स्वतंत्रता दिवस पर पाएँ सभी ऑनलाइन, पेनड्राइव कोर्सेज़, डीएलपी और टेस्ट सीरीज़ पर 40% की छूट। 15-18 अगस्त । डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिये यह फॉर्म ज़रूर भरें। कॉलबैक फॉर्म:
अभी रजिस्टर करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Aug 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

बिहार में खरीफ फसलों का नष्ट होना

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के अनुसार, उत्तरी बिहार के किसानों को अप्रत्याशित बाढ़ के कारण गंभीर फसल क्षति का सामना करना पड़ रहा है, जिससे धान और सब्ज़ियों सहित हज़ारों एकड़ खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं।

प्रमुख बिंदु

  • मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, मधुबनी और भागलपुर जैसे ज़िलों के सैकड़ों गाँवों में बाढ़ का पानी फैल गया है, जिससे बड़े पैमाने पर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
  • बाढ़ के कारण कई लोग विस्थापित हो गए हैं तथा उन्हें आस-पास के बाज़ारों और कार्यालयों से कटे हुए अलग-थलग गाँवों में रहने के लिये मजबूर होना पड़ा है।
    • इसके अतिरिक्त पशुओं के लिये हरे और सूखे चारे की भी कमी हो गई, जिससे प्रभावित समुदायों की कठिनाइयाँ और बढ़ गईं।
  • व्यापक विनाश के बावजूद बिहार आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई।
    • बिहार में बाढ़ कोई नई घटना नहीं है, इससे प्रतिवर्ष हज़ारों लोग विशेषकर गंगा, कोसी, गंडक, बागमती और महानंदा नदी घाटियों में, प्रभावित होते हैं, ।
  • बिहार भारत में सबसे अधिक बाढ़-प्रवण राज्य है, राज्य के कुल 9.41 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल में से लगभग 6.88 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ के प्रति संवेदनशील माना जाता है।

बाढ़ 

  • यह पानी का उस ज़मीन पर बह जाना है जो आमतौर पर सूखी होती है। बाढ़ अधिक वर्षा के दौरान, जब समुद्र की लहरें किनारे पर आती हैं, जब बर्फ तेज़ी से पिघलती है या जब बाँध या तटबंध टूट जाते हैं, तब आ सकती है।
  • विनाशकारी बाढ़ केवल कुछ इंच पानी से भी आ सकती है या यह घर की छत तक को भी ढक सकती है। बाढ़ कुछ ही मिनटों में या लंबे समय में आ सकती है और कई दिनों, सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक चल सकती है। बाढ़ सभी मौसम संबंधी प्राकृतिक आपदाओं में सबसे आम और व्यापक है।
  • फ्लैश फ्लड सबसे खतरनाक प्रकार की बाढ़ होती है, क्योंकि इसमें बाढ़ की विनाशकारी शक्ति के साथ अविश्वसनीय गति भी शामिल होती है।
    • फ्लैश फ्लड तब आती है जब अधिक वर्षा भूमि की उसे सोखने की क्षमता से अधिक हो जाती है।
    • वे तब भी होती हैं जब सामान्यतः सूखी खाड़ियों या धाराओं में पानी भर जाता है या इतना पानी जमा हो जाता है कि धाराएँ अपने किनारों को पार कर जाती हैं, जिससे थोड़े समय में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ जाता है।
    • ये घटनाएँ वर्षा के कुछ ही मिनटों के भीतर घटित हो सकती हैं, जिससे जनता को चेतावनी देने और उनकी सुरक्षा के लिये उपलब्ध समय सीमित हो जाता है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2