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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Jul 2024
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काबरताल आर्द्रभूमि पर अतिक्रमण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) की पूर्वी क्षेत्र की सर्किट बेंच ने बिहार के बेगूसराय ज़िले में काबरताल आर्द्रभूमि पर आरोपों की जाँच के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया है।

मुख्य बिंदु:

  • रामसर स्थल पर अतिक्रमण और क्षरण के आरोप एक पर्यावरण कार्यकर्त्ता द्वारा लगाए गए थे, जिन्होंने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में अपील की था।
  • काबरताल आर्द्रभूमि स्थल को वर्ष 1989 में बिहार सरकार द्वारा पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित किया गया था।
    • इसे वर्ष 2020 में रामसर स्थल के रूप में नामित किया गया था और इसे एशिया की सबसे बड़ी ताज़े पानी की गोखुर झील के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • यह आर्द्रभूमि, 16-17 जलाशयों का समूह है तथा वर्षा जल के संग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करती है, पर समय के साथ इसपर अतिक्रमण किया गया है, जिसके कारण यह आरोप लगाया गया है कि इस क्षेत्र को संकुचित होने दिया गया है।
    • वर्ष 2019 के मानसून पश्चात की रिपोर्ट के अनुसार, इस स्थल का लगभग 82% भाग दलदली भूमि था (जिसमें से 25% भाग पर कृषि की जाती थी), 16% भाग सु-अपवाहित जल था तथा शेष भाग में वृक्षारोपण या पट्टे ली गई भूमि थी।
  • पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अतिक्रमण और झील के सूखने से पक्षियों पर गंभीर असर पड़ा है, क्योंकि इससे उनके आवास नष्ट हो गए हैं।

गोखुर झील

  • गोखुर झील एक घुमावदार झील है जो समय के साथ कटाव और तलछट के जमाव के परिणामस्वरूप नदी के विसर्पण द्वारा बनी है।
  • गोखुर झील प्रायः बाढ़ के मैदानों और नदियों के पास निचले इलाकों में पाई जाती हैं। इनका आकार अर्द्धचंद्राकार होता है।

रामसर स्थल

  • आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है जिसे वर्ष 1971 में कैस्पियन सागर के दक्षिणी तट पर स्थित ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था।
  • यह भारत के लिये 1 फरवरी, 1982 को लागू हुआ। वे आर्द्रभूमियाँ जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की हैं, उन्हें रामसर स्थल घोषित किया जाता है।
  • सम्मेलन का मिशन "स्थानीय और राष्ट्रीय कार्यों एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से सभी आर्द्रभूमियों का संरक्षण तथा विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना है, जो पूरे विश्व में सतत् विकास प्राप्त करने में योगदान देगा"।
  • मोंट्रेक्स रिकॉर्ड, अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों की सूची में शामिल उन आर्द्रभूमि स्थलों का पंजीकरण है, जहाँ तकनीकी विकास, प्रदूषण अथवा अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पारिस्थितिक चरित्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या होने की संभावना है

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