भूमि प्रशासन पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला | हरियाणा | 24 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
24 से 29 मार्च, 2025 तक पंचायती राज मंत्रालय, हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) के सहयोग से, हरियाणा के गुरुग्राम में HIPA परिसर में “भूमि प्रशासन पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला” की मेज़बानी कर रहा है।
मुख्य बिंदु
- वैश्विक भागीदारी और फोकस क्षेत्र:
- कार्यशाला में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया के 22 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
- प्रतिभागी विश्व भर में भूमि प्रशासन की चुनौतियों के समाधान के लिये नवीन समाधान तलाशेंगे।
- भारत की अग्रणी स्वामित्व योजना, जो ग्रामीण बसे हुए क्षेत्रों का मानचित्रण करने और कानूनी संपत्ति स्वामित्व दस्तावेज़ प्रदान करने के लिये ड्रोन तकनीक का उपयोग करती है, का प्रदर्शन किया जाएगा।
- तकनीकी एवं क्षेत्र सत्र:
- सत्रों में ड्रोन आधारित भूमि सर्वेक्षण तकनीक, उच्च-रिज़ॉल्यूशन मानचित्रण और बेहतर भूमि प्रशासन के लिये भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जाएगा।
- प्रतिभागियों को ड्रोन सर्वेक्षण विधियों, डाटा प्रसंस्करण, भू-सत्यापन और GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली) एकीकरण के व्यावहारिक प्रदर्शन में भाग लेना होगा।
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिये एक गाँव में लाइव ड्रोन सर्वेक्षण प्रदर्शन आयोजित करेगा।
- क्षेत्रीय दौरे और प्रदर्शनियों से आधुनिक भूमि प्रशासन प्रौद्योगिकियों के बारे में वास्तविक जानकारी मिलेगी।
- दस ड्रोन विक्रेता ड्रोन आधारित भूमि मानचित्रण और सर्वेक्षण तकनीकों में नवाचारों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाएंगे।
- उद्योग जगत के नेताओं की भागीदारी:
- ज्ञान साझेदारों में भारतीय सर्वेक्षण विभाग, राज्य भूमि राजस्व विभाग, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, जियो-स्पेशियल वर्ल्ड, हेक्सागन, ट्रिम्बल, एरेओ, मार्वेल जियोस्पेशियल, आइडिया फोर्ज़ टेक और एडब्ल्यूएस शामिल हैं।
- कक्षा प्रदर्शन में निम्नलिखित शामिल होंगे:
- भूमि प्रशासन में ड्रोन के उपयोग के मामले।
- ऑर्थो-रेक्टीफाइड इमेजिंग और फीचर-एक्सट्रेक्टेड मैपिंग।
- उच्च-रिज़ॉल्यूशन मानचित्रण और संपत्ति कार्ड को अंतिम रूप देने के लिये ग्राउंड सत्यापन प्रौद्योगिकियाँ।
- वैश्विक भूमि प्रशासन चुनौती का समाधान:
- विश्व बैंक की 2017 की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आबादी के केवल 30% लोगों के पास कानूनी रूप से पंजीकृत भूमि स्वामित्व है।
- भारत की स्वामित्व योजना वैश्विक भूमि प्रशासन के लिये एक मॉडल प्रदान करती है, जो 1:500 रिज़ॉल्यूशन पर 5 सेमी सटीकता मानचित्रण प्रदान करती है।
- कार्यशाला का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों को भारत के मॉडल से सीख लेकर भूमि अधिकारों से संबंधित सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने में सहायता करना है।
स्वामित्व योजना
- परिचय:
- स्वामित्व का तात्पर्य है गाँवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण।
- यह एक केंद्र क्षेत्र की योजना है जिसे 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया गया था।
- उद्देश्य:
- ग्रामीण भारत के लिये एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करना।
- विशेषताएँ:
- ग्रामीण आवासीय क्षेत्रों का सीमांकन ड्रोन सर्वेक्षण और CORS (निरंतर प्रचालन संदर्भ स्टेशन) नेटवर्क का उपयोग करके किया जाएगा, जो 5 सेमी की मानचित्रण सटीकता प्रदान करता है।
- इससे गाँवों के बसे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मकान रखने वाले ग्रामीण परिवार स्वामियों को 'अधिकारों का अभिलेख' उपलब्ध हो सकेगा।
- यह 2021-2025 के दौरान पूरे देश के लगभग 6.62 लाख गाँवों को कवर करेगा।
भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम
- वर्ष 1964 में शुरू किया गया ITEC कार्यक्रम 160 साझेदार देशों तक फैला हुआ है, जो विविध विषयों में अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- पाठ्यक्रम में इंजीनियरिंग, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर समग्र कौशल संवर्द्धन में योगदान देते हैं।