन फायर या वनाग्नि भी कहा जाता है, इसे किसी भी अनियंत्रित और गैर-निर्धारित दहन या प्राकृतिक स्थिति जैसे कि जंगल, घास के मैदान, क्षुपभूमि (Shrubland) अथवा टुंड्रा में पौधों/वनस्पतियों के जलने के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जो प्राकृतिक ईंधन का उपयोग करती है तथा पर्यावरणीय स्थितियों (जैसे- हवा तथा स्थलाकृति आदि) के आधार पर इसका प्रसार होता है।
  • वनाग्नि के लिये तीन कारकों की उपस्थिति आवश्यक है और वे हैं- ईंधन, ऑक्सीजन एवं गर्मी अथवा ताप का स्रोत।
  • वर्गीकरण:
    • सतही आग: वनाग्नि अथवा दावानल की शुरुआत सतही आग (Surface Fire) के रूप में होती है जिसमें वन भूमि पर पड़ी सूखी पत्तियाँ, छोटी-छोटी झाड़ियाँ और लकड़ियाँ जल जाती हैं तथा धीरे-धीरे इनकी लपटें फैलने लगती हैं।
    • भूमिगत आग: कम तीव्रता की आग, जो भूमि की सतह के नीचे मौजूद कार्बनिक पदार्थों और वन भूमि की सतह पर मौजूद अपशिष्टों का उपयोग करती है, को भूमिगत आग के रूप में उप-वर्गीकृत किया जाता है। अधिकांश घने जंगलों में खनिज मृदा के ऊपर कार्बनिक पदार्थों का एक मोटा आवरण पाया जाता है।
      • इस प्रकार की आग आमतौर पर पूरी तरह से भूमिगत रूप में फैलती है और यह सतह से कुछ मीटर नीचे तक जलती है।
      • यह आग बहुत धीमी गति से फैलती है और अधिकांश मामलों में इस तरह की आग का पता लगाना तथा उस पर काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
      •  ये कई महीनों तक जलते रह सकते हैं और मृदा से वनस्पति तक के आवरण को नष्ट कर सकते हैं।
    • कैनोपी या क्राउन फायर: ये तब होता है जब वनाग्नि पेड़ों की ऊपरी आवरण/वितान के माध्यम से फैलती है, जो प्रायः तेज़ हवाओं और शुष्क परिस्थितियों के कारण भड़कती है। ये विशेष रूप से तीव्र और नियंत्रित करने में कठिन हो सकती हैं।
    • कंट्रोल्ड डेलीबरेट फायर: कुछ मामलों में, कंट्रोल्ड डेलीबरेट फायर, जिसे निर्धारित वनाग्नि या झाड़ियों की आगजनी के रूप में भी जाना जाता है, इच्छित तौर पर या जानबूझकर वन प्रबंधन एजेंसियों द्वारा ईंधन भार को कम करने, अनियंत्रित वनाग्नि के जोखिम को कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये लगाई जाती है।
    • जोखिमों को कम करने और वन पारिस्थितिकी तंत्र को अधिकतम लाभ पहुँचाने के लिये इन नियंत्रित अग्नि की सावधानीपूर्वक योजना बनाई जाती है तथा विशिष्ट परिस्थितियों में निष्पादित किया जाता है


बिहार Switch to English

बाल तस्करी

चर्चा में क्यों?

कथित तौर पर अवैध रूप से बिहार से उत्तर प्रदेश ले जाए जा रहे 95 बच्चों को उत्तर प्रदेश बाल आयोग ने बचाया।

  • धर्म के नाम पर चंदा कमाने के लिये बच्चों को दूसरे राज्यों में ले जाकर मदरसों में रखना संविधान का उल्लंघन है।

मुख्य बिंदु:

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग

  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights- NCPCR) की स्थापना वर्ष 2007 में बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी।
  • आयोग का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी कानून, नीतियाँ, कार्यक्रम और प्रशासनिक तंत्र भारत के संविधान एवं बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UN Convention on the Rights of the Child- UNCRC) में निहित बाल अधिकारों के परिप्रेक्ष्य के अनुरूप हैं।

बाल तस्करी (Child Trafficking)

  • यह घरेलू श्रम, उद्योगों में बलात् बाल श्रम और भीख मांगने, अंग व्यापार एवं व्यावसायिक यौन उद्देश्यों जैसी अवैध गतिविधियों के रूप में उजागर होता है।
  • वर्ष 2021 में, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB) ने एक चौंका देने वाला आँकड़ा प्रस्तुत किया: भारत में हर दिन औसतन आठ बच्चे तस्करी का शिकार होते हैं। इन मामलों में शोषण के विभिन्न रूप शामिल थे, जिनमें बलात् श्रम, भीख मांगना और यौन शोषण शामिल था।
  • ये आँकड़े एक चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करते हैं, जिनमें वर्ष 2018 में 2,834 मामले, वर्ष 2019 में 2,914 मामले और वर्ष 2020 में 2,222 मामले दर्ज किये गए।
    • यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि ये आँकड़े लापता बच्चों के मामलों को छोड़कर, केवल पुष्टि किये गए तस्करी के मामलों के हैं।
    • समस्या का वास्तविक दायरा इन आँकड़ों से कहीं अधिक बड़ा हो सकता है


उत्तर प्रदेश Switch to English

वर्ष 2025 के लिये महाकुंभ की तैयारी

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2025 में होने वाले भव्य दिव्य महाकुंभ के लिये कार्य कर रही है।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य सरकार बड़े धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले आगंतुकों के लिये बेहतरीन सुविधाएँ तैयार कर रही है।
    • कुंभ क्षेत्र में आवास की व्यवस्था के अलावा शहर में लग्जरी होटलों का निर्माण किया जा रहा है।
  • कुंभ मेला यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में आता है
  • कुंभ मेला पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा है, जिसके दौरान यात्री पवित्र नदी में स्नान करते हैं या डुबकी लगाते हैं।
    • यह नासिक में गोदावरी नदी के तट पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर, हरिद्वार में गंगा के तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना तथा पौराणिक नदी सरस्वती के संगम स्थल पर होता है। गंगा, यमुना तथा सरस्वती के संगम स्थल को 'संगम' कहा जाता है।
  • चूँकि यह भारत के चार अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है, इसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं जो इसे सांस्कृतिक रूप से विविध त्योहार बनाती हैं।
  • एक महीने तक चलने वाले इस मेले की विशेषता एक विशाल टेंट वाली टाउनशिप का निर्माण है, जो कॉटेज, झोपड़ियों, प्लेटफॉर्मों, नागरिक सुविधाओं, प्रशासनिक और सुरक्षा उपायों से परिपूर्ण है।
    • इसे सरकार, स्थानीय अधिकारियों और पुलिस द्वारा व्यवस्थित रूप से आयोजित किया जाता है।
  • यह मेला विशेष रूप से वनों, पहाड़ों और गुफाओं में दूरदराज़ के स्थानों से आए धार्मिक तपस्वियों की एक असाधारण शृंखला की उपस्थिति के लिये प्रसिद्ध है।


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