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उत्तराखंड की वाइन टूरिज़्म पहल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने वाइन टूरिज़्म (वाइन पर्यटन) को बढ़ावा देने के लिये अपनी नई आबकारी नीति के तहत कोटद्वार में अपनी पहली वाइन उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- वाइन टूरिज़्म पहल:
- इस पहल का उद्देश्य वाइन प्रेमियों को वाइन उत्पादन इकाइयों का दौरा करने, वाइन के इतिहास के बारे में जानने, उत्पादन प्रक्रिया को समझने और विभिन्न प्रकार की वाइन का स्वाद लेने का अवसर प्रदान करना है।
- पर्यटन अनुभव को बढ़ाने के लिये वाइन इकाइयों के आसपास गेस्ट हाउस विकसित किये जा रहे हैं, जिससे आगंतुकों को आराम करने और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।
- उत्तराखंड के कृषि संसाधन:
- उत्तराखंड माल्टा, सेब, बुरांश फूल, नाशपाती और गलगल जैसे फलों से समृद्ध है, जिनका उपयोग शराब उत्पादन (Wine Production) के लिये किया जा सकता है।
- ये स्थानीय संसाधन वाइन टूरिज़्म के लिये एक अद्वितीय आकर्षण बनाने में सहायता करेंगे।
- विस्तार योजनाएँ:
- कोटद्वार में दो माह पूर्व एक प्राइवेट वाइन यूनिट स्थापित की गई है, जो आबकारी विभाग (Excise Department) की अनुमति से लगातार शराब का उत्पादन कर रही है।
- बागेश्वर और चंपावत में नए वाइन उत्पादन संयंत्रों की योजना बनाई गई है।
- आर्थिक एवं रोज़गार उद्देश्य:
- सरकार का उद्देश्य यह है कि आबकारी नीति के माध्यम द्वारा राजस्व में वृद्धि हो और रोज़गार के नए अवसर सृजित किये जाएँ।
- पहाड़ी क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम वाइन उत्पादन इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय फलों का उपयोग करके स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार और व्यावसायिक अवसर उत्पन्न होंगे।