हरियाणा Switch to English
NCR में गंभीर प्रदूषण संकट
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक बना हुआ है, जो खेतों में आग लगाने तथा अन्य कारकों के कारण और भी खराब हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI):
- पानीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 तक पहुँच गया, जो "गंभीर" प्रदूषण का संकेत है; अन्य NCR क्षेत्रों में भी स्तर बढ़ने की सूचना है।
- AQI लोगों को वायु गुणवत्ता की स्थिति के बारे में प्रभावी ढंग से जानकारी देने का एक साधन है, जिसे समझना आसान है।
- AQI को आठ प्रदूषकों अर्थात PM2.5, PM10, अमोनिया, लेड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओज़ोन और कार्बन मोनोऑक्साइड के लिये विकसित किया गया है।
- प्राथमिक कारण :
- हरियाणा और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के साथ-साथ वाहनों से निकलने वाले धुएँ और औद्योगिक प्रदूषण में भी अत्यधिक योगदान होता है।
- प्रदूषण का उच्च स्तर, विशेष रूप से कमज़ोर समूहों के स्वास्थ्य के लिये गंभीर खतरा उत्पन्न करता है, जिसके कारण आपातकालीन उपायों की आवश्यकता पड़ती है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) |
श्रेणी |
0-50 |
अच्छा (Good) |
51-100 |
संतोषजनक (Satisfactory) |
101-200 |
मध्यम (Moderate) |
201- 300 |
खराब (Poor) |
301-400 |
बहुत खराब (Very Poor) |
401-500 |
गंभीर (Severe) |
हरियाणा Switch to English
हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिये महँगाई भत्ता बढ़ाया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, हरियाणा सरकार ने महँगाई के प्रभावों को दूर करने के लिये राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये महँगाई भत्ते (DA) में 3% की वृद्धि को मंजूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- नई DA दर:
- महँगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की गई है, जिससे वर्तमान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों को लाभ होगा।
- यह परिवर्तन एक निर्दिष्ट तिथि से प्रभावी होगा, जिसका प्रभाव मासिक वेतन गणना और पेंशन वितरण पर पड़ेगा।
- इस बढ़ोतरी का उद्देश्य मुद्रास्फीति के प्रभावों को कम करना तथा अतिरिक्त मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
- उपभोक्ता व्यय में वृद्धि: इस वृद्धि से प्रयोज्य आय में वृद्धि होती है, विशेष रूप से त्यौहारों के समय, जिससे उपभोक्ता मांग में वृद्धि होती है।
- मुद्रास्फीति नियंत्रण: DA कर्मचारियों को मुद्रास्फीति का प्रबंधन करने में मदद करता है, लेकिन यदि आपूर्ति में वृद्धि नहीं होती है तो मांग में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
- राजकोषीय दबाव: सरकार के लिये, महँगाई भत्ते में वृद्धि से व्यय में वृद्धि होती है, जिससे राजकोषीय बजट पर दबाव पड़ सकता है, लेकिन उपभोग के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
महँगाई भत्ता (Dearness Allowance- DA)
- यह महँगाई को संतुलित करने के लिये जीवन-यापन की लागत का समायोजन है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किया जाता है। इसकी गणना मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में की जाती है
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