राजस्थान Switch to English
राजस्थान ऊर्जा विकास निगम और भारतीय सौर ऊर्जा निगम के बीच समझौता
चर्चा में क्यों?
26 अगस्त, 2021 को राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने 1,200 मेगावाट पवन ऊर्जा की खरीद हेतु निविदा में आई दर पर भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान के ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पवन ऊर्जा आगामी डेढ़ वर्ष (18 महीने) में राज्य को उपलब्ध हो जाएगी।
- उन्होंने कहा कि एसईसीआई ने दिसंबर 2020 में राजस्थान की तीनों बिजली वितरण कंपनियों के लिये 1,200 मेगावाट पवन ऊर्जा खरीदने हेतु पवन ऊर्जा उत्पादन कंपनियों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
- राज्य सरकार की बेहतर नीतियों के फलस्वरूप ऊर्जा विभाग को निविदा प्रक्रिया के दौरान निर्धारित मानदंडों के अनुसार, विभाग को 300 मेगावाट के लिये 2.77 रुपए प्रति यूनिट और 900 मेगावाट पवन ऊर्जा के लिये 2.78 रुपए प्रति यूनिट की न्यूनतम बोली प्राप्त हुई, जो 2020-21 में राज्य की औसत बिजली खरीद लागत 4.61 रुपए प्रति यूनिट से काफी कम है।
- इन परियोजनाओं के चालू होने पर राज्य की औसत क्रय दर में और कमी आएगी, जिसका सीधा लाभ राज्य के उपभोक्ताओं को मिलेगा।
- गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने अपने बजट में गैर-पारंपरिक स्रोतों से प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़ाने की घोषणा की थी। गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से बिजली उत्पादन बढ़ाने और राज्य में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में एक नवीनीकृत सौर एवं पवन ऊर्जा नीति भी जारी की थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
एन.के.सी. सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च
चर्चा में क्यों?
26 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न्यूक्लियोम इन्फॉर्मेटिक्स द्वारा हैदराबाद में स्थापित सेंटर का मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- न्यूक्लियोम इन्फॉर्मेटिक्स के प्रबंध संचालक दुष्यंत सिंह बघेल ने बताया कि संस्थान द्वारा इंदौर में एशिया की सबसे बड़ी जीनोमिक्स लैब 165 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि एग्री जीनोमिक्स एक वैज्ञानिक क्षेत्र है, जो फसल सुधार में योगदान दे रहा है। इससे फसल में कीट प्रतिरोधक क्षमता, पौधों के स्ट्रेस टोलरेंस में सुधार कर बेहतर गुणवत्ता की फसलों का अधिक उत्पादन संभव होता है।
- न्यूक्लियोम इन्फॉर्मेटिक्स ने इस क्षेत्र में 2013 में अपनी यात्रा आरंभ की थी। संस्था द्वारा पशुओं की जीनोम सीक्वेंसिंग का भी कार्य किया जा रहा है। किसानों को अद्यतन वैज्ञानिक जानकारियाँ उपलब्ध कराने में ‘नंदकुमार सिंह चौहान (एन.के.सी.) सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च’ मील का पत्थर साबित होगा।
झारखंड Switch to English
सौर ऊर्जा से संचालित होंगे राज्य के पाँच हवाई अड्डे
चर्चा में क्यों?
26 अगस्त, 2021 को झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेआरईडीए) के निदेशक के.के. वर्मा ने बताया कि राँची में बिरसा मुंडा हवाई अड्डा और राज्य के चार अन्य आगामी हवाई अड्डे सरकार की हरित पहल के तहत सौर ऊर्जा से संचालित होंगे।
प्रमुख बिंदु
- हरित पहल के तहत राँची के अलावा, दुमका, देवघर, बोकारो और गिरिडीह के हवाई अड्डों को कवर किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिये 20 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं और इसे छह महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
- के.के. वर्मा ने कहा कि सौर पैनलों से लैस पाँच हवाई अड्डों में से प्रत्येक परियोजना पूरी होने के बाद हर दिन 600 किलोवाट बिजली का उत्पादन करेगी। यह पहल न केवल हवाई अड्डों को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि सौर ऊर्जा के साथ कुछ आवासीय क्षेत्रों को भी रोशन करेगी।
- बिरसा मुंडा हवाई अड्डा वर्तमान में झारखंड में एकमात्र पूर्ण-संचालित हवाई अड्डा है, शेष चार हवाई अड्डों में से कुछ का एक वर्ष के भीतर परिचालन शुरू होने की संभावना है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राँची हवाई अड्डे की विस्तार योजना को मंज़ूरी दे दी है और 300 एकड़ से अधिक क्षेत्र में हवाई अड्डे के विस्तार के लिये एएआई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
- उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में पुदुचेरी हवाई अड्डा 2020 में भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के तहत पूरी तरह से सौर ऊर्जा संचालित देश का पहला हवाई अड्डा बना था। इसके अलावा, यह दावा किया जाता है कि कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (केरल), सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में चलने वाला दुनिया का पहला सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में बिजली, पानी और परिवहन में राहत की घोषणा
चर्चा में क्यों?
26 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में बिजली, पानी और परिवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में राहत की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विद्युत बिलों के फिक्स्ड चार्ज को 3 माह हेतु छूट प्रदान की जाएगी। इससे लगभग 2,24,604 लोग लाभान्वित होंगे, इसी तरह विद्युत बिलों के विलंब भुगतान अधिभार पर 3 माह के लिये छूट प्रदान की जाएगी।
- परिवहन विभाग के अंतर्गत सेवा कर में 6 माह के लिये छूट दी जाएगी। इसमें लाभार्थियों की अनुमानित संख्या 96,380 है। पंजीयन प्रमाण-पत्र, फिटनेस प्रमाण-पत्र, परमिट एवं ड्राइविंग लाइसेंस आदि के नवीनीकरण पर विलंब शुल्क पर 6 माह के लिये छूट प्रदान की जाएगी।
- शहरी विकास विभाग के अंतर्गत पर्यावरण मित्रों को 2000 रुपए की प्रोत्साहन धनराशि 5 माह तक प्रदान की जाएगी। इससे लगभग 8,300 पर्यावरण मित्र लाभान्वित होंगे।
- प्रधानमंत्री स्वनिधि में पंजीकृत सभी लाभार्थियों को 5 माह तक 2-2 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें लाभार्थियों की अनुमानित संख्या 25,000 है।
- पेयजल विभाग के अंतर्गत राज्य के समस्त जल/सीवर उपभोक्ताओं द्वारा 31 दिसंबर, 2021 तक अवशेष देयों का एकमुश्त भुगतान करने की दशा में विलंब शुल्क की राशि शत-प्रतिशत माफ की जाएगी।
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