उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में भूस्खलन का प्रभाव
चर्चा में क्यों?
चमोली ज़िले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) को अत्यधिक वर्षा के कारण बार-बार अवरुद्ध हो रहा है, जिससे भूस्खलन और मलबा जमा हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर अत्यधिक वर्षा की भविष्यवाणी की है, जिससे और अधिक व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
- भूस्खलन:
- भूस्खलन एक भूवैज्ञानिक घटना है जिसमें ढलान पर चट्टान, मृदा और मलबे का भार नीचे की ओर खिसकता है ।
- भूस्खलन प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों ढलानों पर हो सकता है, और ये प्रायः अत्यधिक वर्षा, भूकंप, ज्वालामुखी गतिविधि, मानवीय गतिविधियों (जैसे निर्माण या खनन) और भूजल स्तर में परिवर्तन जैसे कारकों के संयोजन से उत्पन्न होते हैं।
- भूस्खलन को उनकी गतिशीलता विशेषताओं के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- स्खलन/स्लाइड (Slides): एक विखंडित सतह (Rupture surface) के साथ गति, जिसमें घूर्णी और स्थानांतरणीय स्लाइड शामिल हैं जहाँ दरार वाली सतह घुमावदार होती है, और स्थानान्तरण स्लाइड, सतह समतल होती है।
- प्रवाह/फ्लो (Flows): ये मृदा या शैल के ऐसे संचलन हैं जिनमें बड़ी मात्रा में जल भी शामिल होता है, जो इस द्रव्यमान को तरल पदार्थ की तरह प्रवाहित करता है, जैसे कि पृथ्वी का प्रवाह, मलबे का प्रवाह, कीचड़ का प्रवाह।
- फैलाव/स्प्रेड (Spreads): ये मृदा या शैल के ऐसे संचलन हैं जिनमें पार्श्व विस्तार और द्रव्यमान का टूटना शामिल होता है। ये आमतौर पर सामग्री के द्रवीकरण या पटल विरूपण के कारण होते हैं।
- अग्रपात/टॉपल्स (Topples): ये मृदा या शैल के ऐसे संचलन हैं जिनमें ऊर्ध्वाधर या निकट-ऊर्ध्वाधर भृगु या ढलान से द्रव्यमान का आगे की ओर घूमना और मुक्त रूप से गिरना शामिल होता है।
- प्रपात/फॉल्स (Falls): ये मृदा या शैलों के ऐसे संचलन हैं जिनमें ये खड़ी ढलान या भृगु से अलग हो जाते हैं और मुक्त रूप से गिरते हैं तथा लुढ़कते हुए आगे बढ़ते हैं।
राजस्थान Switch to English
जयपुर स्मारक और विश्व पर्यटन दिवस 2024
चर्चा में क्यों?
विश्व पर्यटन दिवस (27 सितंबर, 2024) के उपलक्ष्य में, राजस्थान सरकार ने जंतर मंतर और हवा महल सहित जयपुर के कई प्रतिष्ठित स्मारकों में मुफ्त प्रवेश की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- इस पहल का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना तथा स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को बिना किसी लागत के क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने का अवसर प्रदान करना है।
- प्रमुख आकर्षणों में निःशुल्क प्रवेश:
- पर्यटक जंतर मंतर, हवा महल, आमेर किला, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला, सिसोदिया रानी गार्डन, विद्याधर गार्डन और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय तक मुफ्त पहुँच का आनंद ले सकते हैं ।
- वर्ष 2024 के लिये थीम:
- इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस का विषय "पर्यटन और शांति" है, जो विभिन्न संस्कृतियों के बीच शांति और समझ को बढ़ावा देने में पर्यटन की भूमिका पर ज़ोर देता है।
- ऐतिहासिक महत्त्व:
- जंतर मंतर: अपनी वास्तुकला और खगोलीय महत्त्व के लिये प्रसिद्ध जंतर मंतर में विश्व की सबसे बड़ी पत्थर की धूपघड़ी स्थित है और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
- हवा महल: इसे "हवाओं का महल" के नाम से भी जाना जाता है । यह पाँच मंजिला इमारत अपनी अनूठी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्त्व के लिये प्रसिद्ध है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना
चर्चा में क्यों?
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मध्य प्रदेश में हज़ारों बच्चों को अपने माता-पिता को खोने का विनाशकारी दुख का सामना करना पड़ा।
- राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के कोविड अनाथ बच्चों के लिये वित्तीय सहायता और मुफ्त शिक्षा का वादा किया था, लेकिन इनमें से कई प्रतिबद्धताएँ पूरी नहीं हो पाईं, जिससे बच्चे संकट में हैं।
प्रमुख बिंदु
- मई 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि जिन बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को खो दिया है, उन्हें 5,000 रुपए प्रतिमाह और मुफ्त शिक्षा मिलेगी।
- इस पहल का उद्देश्य प्रभावित परिवारों को कुछ राहत प्रदान करना तथा यह सुनिश्चित करना था कि बच्चे बिना किसी वित्तीय बोझ के अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
- इन वादों के बावजूद, विभिन्न लाभार्थियों को एक वर्ष से अधिक समय से वित्तीय सहायता नहीं मिली है।
- सरकार ने इन बच्चों के लिये दो योजनाएँ शुरू की थीं: स्पॉन्सरशिप योजना और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना। इन योजनाओं के तहत, प्रत्येक बच्चे को 5,000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान था।
- हालाँकि, धनराशि का वितरण असंगत रहा है, और कई बच्चों को जनवरी 2023 से कोई धनराशि नहीं मिली है।
- बच्चों को उनके स्वास्थ्य देखभाल खर्च को पूरा करने के लिये आयुष्मान भारत कार्ड देने का भी वादा किया गया।
- हालाँकि, इनमें से कई कार्ड सक्रिय नहीं किये गए हैं, जिससे बच्चों को वादे के अनुसार चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई है।
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