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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 28 Dec 2023
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नई पर्यटन नीति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार कैबिनेट ने पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचनागत समग्र समावेशी विकास एवं निवेश को प्रोत्साहन के लिये बिहार पर्यटन नीति 2023 को स्वीकृति दे दी है।

मुख्य बिंदु:

  • इस नीति का उद्देश्य राज्य में पर्यटन स्थलों के पास मूलभूत बुनियादी ढाँचे का विकास करने तथा हितधारकों के लिये प्रावधान भी शामिल हैं।
  • नई नीति में निवेशकों के लिये कई वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं–
    • 10 करोड़ रुपए तक के निवेश के लिये 30% की सब्सिडी।
    • 50 करोड़ रुपए तक के निवेश के लिये 25%।
    • 50 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर 25% (अधिकतम सीमा 25 करोड़ रुपए) ।
    • भूमि के पट्टे, बिक्री, हस्तांतरण में स्टांप शुल्क तथा पंजीकरण शुल्क पर एक मुश्त 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की सुविधा।
    • 5 वर्ष तक वाणिज्यिक संचालन पर वस्तु और सेवा कर (GST) की 80% प्रतिपूर्ति।
    • नई पर्यटन इकाइयों के लिये 5 वर्षों तक विद्युत शुल्क की 100% प्रतिपूर्ति।
    • सूचीबद्ध होटल, रिसार्ट, टूर ऑपरेटर को पर्यटक गाइडों को रोज़गार प्रदान करने के लिये भी प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
    • किसी अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त एजेंसी से हरित प्रामाणीकरण प्राप्त करने पर 10 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
  • वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने पर 50 प्रतिशत, दो वर्ष पूरा होने पर 25 प्रतिशत तथा पाँच वर्ष होने पर 25 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
  • गया में विष्णुपद मंदिर के पास शेड और बस डिपो के साथ वैकल्पिक पहुँच पथ के निर्माण के लिये 62 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत की गई है।

बिहार में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल: बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर, राजगीर में विश्व शांति स्तूप, नालंदा, प्राचीन शहर पाटलिपुत्र, पश्चिम चंपारण में वाल्मिकी नगर टाइगर रिज़र्व आदि।


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बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बिहार और उत्तर-पूर्व में 5,500 करोड़ रुपए से अधिक की बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को मंज़ूरी प्रदान की गई है।

  • आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने त्रिपुरा में खोवाई से हरिना तक राष्ट्रीय राजमार्ग तक 135 किमी. लंबी सड़क को पक्का और दो लेन करने तथा उसके सुधार एवं चौड़ीकरण के लिये 2,486.78 करोड़ की परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।

नोट: CCEA ने वर्ष 2024 के लिये खोपरा हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को भी मंज़ूरी प्रदान की है।

मुख्य बिंदु:

  • बिहार में दीघा और सोनपुर को जोड़ने वाले गंगा पर 4.56 किमी. लंबे छह लेन पुल को कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी।
  • पटना ज़िले में दीघा और सारण ज़िले में सोनपुर, वर्तमान में एक रेल-सह-सड़क पुल से जुड़े हुए हैं जिसका उपयोग केवल हल्के वाहनों द्वारा किया जा सकता है।
  • सूचना एवं प्रसारण मंत्री के अनुसार, नया पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा तथा भारी वाहनों द्वारा परिवहन की अनुमति प्रदान करेगा।
  • इस परियोजना, जिससे वैशाली जैसे बौद्ध तीर्थस्थलों के लिये कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा, को पूरा होने में 42 महीने लगेंगे

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