हरियाणा Switch to English
बीमा सखी
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री 9 दिसंबर, 2024 को महिलाओं के लिये 'बीमा सखी' योजना का शुभारंभ करने हेतु पानीपत का दौरा करेंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि उन्होंने 22 जनवरी 2015 को पानीपत से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत की थी।
मुख्य बिंदु
- हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा समन्वित आगामी कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिये क्षेत्र का दौरा किया।
- इस बात पर ज़ोर दिया गया कि यह कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण का एक दृढ़ संदेश देगा।
- उन्होंने पानीपत में शुरू किये गए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान को लाखों बालिकाओं की जान बचाने का श्रेय दिया।
- 'बीमा सखी' योजना का शुभारंभ:
- मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री 'बीमा सखी' योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसका उद्देश्य राज्य भर में महिलाओं को सशक्त बनाना और लाभान्वित करना है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
- परिचय:
- यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा 22 जनवरी, 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बाल लिंग अनुपात (CSR) में कमी लाना तथा जीवन-चक्र में महिला सशक्तीकरण से संबंधित मुद्दों का समाधान करना था।
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MW&CD), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MH&FW) तथा शिक्षा मंत्रालय का त्रि-मंत्रालयीय प्रयास है।
- मुख्य उद्देश्य:
- लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन की रोकथाम।
- बालिकाओं के जीवन और संरक्षण को सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं की शिक्षा एवं भागीदारी सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।
- BBBP के अंतर्गत नवीन हस्तक्षेप: जिन नवाचारों ने लड़कियों के लिये सकारात्मक पारिस्थितिकी तंत्र/सक्षम वातावरण का निर्माण किया है, उनमें शामिल हैं:
- गुड्डी-गुड्डा बोर्ड: जन्म के आँकड़ों का सार्वजनिक प्रदर्शन (लड़कियों की संख्या बनाम लड़कों की संख्या)। उदाहरण: महाराष्ट्र के जलगाँव ज़िले में डिजिटल गुड्डी-गुड्डा डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं।
- लिंग आधारित रूढ़िवादिता को तोड़ना और पुत्र-केंद्रित रीति-रिवाज़ों को चुनौती देना: बालिका के जन्म पर उत्सव मनाना, बालिका के महत्त्व पर विशेष दिन समर्पित करना, बालिकाओं के पालन-पोषण और देखभाल के प्रतीक के रूप में वृक्षारोपण अभियान चलाना। उदाहरण: कुड्डालोर (तमिलनाडु), सेल्फी विद डॉटर्स (जींद ज़िला, हरियाणा)।
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