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झारखंड में अफीम पोस्ता की ज़ब्ती
चर्चा में क्यों?
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में पुलिस ने 5.58 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 37.23 क्विंटल पोस्ता ज़ब्त की है।
मुख्य बिंदु:
- पैपावरेसी कुल से संबंधित अफीम पोस्ता (Papaver somniferum L.) एक वार्षिक औषधीय जड़ी बूटी है।
- इसमें कई एल्कलॉइड होते हैं जिनका उपयोग आधुनिक चिकित्सा में प्रायः एनाल्जेसिक, एंटीट्यूसिव और एंटी स्पस्मोडिक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, इसे खाद्य बीज और तिलहन के स्रोत के रूप में भी उगाया जाता है।
- पोस्ता वह भूसी है जो फली/बीजकोष से अफीम निकालने के बाद बच जाती है।
- इस खसखस/पोस्ता के भूसे में मॉर्फीन की मात्रा भी बहुत कम होती है और यदि पर्याप्त मात्रा में उपयोग किया जाए तो खसखस का भूसा उच्च परिणाम दे सकता है।
- पोस्ता भूसे का आधिपत्य, बिक्री, उपयोग आदि को राज्य सरकारों द्वारा राज्य स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ नियमों के तहत नियंत्रित किया जाता है।
- किसान पोस्ता भूसा उन लोगों को बेचते हैं जिनके पास राज्य सरकार द्वारा पोस्ता भूसा खरीदने का लाइसेंस होता है।
- किसी भी अतिरिक्त पोस्ता स्ट्रॉ (पोस्ता के पुआल/फूस) को वापस खेत में जोत दिया जाता है।
- पोस्ता स्ट्रॉ स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (NDPS अधिनियम) के तहत नशीली दवाओं में से एक है।
- इसलिये बिना लाइसेंस या प्राधिकरण के या लाइसेंस की किसी भी शर्त का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के पास पोस्ता स्ट्रॉ रखने, बेचने, खरीदने या उपयोग करने पर NDPS अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
एल्कलॉइड (Alkaloids)
- एल्कलॉइड प्राकृतिक से पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिकों का एक विशाल समूह है जिनकी संरचना में नाइट्रोजन परमाणु (कुछ मामलों में अमीनो या एमिडो) होते हैं।
- ये नाइट्रोजन परमाणु इन यौगिकों की क्षारीयता का कारण बनते हैं।
- प्रसिद्ध एल्कलॉइड में मॉर्फिन, स्ट्राइकिन, कुनैन, एफेड्रिन और निकोटीन शामिल हैं।
- एल्कलॉइड के औषधीय गुण काफी विविध हैं। मॉर्फिन एक प्रबल मादक पदार्थ है जिसका उपयोग दर्द से राहत के लिये किया जाता है, हालाँकि इसका मादक गुण इसकी उपयोगिता को सीमित करता है। अफीम पोस्त में पाया जाने वाला मॉर्फिन का मिथाइल ईथर व्युत्पन्न कोडीन, एक उत्कृष्ट एनाल्जेसिक है जो अपेक्षाकृत गैर-मादक है।
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