छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रधानमंत्री ने उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधान मंत्री ने तीन नए हवाई अड्डों का वर्चुअल माध्यम द्वारा उद्घाटन किया जो सरगुजा (छत्तीसगढ़), रीवा (मध्य प्रदेश) और सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में स्थित हैं।
- इन हवाई अड्डों का विकास क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS)- उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत भर में दूरदराज़ और कम हवाई सेवा वाले क्षेत्रों में हवाई संपर्क को बढ़ाना है।
मुख्य बिंदु
- इसका उद्घाटन वाराणसी से वर्चुअल माध्यम द्वारा हुआ, जो भारत की राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति (NCAP) की 8 वीं वर्षगाँठ का अवसर है, जिसे 21 अक्तूबर, 2016 को लॉन्च किया गया था।
- अंबिकापुर हवाई अड्डा (सरगुजा, छत्तीसगढ़):
- इस हवाई अड्डे से उड़ानें रायपुर, जगदलपुर, जबलपुर, कोलकाता और दिल्ली जैसे प्रमुख स्थलों से जुड़ेंगी, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- यह उद्घाटन राज्य के आदिवासी समुदायों और दूरदराज़ के क्षेत्रों को मुख्यधारा के विकास ढाँचे में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- रीवा हवाई अड्डा (मध्य प्रदेश):
- नया रीवा हवाई अड्डा मध्य प्रदेश में छठा नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) लाइसेंस प्राप्त हवाई अड्डा है, जिसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा विकसित किया गया है।
- इस हवाई अड्डे से राज्य के विंध्य क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- सहारनपुर हवाई अड्डा (उत्तर प्रदेश):
- सहारनपुर के नागरिक हवाई अड्डे के पास रनवे नहीं है, लेकिन अब यह परिचालन के लिये तैयार है।
- स्थानीय प्रशासन उड़ान परिचालन कार्यक्रम को अंतिम रूप देने पर कार्य कर रहा है, जिसके शीघ्र ही शुरू होने की आशा है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास और यात्रा सुविधा को बढ़ावा मिलेगा।
- RCS-उड़ान (UDAN):
- इसे 2016 में NCAP के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से भारत के दूरदराज़ और वंचित क्षेत्रों में हवाई यात्रा के बुनियादी ढाँचे में सुधार करना था।
- योजना की शुरूआत के बाद से, पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को शिमला से दिल्ली को जोड़ते हुए शुरू हुई।
- पिछले कुछ वर्षों में उड़ान योजना के कई संस्करण (उड़ान 1.0 से 5.4) क्रियान्वित किये गए हैं, जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे अधिक हवाई अड्डों को शामिल करना, हेलीपैडों को जोड़ना, पर्यटन मार्गों को एकीकृत करना तथा पहाड़ी इलाकों और दूरदराज़ के स्थानों जैसी क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करना।
- इसे 2016 में NCAP के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से भारत के दूरदराज़ और वंचित क्षेत्रों में हवाई यात्रा के बुनियादी ढाँचे में सुधार करना था।
- उड़ान योजना के मुख्य संस्करण:
- उड़ान 1.0: 70 हवाई अड्डों के लिये 128 मार्ग आवंटित किये गए, 36 नए हवाई अड्डे शुरू किये गए।
- उड़ान 2.0: 73 नये हवाई अड्डे शुरू किये गये तथा हेलीपैड कनेक्टिविटी भी शामिल की गयी।
- उड़ान 3.0: इसमें पर्यटन मार्गों और सीप्लेन कनेक्टिविटी को शामिल किया गया, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया।
- उड़ान 4.0: पूर्वोत्तर, पहाड़ी राज्यों और द्वीपों में कनेक्टिविटी सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया गया। हेलीकॉप्टर और सीप्लेन परिचालन को भी जोड़ा गया।
- उड़ान 5.0 से 5.4: बड़े विमानों के लिये उन्नत मार्ग, दूरी संबंधी प्रतिबंध हटाए गए तथा त्वरित परिचालन को प्राथमिकता दी गई।
- नवीनतम संस्करणों में हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी, छोटे विमानों के लिये परिचालन समुत्थानशीलता और बंद हो चुके मार्गों को पुनः खोलने पर ज़ोर दिया गया है।
नोट:
NCAP: इसमें एक सतत् विमानन ढाँचा विकसित करने का लक्ष्य शामिल है जो वैकल्पिक ईंधन, ऊर्जा-कुशल विमान और बुनियादी ढाँचे के उपयोग को बढ़ावा देता है
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