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APEDA द्वारा शराब निर्यात को प्रोत्साहन

  • 16 Sep 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत अगले कुछ वर्षों में निर्यात राजस्व में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रखते हुए वैश्विक स्तर पर भारतीय मादक और गैर-मादक पेय पदार्थों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। 

  • पेय पदार्थों में वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने के भारत के प्रयासों के तहत, राजस्थान में निर्मित एक उत्कृष्ट व्हिस्की गोडावन सिंगल माल्ट व्हिस्की को यूनाइटेड किंगडम में लॉन्च किया जाएगा।
  • भारत का शराब बाज़ार: भारत वर्तमान में मादक पेय पदार्थों के निर्यात के मामले में विश्व में 40वें स्थान पर है । भारत विश्व में मादक पेय पदार्थों का तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार है।  
    • भारत ने वर्ष 2023-24 के दौरान 3,107.50 करोड़ रुपए (USD 375.09 मिलियन) मूल्य के मादक उत्पादों का निर्यात किया। वर्ष 2023 में भारत का मादक पेय पदार्थों का आयात 1 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच गया।
    • प्रमुख निर्यात गंतव्य संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, तंज़ानिया, अंगोला और घाना हैं।
    • महाराष्ट्र मदिरा/वाइन उत्पादन के लिये एक महत्त्वपूर्ण राज्य के रूप में विकसित हुआ है।
      • भारत में 46 वाइनरी हैं, जिनमें से 43 महाराष्ट्र में स्थित हैं, जहाँ वाइन उत्पादन के लिये लगभग 1,500 एकड़ में अंगूर की उद्यान कृषि की जाती है।
      • महाराष्ट्र ने शराब बनाने के व्यवसाय को लघु उद्योग घोषित कर दिया है और उत्पाद शुल्क में छूट भी दी है।
  • APEDA की स्थापना APEDA अधिनियम, 1985 के तहत की गई थी और इसे मादक एवं गैर-मादक पेय पदार्थ ,माँस व माँस उत्पाद, पुष्प उत्पादन आदि जैसे उत्पादों के निर्यात संवर्धन तथा विकास की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

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