राजस्थान सरकार कोचिंग छात्रों के लिये आत्महत्या रोकथाम विधेयक पेश करेगी | राजस्थान | 29 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि उसने कोचिंग छात्रों में आत्महत्या की रोकथाम के उद्देश्य से एक विधेयक पेश करने की योजना की घोषणा की है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया।
- यह कदम विशेष रूप से कोटा में, जिसे भारत का कोचिंग हब कहा जाता है, छात्रों की आत्महत्याओं में चिंताजनक वृद्धि के मद्देनज़र उठाया गया है।
मुख्य बिंदु
- कोटा में बढ़ती आत्महत्याएँ: वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक छह कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या कर ली है, जिससे लंबे समय से चली आ रही समस्या और बढ़ गई है। पिछले एक दशक में 127 आत्महत्या के मामले दर्ज किये गए हैं, जिनमें वर्ष 2023 में 26 और वर्ष 2024 में 17 मामले शामिल हैं।
- कोटा की प्रतिष्ठा पर प्रभाव: वर्तमान संकट ने कोचिंग हब के रूप में कोटा की स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जिसके कारण छात्रों के नामांकन में गिरावट आई है।
- मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता: छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामले वर्तमान उपायों की अपर्याप्तता को उजागर करते हैं तथा मानसिक स्वास्थ्य सहायता और तनाव प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता पर बल देते हैं।
स्वतः संज्ञान
- स्वतः संज्ञान (Suo Moto Cognizance) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है किसी सरकारी एजेंसी, न्यायालय या अन्य केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा स्वयं की आशंका के आधार पर की गई कार्रवाई।
- न्यायालय किसी कानूनी मामले का स्वतः संज्ञान तब लेता है जब उसे मीडिया या किसी तीसरे पक्ष की अधिसूचना के माध्यम से अधिकारों के उल्लंघन या कर्त्तव्य के उल्लंघन के संबंध में जानकारी प्राप्त होती है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 और अनुच्छेद 226 में क्रमशः सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में जनहित याचिका (PIL) दायर करने के प्रावधान निर्धारित किये गए हैं।
- इससे न्यायालय को किसी मामले के संज्ञान पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने की शक्ति प्राप्त हो गई है।
- भारतीय न्यायालयों द्वारा स्वतः से की गई कार्रवाई न्यायिक सक्रियता का प्रतिबिंब है।
भारत में आत्महत्या रोकथाम से संबंधित अन्य पहल
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP):
- ज़िला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) 738 ज़िलों में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसके तहत ज़िला स्तर पर बाह्य रोगी सेवाएँ, परामर्श, सतत् देखभाल और 10-बेड्स वाली आंतरिक रोगी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
- राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: देश भर में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुँच में सुधार के लिये वर्ष 2022 में शुरू किया जाएगा।
- दिसंबर 2023 तक, 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 46 टेली MANAS सेल्स की स्थापना की है, जो हेल्पलाइन पर 500,000 से अधिक कॉलों का प्रबंधन कर रहे हैं।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिये 24/7 टोल-फ्री हेल्पलाइन "KIRAN" शुरू की है।