राजस्थान Switch to English
पाटली नदी
चर्चा में क्यों?
13 मार्च, 2025 को राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कोटा में पाटली नदी के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
- पाटली नदी के बारे में:
- पाटली नदी 37 किलोमीटर लंबी नदी है, जो मध्यप्रदेश के मंदसौर ज़िले से उद्गमित होकर नीमथुर की पहाड़ी से निकलकर रामगंजमंडी (राजस्थान) में प्रवेश करती है, जहाँ इसका लगभग 12 किलोमीटर का प्रवाह क्षेत्र है।
- अंततः यह नदी सुकेत की आहु नदी में विलय हो जाती है।
- नदी का जीर्णोद्धार:
- 5 करोड़ की लागत से विलुप्त हो चुकी पाटली नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा।
- इस परियोजना के तहत नदी की तलछट में जमे मलबे, काँच, पत्थर के टुकड़ों व अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकाला जाएगा।
- इसकी चौड़ाई लगभग 40 मीटर की जाएगी और इसके किनारों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
- नदी के किनारों पर उपयुक्त स्थान का चयन कर घाटों का निर्माण कराया जाएगा तथा कुछ स्थानों पर जल भराव के लिये बेड का निर्माण भी कराया जाएगा।
- महत्त्व:
- नदी का जीर्णाेद्धार होने से 40 गाँवों की लगभग 7050 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
- प्राकृतिक जल प्रवाह पुनः स्थापित होगा।
- इससे आस-पास के खेतों में जलभराव की समस्या कम होगी
- भू-कटाव और मिट्टी के क्षरण को नियंत्रित किया जा सकेगा।
कोटा के बारे में:
- परिचय:
- प्रारम्भिक शासक कोटिया भील के नाम पर इसका नाम कोटा पड़ा।
- इसे राजस्थान का कानपुर, औद्योगिक नगरी एवं शिक्षा नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
- यह शहर चंबल नदी के तट पर स्थित है।
- जवाहर सागर बांध (चंबल नदी) और हरिशचंद्र सागर (काली सिंध नदी) कोटा में ही स्थित हैं
- जयपुर और जोधपुर के बाद यह राजस्थान का तीसरा बड़ा शहर है।
- साक्षरता
- 2011 की जनगणना के अनुसार यह राजस्थान का सर्वाधिक साक्षरता ( 76.6%) वाला ज़िला है।
- प्रमुख दर्शनीय स्थल
- मुकुंदवाड़ा की पहाड़ियाँ- कोटा व झालावाड़ के बीच स्थित।
- विभीषण मंदिर - भारत का एकमात्र विभीषण मंदिर, कैथून में स्थित।
- मथुराधीश मंदिर – वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल।
- कंसुआ का शिव मंदिर– 8वीं शताब्दी में निर्मित, यहाँ सूर्य की पहली किरण सीधे शिवलिंग पर पड़ती है।
- गेपरनाथ शिवालय- एक गुप्तकालीन शिवालय है।
- सर्प उद्यान- राजस्थान का एकमात्र सर्प उद्यान है।

