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कैलिफोर्नियम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के गोपालगंज में पुलिस ने 50 ग्राम कैलिफोर्नियम नामक पदार्थ ज़ब्त किया, जो कि अत्यधिक रेडियोधर्मी धातु है और इसकी कीमत 850 करोड़ रुपए है।
- हालाँकि परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा किये गए प्रारंभिक परीक्षणों में कोई रेडियोधर्मिता नहीं पाई गई।
मुख्य बिंदु:
- कैलिफोर्नियम के बारे में:
- कैलिफोर्नियम का नाम अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया और विश्वविद्यालय के नाम पर रखा गया है।
- इसे पहली बार 1950 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्त्ताओं द्वारा संश्लेषित किया गया था।
- कैलिफोर्नियम एक चाँदी-सफेद रंग की सिंथेटिक रेडियोधर्मी धातु है, जिसकी आवर्त सारणी में परमाणु संख्या 98 है।
- यह प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है और इसका उत्पादन नाभिकीय अभिक्रियाओं विशेष रूप से क्यूरियम पर हीलियम आयनों की बमबारी के माध्यम से होता है।
- क्यूरियम एक कठोर धातु है जिसका परमाणु क्रमांक 96 और प्रतीक Cm है। यह धातु परमाणु रिएक्टरों में कृत्रिम रूप से उत्पादित की जाती है।
- हीलियम आयन हीलियम का एक धनात्मक आवेशित परमाणु होता है, जिसे आमतौर पर He+ के रूप में दर्शाया जाता है। यह तब बनता है जब हीलियम परमाणु अपने एक या अधिक इलेक्ट्रॉन खो देता है।
- गुण:
- कैलिफोर्नियम अत्यधिक रेडियोधर्मी है और मूल्यवान तथा खतरनाक दोनों है।
- यह आवर्त सारणी पर एक्टिनाइड शृंखला से संबंधित है।
- उल्लेखनीय समस्थानिकों में Cf-251 शामिल है, जो 898 वर्ष की अर्द्ध आयुके साथ सबसे अधिक स्थिर है, साथ ही Cf-249 और Cf-250 भी शामिल हैं, जिनकी अर्द्ध आयु इससे भी कम है।
- रेडियोधर्मिता:
- यह कुछ अस्थिर परमाणुओं (रेडियोन्यूक्लाइड) का गुण है कि वे स्वतः ही नाभिकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं, आमतौर पर अल्फा कण या बीटा कण, जिनके साथ प्रायः गामा किरणें भी होती हैं।
- परमाणु ऊर्जा विभाग:
- परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की स्थापना 3 अगस्त, 1954 को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री के प्रत्यक्ष प्रभार के अधीन की गई थी।
- इस आदेश के अनुसार, परमाणु ऊर्जा से संबंधित भारत सरकार के सभी व्यवसाय तथा परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1948 के अंतर्गत केंद्र सरकार के कार्यों को परमाणु ऊर्जा विभाग में ही संचालित करने का निर्देश दिया गया।
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC):
- BARC भारत की अग्रणी परमाणु अनुसंधान सुविधा है जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन संचालित होती है।
- एक बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र के रूप में, BARC परमाणु विज्ञान, इंजीनियरिंग और संबंधित क्षेत्रों की पूरी शृंखला में उन्नत अनुसंधान एवं विकास के लिये व्यापक बुनियादी ढाँचे से सुसज्जित है।
- यह भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (NPCIL) के लिये प्राथमिक अनुसंधान सहायता के रूप में भी कार्य करता है, जो भारत के सभी परमाणु रिएक्टरों का प्रबंधन करता है।
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भारत बंद के चलते राजस्थान में हाई अलर्ट
चर्चा में क्यों?
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आयोजित भारत बंद के बाद राजस्थान में हाई अलर्ट है।
यह विरोध प्रदर्शन सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्णय के विरोध में है, जिसमें राज्यों को अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के बीच 'क्रीमी लेयर' की पहचान करने तथा उन्हें आरक्षण लाभ से बाहर करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया कि राज्यों को पिछड़ेपन के विभिन्न स्तरों के आधार पर SC और ST को उप-वर्गीकृत करने की संवैधानिक अनुमति है।
- सात न्यायाधीशों की पीठ ने निर्णय सुनाया कि राज्य अब सबसे वंचित समूहों को बेहतर सहायता प्रदान करने के लिये 15% आरक्षण कोटे के भीतर SC को उप-वर्गीकृत कर सकते हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया है कि 'क्रीमी लेयर' सिद्धांत, जो पहले केवल अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) पर लागू होता था (जैसा कि इंद्रा साहनी मामले में उजागर किया गया था), अब SC और ST पर भी लागू होना चाहिये।
- इसका अर्थ है कि राज्यों को SC और ST के भीतर क्रीमी लेयर की पहचान करनी चाहिये तथा उन्हें आरक्षण लाभों से बाहर करना चाहिये।
बंद, हड़ताल या इसी तरह के विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की संवैधानिकता
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(c) नागरिकों को संघ या यूनियन बनाने का मौलिक अधिकार देता है।
- अनुच्छेद 19 अपने नागरिकों के अधिकारों, विशेष रूप से भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के संबंध में राज्य की शक्ति को प्रतिबंधित करता है।
- अनुच्छेद 19(1)(a) नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, जिसमें विभिन्न माध्यमों से राय, विश्वास एवं दृढ़ विश्वास व्यक्त करना शामिल है।
- विचारों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व के रूप में प्रदर्शनों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत संरक्षित किया जाता है, बशर्ते वे अहिंसक और व्यवस्थित हों।
- हड़तालों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में शामिल नहीं किया गया है।
- अनुच्छेद 19 स्पष्ट रूप से नागरिकों को हड़ताल, बंद या चक्का जाम आयोजित करने का मौलिक अधिकार नहीं देता है।
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RECPDCL ने राजस्थान पावर प्रोजेक्ट को Apraava को हस्तांतरित किया
चर्चा में क्यों?
REC लिमिटेड की सहायक कंपनी REC पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (RECPDCL) ने राजस्थान IV-A पॉवर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट अप्रावा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (Apraava Energy Private Limited- AEPL) को हस्तांतरित कर दी।
- यह परियोजना राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा ज़ोन फेस IV से विद्युत की निकासी को सुविधाजनक बनाने हेतु तैयार की गई है, जिसमें जैसलमेर और बाड़मेर परिसर शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- राजस्थान IV-A पॉवर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट:
- प्रोजेक्ट का दायरा:
- 765/400 kV, 4x1500 MVA पूलिंग स्टेशन का निर्माण।
- 400/220 kV, 5x500 MVA पूलिंग स्टेशन का निर्माण।
- 400 kV ट्रांसमिशन लाइन की 184.56 किलोमीटर की लाइन बिछाई जाएगी।
- समय-सीमा: इस परियोजना के दो वर्ष के भीतर पूरा होने की आशा है।
- क्षमता वृद्धि: इस परियोजना से क्षेत्र की विद्युत संचरण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- प्रभाव: यह परियोजना राजस्थान के नवीकरणीय ऊर्जा उद्देश्यों का समर्थन करेगी।
- महत्त्व: यह हस्तांतरण वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट की स्थापित विद्युत क्षमता हासिल करने के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।
- मॉडल का प्रकार: इस परियोजना को निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण ( Build, Own, Operate, and Transfer- BOOT) के आधार पर विकसित किया जाएगा। यह विकास क्षेत्र में विद्युत संचरण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- BOOT मॉडल एक प्रकार का ऑपरेटर मॉडल है जिसका उपयोग परियोजना प्रबंधन में किया जाता है। इस मॉडल में वास्तविक निवेशक किसी परियोजना के निर्माण, संचालन और रखरखाव को सीमित समय के लिये किसी अन्य कंपनी को सौंपता है।
- प्रोजेक्ट का दायरा:
हरियाणा Switch to English
भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा में भर्ती के परिणाम रोके
चर्चा में क्यों?
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने हरियाणा में चल रही भर्ती प्रक्रियाओं के परिणामों की घोषणा पर विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक रोक लगा दी है।
मुख्य बिंदु
- भर्ती विवरण: प्रभावित भर्तियों में हरियाणा पुलिस में कांस्टेबलों के पद, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) और शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक (PTI) के पद तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) द्वारा विभिन्न पद शामिल हैं।
- रोक का कारण: यह निर्णय विपक्षी पार्टी की ओर से आदर्श आचार संहिता (MCC) के उल्लंघन की शिकायत के बाद लिया गया।
- आयोग के निष्कर्ष: ECI ने निर्धारित किया कि भर्ती प्रक्रियाओं में MCC का कोई उल्लंघन नहीं हुआ था, क्योंकि वे चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले शुरू किये गए थे।
- हालाँकि निष्पक्षता और समान अवसर बनाए रखने के लिये, चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक परिणाम जारी नहीं किये जाएंगे।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC)
- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग एक सरकारी निकाय है जो हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में ग्रुप बी, सी तथा डी के पदों हेतु कर्मचारियों की भर्ती के लिये ज़िम्मेदार है।
भारत निर्वाचन आयोग
- परिचय:
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं के प्रशासन हेतु ज़िम्मेदार है।
- इसकी स्थापना संविधान के अनुसार 25 जनवरी, 1950 को की गई थी (जिसे राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है)। आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में है।
- यह निकाय भारत में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं तथा देश में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिये चुनावों का संचालन करता है।
- इसका राज्यों में पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनावों से कोई सरोकार नहीं है। इसके लिये भारत के संविधान में अलग से राज्य चुनाव आयोग का प्रावधान है।
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं के प्रशासन हेतु ज़िम्मेदार है।
- संवैधानिक प्रावधान:
- भाग XV (अनुच्छेद 324-329): यह चुनावों से संबंधित है और इन मामलों के लिये एक आयोग की स्थापना करता है।
आदर्श आचार संहिता (MCC)
- आदर्श आचार संहिता एक आम सहमति वाला दस्तावेज़ है। राजनीतिक दलों ने खुद ही चुनाव के दौरान अपने आचरण पर नियंत्रण रखने और आचार संहिता के दायरे में काम करने पर सहमति जताई है।
- यह निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिये गए अधिदेश के अनुरूप कार्य करने में सहायता करता है, जो उसे संसद और राज्य विधानसभाओं के स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों का पर्यवेक्षण करने एवं उन्हें संचालित करने की शक्ति प्रदान करता है।
- आदर्श आचार संहिता चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा की तारीख तक लागू रहती है।
- संहिता के प्रभावी रहने के दौरान सरकार किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकती, सड़कों या अन्य सुविधाओं के निर्माण का वादा नहीं कर सकती तथा सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम में कोई तदर्थ नियुक्ति नहीं कर सकती।
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उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से अयोध्या और वृंदावन में जन्माष्टमी उत्सव मनाया जा रहा है, जहाँ भक्त मंदिरों में जा रहे हैं तथा त्योहार के लिये खरीदारी कर रहे हैं।
प्रमुख बिंदु:
- कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी या श्रीकृष्ण जयंती भी कहा जाता है, विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है।
- कृष्ण जन्माष्टमी आमतौर पर अगस्त या सितंबर में चंद्र-सौर हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी (आठवें दिन) को मनाई जाती है।
- जन्माष्टमी का एक प्रमुख आकर्षण "दही हांडी" उत्सव है।
उत्तर प्रदेश के महत्त्वपूर्ण मेले
- ताज महोत्सव:
- यह आगरा के शिल्पग्राम में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक जीवंत 10 दिवसीय उत्सव है। यह उत्सव 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान उत्तर प्रदेश में पनपी समृद्ध मुगल तथा नवाबी संस्कृति से प्रेरित है।
- कुंभ मेला:
- कुंभ मेला विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसे हिंदुओं द्वारा प्रत्येक 12 वर्ष में भारत में चार स्थानों पर मनाया जाता है: प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन।
- तीर्थयात्री आध्यात्मिक शुद्धि की तलाश में पवित्र नदियों (गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी और शिप्रा) में स्नान करने के लिये एकत्र होते हैं।
- कुंभ मेला विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसे हिंदुओं द्वारा प्रत्येक 12 वर्ष में भारत में चार स्थानों पर मनाया जाता है: प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन।
- गंगा महोत्सव:
- गंगा नदी भारत के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है और इसने अपने तट पर कई सभ्यताओं को पोषित किया है। कार्तिक महीने के दौरान वाराणसी में नदी देवी को उनके आशीर्वाद के लिये धन्यवाद देने के लिये त्योहार मनाया जाता है।
- घाटों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है और कार्तिक पूर्णिमा पर लोग नदी के किनारे मिट्टी के दीये जलाने एवं प्रवाहित करने के लिये एकत्रित होते हैं।
- गंगा नदी भारत के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है और इसने अपने तट पर कई सभ्यताओं को पोषित किया है। कार्तिक महीने के दौरान वाराणसी में नदी देवी को उनके आशीर्वाद के लिये धन्यवाद देने के लिये त्योहार मनाया जाता है।
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