सामाजिक न्याय
दक्षिण पूर्व एशिया अफीम सर्वेक्षण 2023: UNODC
- 16 Dec 2023
- 13 min read
प्रिलिम्स के लिये:दक्षिण पूर्व एशिया ओपियम सर्वेक्षण 2023: UNODC, ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC), गोल्डन ट्राएंगल, दक्षिण पूर्व एशिया, अफीम की खेती, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)। मेन्स के लिये:दक्षिण पूर्व एशिया ओपियम सर्वेक्षण 2023: UNODC, नशीली दवाओं का खतरा: खतरे, चुनौतियाँ, पहल, चुनौतियाँ। |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) ने Southeast Asia Opium Survey 2023 - Cultivation, Production, and Implications (दक्षिणपूर्व एशिया ओपियम सर्वेक्षण 2023 - खेती, उत्पादन और निहितार्थ) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि दक्षिण पूर्व एशिया के गोल्डन ट्राइएंगल में अफीम की खेती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
नोट: गोल्डन ट्रायंगल आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया के एक क्षेत्र को संदर्भित करता है जो अवैध दवाओं, विशेष रूप से अफीम के उत्पादन के लिये जाना जाता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ तीन देशों की सीमाएँ मिलती हैं: म्याँमार (पूर्व में बर्मा), लाओस और थाईलैंड।
- मूल रूप से "गोल्डन ट्रायंगल" शब्द इन तीन देशों के कुछ हिस्सों को कवर करने वाले अफीम उत्पादक क्षेत्र को संदर्भित करता है। हालाँकि यह नशीली दवाओं के उत्पादन, तस्करी और संगठित अपराध से जुड़े एक व्यापक क्षेत्र को दर्शाने के लिये विकसित हुआ है।
- अवैध दवाओं के लिये एक और कुख्यात क्षेत्र गोल्डन क्रिसेंट या "डेथ क्रिसेंट" है, इस क्रिसेंट क्षेत्र में अफगानिस्तान और ईरान शामिल हैं - जो इसे पाकिस्तान से तस्करी की जाने वाली दवाओं के लिये एक प्राकृतिक पारगमन बिंदु निर्मित करता है।
रिपोर्ट के मुख्य तथ्य क्या हैं?
- म्याँमार में अफीम की खेती में वृद्धि:
- पिछले वर्ष 2022 में गोल्डन ट्रायंगल में अफीम की खेती का विस्तार जारी रहा, जिसमें म्याँमार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- म्याँमार में अफीम की खेती में 18% की वृद्धि हुई है, जो 47,100 हेक्टेयर तक पहुँच गई है।
- इस वृद्धि ने म्याँमार को विश्व में अफीम का सबसे बड़ा बाज़ार बना दिया है, विशेषकर वर्ष 2021 में सैन्य अधिग्रहण के बाद हुए व्यवधानों के कारण।
- बढ़ी हुई उपज और निवेश:
- प्रति हेक्टेयर औसत अनुमानित अफीम उपज 16% बढ़कर 22.9 किलोग्राम/हेक्टेयर हो गई।
- यह कृषि पद्धतियों में प्रगति और सिंचाई प्रणालियों व उर्वरकों में बढ़े हुए निवेश को दर्शाता है, जो किसानों एवं खरीदारों के अधिक परिष्कृत दृष्टिकोण का संकेत देता है।
- अफीम की बढ़ती कीमतें:
- आपूर्ति में बढ़ोतरी के बावजूद, किसानों को भुगतान की जाने वाली कीमत 27% बढ़कर लगभग 355 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम हो गई।
- कीमतों में यह वृद्धि एक फसल तथा मादक वस्तु के रूप में अफीम के आकर्षण को रेखांकित करता है तथा अत्यधिक मांग का संकेत देता है जो गोल्डन ट्राएंगल में अफीम व्यापार को बढ़ावा देता है।
- अफगानिस्तान अफीम प्रतिबंध का प्रभाव:
- रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अफगानिस्तान में अफीम पर लंबे समय तक प्रतिबंध से कीमतें निरंतर ऊँची रहेंगी तथा दक्षिण पूर्व एशिया में इसकी खेती में और वृद्धि होगी।
- तालिबान के प्रतिबंध के कारण अफगानिस्तान में अफीम पोस्त की खेती में 95% की गिरावट आई है
- अवैध अर्थव्यवस्था में योगदान:
- अफीम की खेती का विस्तार के कारण मेकांग क्षेत्र (कंबोडिया, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (विशेष रूप से युन्नान प्रांत एवं गुआंग्शी ज़ुआंग स्वायत्त क्षेत्र), लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, म्याँमार, थाईलैंड और वियतनाम) में व्यापक अवैध अर्थव्यवस्था में योगदान मिल रहा है।
- यह सिंथेटिक दवाओं के उत्पादन और नशीली दवाओं की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग तथा ऑनलाइन आपराधिक गतिविधियों के अभिसरण को बढ़ावा देकर संगठित अपराध समूहों के लिये आय का एक प्रमुख स्रोत प्रदान करता है।
- अनुशंसाएँ:
- म्याँमार में आए संकट ने क्षेत्र में अपराध और शासन संबंधी चुनौतियों को बढ़ा दिया है। अफीम की खेती वाले क्षेत्रों में लोगों द्वारा सामना की जाने वाली जटिल समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन मुद्दों को संबोधित करने के लिये व्यापक समाधान की आवश्यकता है। इस प्रवृत्ति को कम करने के लिये अफीम की खेती के लिये व्यवहार्य विकल्प प्रदान करना एवं सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना महत्त्वपूर्ण है।
- कृषक समुदायों द्वारा सामना की जाने वाली असुरक्षाओं तथा आर्थिक कठिनाइयों को देखते हुए, म्याँमार एवं लाओस में इन समुदायों के साथ UNODC की प्रत्यक्ष भागीदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
- अफीम की खेती के आकर्षण से निपटने के लिये आघातसह अपनाना एवं स्थायी आय सृजन के विकल्प प्रदान करना महत्त्वपूर्ण है।
अफीम पोस्ता के पौधों के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- वैज्ञानिक नाम: पापावेर सोम्निफेरम
- उपयोग: अफीम पोस्ता के रस से प्राप्त अफीम का उपयोग सदियों से दर्द निवारक, शामक और मॉर्फिन, कोडीन और हेरोइन सहित विभिन्न ओपिओइड के उत्पादन में किया जाता रहा है। औषधीय रूप से इसका उपयोग गंभीर दर्द को कम करने, खाँसी को समाप्त करने और नींद लाने के लिये किया जाता है।
- वैश्विक उत्पादन: भारत संयुक्त राष्ट्र एकल कन्वेंशन ऑन नारकोटिक ड्रग्स (1961) द्वारा गोंद अफीम का उत्पादन करने के लिये अधिकृत एकमात्र देश है। इसके अतिरिक्त, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, फ्राँस, चीन, हंगरी, नीदरलैंड, पोलैंड, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की और चेक गणराज्य जैसे अन्य देश भी अफीम की खेती करते हैं। हालाँकि ये देश गोंद नहीं निकालते हैं बल्कि कॉन्सेंट्रेट ऑफ पोस्ता स्ट्रॉ प्रक्रिया (CPS) का उपयोग करते हैं।
- इस प्रक्रिया में पूरी तरह से प्रसंस्करण के लिये 8 इंच डंठल के साथ उसके कंद को काटना शामिल है।
ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय क्या है?
- इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी और वर्ष 2002 में इसे ड्रग्स एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) का नाम दिया गया था।
- यह संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय ड्रग नियंत्रण कार्यक्रम (UNDCP) तथा वियना में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय प्रभाग को मिलाकर ड्रग नियंत्रण व अपराध रोकथाम कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
मादक द्रव्य दुरुपयोग से निपटने के लिये संबंधित पहल क्या हैं?
- भारत में:
- वैश्विक पहलें:
- वर्ष 1961 के सिंगल कन्वेंशन ऑन नारकोटिक्स ड्रग्स।
- साइकोट्रोपिक पदार्थों पर कन्वेंशन, 1971।
- नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के अवैध यातायात के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (1988)।
- भारत ने तीनों पर हस्ताक्षर किये हैं और उसने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 को लागू किया है।
- प्रतिवर्ष, संयुक्त राष्ट्र एक वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट, ग्लोबल ड्रग पॉलिसी इंडेक्स प्रकाशित करता है।
सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. एक सीमांत राज्य के एक ज़िले में स्वापकों (नशीले पदार्थों) का खतरा अनियंत्रित हो गया है। इसके परिणामस्वरूप काले धन का प्रचलन, पोस्त की खेती में वृद्धि, हथियारों की तस्करी व्यापक हो गई है तथा शिक्षा व्यवस्था लगभग ठप हो गई है। संपूर्ण व्यवस्था एक प्रकार से समाप्ति के कगार पर है। इन अपुष्ट खबरों से कि स्थानीय राजनेता और कुछ पुलिस उच्चाधिकारी भी ड्रग माफिया को गुप्त संरक्षण दे रहे हैं, स्थिति और भी बदतर हो गई है। ऐसे समय परिस्थिति को सामान्य करने के लिये एक महिला पुलिस अधिकारी जो ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिये अपने कौशल के लिये जानी जाती है, पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया जाता है। प्रश्न. यदि आप वही पुलिस अधिकारी हैं तो संकट के विभिन्न आयामों को चिह्नित कीजिये। अपनी समझ के अनुसार, संकट का सामना करने के उपाय भी सुझाइये। (मुख्य परीक्षा, 2019) |