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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 Feb 2024
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उत्तर प्रदेश में जल्द ही 21 हवाई अड्डे होंगे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि विमानन क्षेत्र की तीव्र गति पर ज़ोर देते हुए यूपी 21 हवाई अड्डों वाला भारत का पहला राज्य बनने के लिये तैयार है।

मुख्य बिंदु:

  • केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के अनुसार, राज्य में पिछले 9 वर्षों में विमानन बुनियादी ढाँचे का तेज़ी से विकास हुआ है।
    • वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश में केवल 6 हवाई अड्डे थे और अब राज्य में 10 हवाई अड्डे हैं जिनमें अयोध्या में नव उद्घाटन हवाई अड्डा भी शामिल है।
    • यूपी में 5 और हवाई अड्डे होंगे, इनमें आज़मगढ़, अलीगढ, मोरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट में एक-एक हवाई अड्डा होगा।
  • राज्य के बजट 2024-25 के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतम बुद्ध नगर ज़िले के जेवर में आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिये 1,150 करोड़ रुपए आवंटित किये।
  • प्रस्तावित धनराशि भारत सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS-UDAN) और उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन संवर्धन नीति के उद्देश्यों के अनुरूप है।

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS-UDAN)

  • यह योजना नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय हवाई अड्डे के विकास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये शुरू की गई थी।
  • यह राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति 2016 का एक हिस्सा है।
  • यह योजना 10 वर्ष की अवधि के लिये लागू है।
  • उद्देश्य:
    • भारत के सुदूर और क्षेत्रीय क्षेत्रों में हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करना।
    • दूरस्थ क्षेत्रों का विकास और व्यापार एवं वाणिज्य तथा पर्यटन विस्तार को बढ़ाना।
    • आम लोगों को सस्ती दरों पर हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराना।
    • विमानन क्षेत्र में रोज़गार सृजन।

उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन प्रोत्साहन नीति

  • उत्तर प्रदेश की नागरिक उड्डयन प्रोत्साहन नीति वर्ष 2017 में शुरू की गई थी।
  • इसका इरादा राज्य में इस क्षेत्र के विकास के लिये आवश्यक दिशा प्रदान करना है।
  • प्रोत्साहन प्रदान करके RCS के तहत नए मार्गों के विकास के माध्यम से हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करना और यूपी के गैर-RCS हवाई अड्डों की इंटर-कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करना।
  • एयर कार्गो हब और पूर्ति केंद्रों के विकास का समर्थन करके यूपी में कृषि-निर्यात, अन्य खराब होने वाले सामान, विनिर्माण तथा ई-कॉमर्स व्यवसायों को बढ़ावा देना।
  • राज्य में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधाओं के विकास को सुविधाजनक बनाना।

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यूपी भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में सहायता करेगा

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कानपुर के साढ़ में रक्षा गलियारा में अडाणी समूह के गोला बारूद विनिर्माण परिसर का उद्घाटन किया।

मुख्य बिंदु:

  • उन्होंने बताया कि रक्षा गलियारे के सभी छह नोड रक्षा विनिर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
  • यूपी में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के लिये IIT कानपुर और IIT बीएचयू को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
  • सीएम ने यह भी घोषणा की कि नोएडा की स्थापना के 46 वर्ष बाद राज्य सरकार बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के रूप में एक नया औद्योगिक शहर स्थापित करने जा रही है।

यूपी का रक्षा औद्योगिक गलियारा

  • यह एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की विदेशी निर्भरता को कम करना है।
  • इसमें 6 नोड्स होंगे- अलीगढ़, आगरा, कानपुर, चित्रकूट, झाँसी और लखनऊ।
  • उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) को राज्य की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर इस परियोजना को निष्पादित करने के लिये नोडल एजेंसी बनाया गया था।
  • इस कॉरिडोर/गलियारे का उद्देश्य राज्य को सबसे बड़े और उन्नत रक्षा विनिर्माण केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करना एवं विश्व मानचित्र पर लाना है।

रक्षा गलियारा (Defence Corridor)

  • रक्षा गलियारा एक मार्ग या पथ को संदर्भित करता है जिसका उपयोग सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा रक्षा उपकरणों के घरेलू उत्पादन के साथ-साथ रक्षा बलों हेतु उपकरण/परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिये किया जाता है।
  • इससे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जिससे हमारा आयात कम होगा और अन्य देशों के लिये इन वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
  • यह प्रौद्योगिकियों के सहक्रियात्मक विकास के माध्यम से रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन प्रदान करेगा, MSME और स्टार्ट-अप सहित निजी घरेलू निर्माताओं के विकास को बढ़ावा देगा।


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