प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 18 Aug 2021
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

गम्हरिया गाँव बना प्लास्टिक और कचरा मुक्त

चर्चा में क्यों?

17 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले के गम्हरिया गाँव को प्लास्टिक और कचरा मुक्त घोषित किया गया। इससे पहले इसे खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) गाँव घोषित किया गया था।

प्रमुख बिंदु

  • यह गम्हरिया में सूरजपुर स्वयं सहायता समूह की ‘सफाई मित्र’ महिलाओं के माध्यम से संभव हुआ है, जो घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करती हैं। ग्रामीण अब उन्हें सम्मानपूर्वक ‘स्वच्छता दीदी’ कहते हैं।
  • समूह ने कचरा निपटान और कचरा प्रबंधन को कमाई का एक अतिरिक्त स्रोत बनाया है। पिछले एक साल में उन्होंने 63,000 रुपए कमाए। 
  • गम्हरिया के सरपंच विलियम कुजूर ने बताया कि गाँव में सेग्रीगेशन शेड (ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन केंद्र) बनाया गया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से धन उपलब्ध कराया गया। 
  • स्वयं सहायता समूह की सचिव सुनीता कुजूर ने बताया कि पॉलीथिन, खाद्य पदार्थों के पैकिंग रैपर, प्लास्टिक के सामान, लोहे के कबाड़ और काँच जैसे ठोस कचरे को अलग-अलग करके बेचा जाता है। 
  • उन्होंने कहा कि जुलाई 2020 से 12 महिलाएँ समूह के लिये काम कर रही हैं। समूह प्रत्येक घर से 10 रुपए प्रतिमाह और कूड़ा उठाने के लिये दुकानदारों से 20 रुपए प्रतिमाह एकत्र करता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘सुगंधित कोंडानार अभियान’

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘सुगंधित कोंडानार अभियान’ के तहत आम के बागों (अमरई) को विकसित करने के हिस्से के रूप में छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव ज़िले के राजागाँव में 1,000 अल्फांसो प्रजातियों का रोपण किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • कोंडागाँव विधायक मोहन मरकाम, ज़िला कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार व अन्य प्रतिनिधियों ने राजागाँव में 25 एकड़ क्षेत्र में लेमनग्रास, पामारोसा, पचौली और अल्फांसो के 1000 पौधों का रोपण किया। इसके साथ ही अन्य जन प्रतिनिधियों द्वारा नीलगिरि और बांस के पौधे भी लगाए गए। 
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 जून, 2021 को ‘सुगंधित कोंडानार अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य ज़िले को एरोमा हब बनाना तथा  किसानों को अतिरिक्त कमाई के लिये सुगंधित फसल की खेती को बढ़ावा देना है। 
  • इस अभियान के तहत ज़िले के 2,000 एकड़ की वन, कृषि और निजी भूमियों पर सुगंधित फसलों का उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही ज़िले में 20 करोड़ की लागत से संयंत्र स्थापित कर सुगंधित पदार्थों का निर्माण किया जाएगा।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow