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झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 25 के लिये बजट पेश किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये 1.28 लाख करोड़ रुपए का बजट विधानसभा में पेश किया।
मुख्य बिंदु:
- वित्तीय वर्ष 25 के बजटीय अनुमान में वित्तीय वर्ष 24 के वार्षिक वित्तीय विवरण से 10% से अधिक की वृद्धि हुई।
- झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये 1.16 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था।
- नवगठित चंपई सोरेन सरकार का यह पहला बजट था।
- बजट गरीब लोगों, किसानों, आदिवासियों और महिलाओं सहित समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करेगा तथा राज्य के समग्र विकास को गति देगा।
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राष्ट्रपति झारखंड और ओडिशा के चार दिवसीय दौरे पर
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड और ओडिशा के चार दिवसीय दौरे पर हैं।
मुख्य बिंदु:
- राष्ट्रपति रांची में झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह और भांजा बिहार में बरहामपुर विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी।
- वह इसकी आधारशिला रखेंगी:
- रायरंगपुर, ओडिशा में केंद्र सरकार का हॉलिडे होम।
- रायरंगपुर में विभिन्न सड़क परियोजनाएँ और एक खेल परिसर।
- वह क्योंझर के गोनासिका में कदलीबाड़ी गाँव के विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगी।
- वह उद्घाटन करेंगी:
- बरसही में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय।
- 'क्योंझर की जनजातियों: जनसमूह, संस्कृति एवं विरासत' विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगी और नॉर्थ कैंपस में धरणीधर विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करेंगी।
- इसके बाद में वे कटक में ओडिशा ब्रह्माकुमारीज के स्वर्ण जयंती समारोह की शोभा बढ़ाएंगी। राष्ट्रपति मुर्मु भुवनेश्वर स्थित राजभवन में ओडिशा सरकार द्वारा पीएम जनमन की प्रस्तुति देखेंगी।
- वह ओडिशा के संबलपुर ज़िले में संथा कबी भीमा भोई से संबंधित विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगी और मिनी स्टेडियम, संबलपुर में महिमा पंथ के अनुयायियों से भी मिलेंगी।
विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs)
- PVTG एक अनुसूचित जनजाति अथवा अनुसूचित जनजाति के उस वर्ग का उप-वर्गीकरण है जिसे नियमित अनुसूचित जनजाति की तुलना में अधिक असुरक्षित माना जाता है। भारत सरकार ने उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिये PVTG सूची बनाई।
- भारत में 75 PVTG हैं जिसमें सबसे अधिक 13 ओडिशा में हैं तथा इसके बाद 12 आंध्र प्रदेश में हैं।
- अनुच्छेद 342(1): किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में राष्ट्रपति (राज्य के मामले में राज्यपाल से परामर्श के बाद) उस राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में जनजातियों/आदिवासी समुदायों/जनजातियों/आदिवासी समुदायों के हिस्से या समूहों को अनुसूचित जनजाति के रूप में निर्दिष्ट कर सकते हैं।
- किसी भी जनजाति, आदिवासी समुदाय, या किसी जनजाति तथा आदिवासी समुदाय के हिस्से एवं समूह को कानून के माध्यम से संसद द्वारा अनुच्छेद 342(1) के तहत जारी अधिसूचना में निर्दिष्ट ST की सूची में शामिल किया जा सकता है या हटाया जा सकता है; हालाँकि जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, को छोड़कर उक्त खंड के तहत जारी अधिसूचना किसी भी बाद की अधिसूचना से भिन्न नहीं होगी।
प्रधानमंत्री-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) योजना
- पीएम-जनमन एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाना है।
- यह योजना (केंद्रीय क्षेत्र तथा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के एकीकरण) जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों एवं PVTG समुदायों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी।
- यह योजना 9 संबंधित मंत्रालयों द्वारा देख-रेख किये जाने वाले 11 महत्त्वपूर्ण कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो PVTG वाले गाँवों में मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगी।
- इसमें पीएम-आवास योजना के तहत सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल तक पहुँच, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, पोषण, सड़क एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी के साथ-साथ स्थायी आजीविका के अवसर सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
- इस योजना में वन उपज के व्यापार के लिये वन धन विकास केंद्रों की स्थापना, 1 लाख घरों के लिये ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली तथा सौर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था शामिल है।
- इस योजना से PVTG के साथ भेदभाव एवं उनके बहिष्कार के विविध व प्रतिच्छेदन रूपों का समाधान कर राष्ट्रीय एवं वैश्विक विकास में उनके अद्वितीय व मूल्यवान योगदान को मान्यता और महत्त्व देकर PVTG के जीवन की गुणवत्ता तथा कल्याण में वृद्धि होने की उम्मीद है।
संथा कवि भीमा भोई
- भीमा भोई 19वीं सदी के ओडिशा राज्य के संत, कवि और समाज सुधारक थे।
- वह महिमा पंथ के संस्थापक महिमा स्वामी के अनुयायी थे।
- उन्हें उनकी आध्यात्मिक शिक्षाओं और उड़िया भजन तथा चौतिसा (भक्ति गीत) के रूप में साहित्यिक योगदान के लिये जाना जाता है।
- स्तुति चिंतामणि भीमा भोई की सबसे महत्त्वपूर्ण काव्य कृति मानी जाती है।
- अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों में ब्रह्म निरूपण गीता, अष्टक बिहारी गीता, चौतिसा मधु चक्र और भजनमाला शामिल हैं। दो संग्रह, अथा भजन और बंगला अथा भजन बंगाली भाषा में लिखे गए हैं।
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