राजस्थान Switch to English
व्यापार सुगमता संबंधी सुधार
चर्चा में क्यों?
राजस्थान वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित "व्यापार सुगमता (ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस)" सुधारों को सफलतापूर्वक आरम्भ करने वाला देश का छठा राज्य बन गया है। इस प्रकार, राज्य खुले बाज़ार की उधारियों के जरिए 2,731 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का पात्र बन गया है।
मुख्य बिंदु:
- सूची में राजस्थान पाँच अन्य राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के समकक्ष हो गया है,
- व्यवसाय करने की सुगमता देश में निवेश अनुकूल वातावरण का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
- भारत सरकार ने मई 2020 में, उन राज्यों को अतिरिक्त उधार की अनुमतियों की स्वीकृति देने का निर्णय लिया, जिन्होंने व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सुधार आरम्भ किए। इस श्रेणी में निर्धारित सुधार निम्नलिखित हैं:
- 'ज़िला स्तरीय व्यवसाय सुधार कार्य योजना' का प्रथम मूल्यांकन पूरा करना।
- ‘जिला स्तरीय व्यवसाय सुधार कार्य योजना’ के प्रथम आकलन की पूर्णता
- विभिन्न अधिनियमों के तहत व्यवसायों द्वारा प्राप्त पंजीकरण प्रमाणपत्रों/अनुमोदनों/लाइसेंसों के नवीकरण की वांछनीयता का उन्मूलन।
- अधिनियमों के तहत कम्प्यूटरीकृत केंद्रीय औचक निरीक्षण प्रणाली का कार्यान्वयन।
- कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधार सीमा उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इस विशेष व्यवस्था का आधा हिस्सा राज्यों द्वारा लोक केंद्रित सुधारों से जोड़ दिया गया। चिन्हित सुधारों के लिए चार लोक केंद्रित क्षेत्र थे-
- एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली का कार्यान्वयन
- व्यवसाय करने की सुगमता सुधार
- शहरी स्थानीय निकाय/जनोपयोगी सेवा सुधार और
- विद्युत क्षेत्र सुधार।
नोट:
खुले बाज़ार उधारियों (OMB) कॉरपोरेट्स या सरकारी संस्थाओं द्वारा जनता को बांड, डिबेंचर या ट्रेजरी बिल जैसी प्रतिभूतियाँ जारी करके धन जुटाने की एक विधि है।
- ये प्रतिभूतियाँ खुले बाज़ार में जारी की जाती हैं, जो निवेश करने में रूची रखने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा खरीदने के लिये उपलब्ध हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) भारत में OMBs को नियंत्रित करता है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान ने युवा इंटर्नशिप योजना समाप्त कर दी
चर्चा में क्यों?
नवनिर्वाचित राजस्थान सरकार ने 31 दिसंबर 2023 से 'राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना' (RHYMES) को खत्म करने का फैसला किया है।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2021-22 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य युवा स्नातकों को व्यावहारिक कार्य अनुभव प्रदान करना और उन्हें अपने कौशल तथा ज्ञान को विकसित करने में सहायता करना है।
- इसके तहत प्रशिक्षुओं को विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों में रखा गया तथा उन्हें 10,000 रुपए तक का वजीफा दिया गया।
- इस कार्यक्रम के तहत लगभग 50,000 युवाओं को नामांकित किया गया था।
- अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के अनुसार, यह योजना राजीव गांधी युवा मित्र (RYM) नामक बौद्धिक एवं स्व-प्रेरित युवाओं का एक समूह विकसित करने हेतु लाई गई थी।
- इस पहल का उद्देश्य लोगों को शासन के विषय में शिक्षित करना और सरकार में उनका विश्वास पैदा करना तथा यह सुनिश्चित करना है कि उनकी बुनियादी ज़रूरतें उनके दरवाजे पर पूरी हों।
- कुछ महत्त्वपूर्ण राज्य पहल योजनाएँ हैं:
- मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना।
- कौशल विकास पहल योजना (SDIS)।
- पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना।
हरियाणा Switch to English
ड्रोन: भूमि का मानचित्रण, अपराधों से लड़ना और कृषि को बढ़ावा देना
चर्चा में क्यों?
अधिकारियों के अनुसार, यातायात और अपराध पर निगरानी बढ़ाने से लेकर कृषि पद्धतियों में क्रांति लाने तक ड्रोन हरियाणा की प्रशासनिक कार्यशैली का एक अभिन्न अंग बन रहा है।
मुख्य बिंदु:
- ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम्स ऑफ हरियाणा (DRIISHYA) लिमिटेड द्वारा आयोजित एक बैठक में, मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी की क्षमता का दोहन करने के तरीकों का पता लगाया।
- राष्ट्रीय राजमार्गों पर ड्रोन-आधारित भूमि सर्वेक्षण शुरू करने के लिये एजेंसी डीसीपी ट्रैफिक, गुड़गांव के साथ सहयोग कर रही है।
- बढ़ती मांग को पूरा करने और नैनो-उर्वरक छिड़काव प्रदर्शनों के लिये डिज़ाइन किये गए छह विशेष कृषि ड्रोन के अलावा एजेंसी 20 नए बड़े पैमाने के ड्रोन के साथ अपने बेड़े को बढ़ाने के लिये भी तैयार है।
- हाल ही में दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल (सोनीपत) के साथ साझेदारी में आयोजित परीक्षाओं भर्ती अभियान में 20 ड्रोन और 16 सह-पायलटों को शामिल किया गया हैं।
हरियाणा Switch to English
अवैध आप्रवासन और मानव तस्करी के मामले
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, हरियाणा के उत्तरी ज़िलों में अवैध प्रवासन और मानव तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु:
- हरियाणा के निवासियों ने बेहतर आजीविका की तलाश में अवैध तरीकों से विदेश पहुँचने के लिये बड़ी मात्रा में धन का भुगतान किया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK) और कनाडा इन निवासियों के सबसे पसंदीदा स्थान हैं।
- हरियाणा पुलिस के अनुसार अवैध अप्रवास और मानव तस्करी से संबंधित 645 मामले दर्ज हैं।
- इसके चलते एक राज्य स्तरीय विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) कर रहे हैं।
- अवैध अप्रवास और मानव तस्करी के लिये सक्रिय ज़िले अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत और यमुनानगर के कुछ हिस्से, जिंद और फतेहाबाद हैं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश का पहला अंतर-ज़िला हेलीकाप्टर मार्ग
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आगरा के बटेश्वर से मथुरा के गोवर्धन तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर राज्य की पहली अंतर-ज़िला हेलीकाप्टर (इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट हेलीकॉप्टर) सेवा का उद्घाटन किया।
- समारोह के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया।
मुख्य बिंदु:
- हेलीकॉप्टर सेवा निजी-सार्वजनिक भागीदारी (PPP) पर आधारित है, जिसका संचालन उत्तराखंड की एक निजी कंपनी करेगी।
- यहाँ ₹100 करोड़ की परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमाओं के पार चंबल के बीहड़ों के बीच स्थित एक ऐतिहासिक गाँव बटेश्वर का विकास करना है।
- पहले मथुरा के तीर्थ स्थल गोवर्धन के लिये एक हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध थी, जो प्रतिष्ठित गोवर्धन पहाड़ी की 'परिक्रमा' में रुचि रखने वाले तीर्थयात्रियों के लिये ज़िले के भीतर उड़ान भरती थी।
अटल बिहारी वाजपेयी:
- उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को तत्कालीन ग्वालियर रियासत में हुआ था।
- वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे, जो 1996 और 1999 में दो बार इस पद के लिये चुने गए थे।
- उन्हें 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न और 1994 में दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तरप्रदेश में ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ नीति
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ नीति बनाने में तेज़ी लाने के निर्देश जारी किये हैं।
मुख्य बिंदु :
- ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में कार्य करने वाली फर्मों को प्रोत्साहित करने के लिये अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- इकाइयाँ स्थापित करने वाली कंपनियों को भूमि की उपलब्धता, स्टांप शुल्क और विद्युत् शुल्क से छूट, पूंजी और ब्याज सब्सिडी, आकर्षक प्रोत्साहन जैसे लाभ दिये जाएंगे।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में सख्त भूमि कानून
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार द्वारा सख्त भूमि कानूनों को लागू करने की संभावना है, जिससे गैर-मूल निवासियों के लिये राज्य की पहाड़ियों के ग्रामीण इलाकों में जमीन खरीदना और अपना घर बनाना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
मुख्य बिंदु :
- हिमाचल प्रदेश किरायेदारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 से प्रभावित प्रस्तावित कानून का उद्देश्य ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण को सीमित करके राज्य के हितों की रक्षा करना है।
- वर्ष 2003 में, बाहरी लोगों को पहाड़ी इलाकों में 500 वर्गमीटर की सीमा के साथ ज़मीन खरीदने की अनुमति दी गई।
- बाद की सरकारों ने बड़े पैमाने पर भूमि लेनदेन को रोकने के लिये इस सीमा को घटाकर 250 वर्गमीटर कर दिया।
- वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिये इन प्रतिबंधों को हटा दिया था।
- विभिन्न ज़िलों में विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा प्रस्तुत मसौदा रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिये पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया।
- रिपोर्ट में राज्य के संसाधनों का दोहन करने वाले बाहरी निवेशकों की चिंताओं को संबोधित करते हुए शहरी क्षेत्रों में भूमि खरीद की सीमा तय करने की सिफारिश की गई है, जिससे पहाड़ियों में भूमि लेनदेन के लिये 12.5 एकड़ की सीमा को बहाल किया जा सकता है।
- हालाँकि, निवासी इसका समर्थन कर रहे हैं, जिसमें नगरपालिका क्षेत्रों की सीमा 250 वर्गमीटर तक करना और ग्रामीण भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना शामिल है।
Switch to English