उत्तराखंड Switch to English
38वें राष्ट्रीय खेल
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी की तैयारी कर रहा है, जो 28 जनवरी, 2025 से शुरू होंगे।
38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के इतिहास में सबसे बड़ा खेल आयोजन होगा, जिसमें पूरे भारत के खिलाड़ी 35 खेलों में प्रतिस्पर्द्धा करेंगे।
मुख्य बिंदु
- राज्य ने इस आयोजन के अनुरूप तीन महत्त्वपूर्ण प्रतीकों का अनावरण किया है: प्रतीक चिह्न, शुभंकर मौली और मशाल तेजस्विनी।
- ये प्रतीक उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, लुभावने परिदृश्य और अटूट भावना का सार दर्शाते हैं तथा राज्य की 25वीं वर्षगाँठ को गर्व और उत्सव के साथ चिह्नित करते हैं।
- यह खेल आयोजन न केवल एक भव्य प्रतियोगिता होगी, बल्कि उत्तराखंड के लिये राष्ट्र के समक्ष अपनी सांस्कृतिक और प्राकृतिक पहचान को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर भी होगा।
- लोगो (प्रतीक चिह्न):
- 38वें राष्ट्रीय खेलों का आधिकारिक लोगो उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- हिमालय की चोटियाँ: राज्य की भव्यता और अनुकूलता का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- हिमालयी मोनाल: जैव विविधता और सांस्कृतिक गौरव पर प्रकाश डालता है।
- गंगा नदी: पवित्रता और आध्यात्मिकता का एक पवित्र प्रतीक जो उत्तराखंड की पहचान का केंद्र है।
- शुभंकर मौली:
- उत्तराखंड के राज्य पक्षी हिमालयन मोनाल के नाम पर रखा गया शुभंकर मौली इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, जीवंत वन्य जीवन और स्थायी भावना का प्रतीक है।
- अपने चमकदार रंगों और सुंदरता के लिये जाना जाने वाला हिमालयी मोनाल, उत्तराखंड के प्राचीन पर्यावरण का प्रतीक है, जिसमें इसके राजसी पहाड़ से लेकर हरे-भरे जंगल शामिल हैं।
- मौली उत्तराखंड के लोगों के दृढ़ संकल्प, ऊर्जा और दृढ़ता को दर्शाता है तथा उन गुणों को भी दर्शाता है जो एथलीट खेलों में लाते हैं।
- मौली को शुभंकर के रूप में चुनकर राज्य प्रकृति के साथ अपने सामंजस्यपूर्ण संबंध और अपने लोगों की दृढ़ता का जश्न मनाता है, जिससे यह राष्ट्रीय खेलों का उपयुक्त प्रतीक बन जाता है।
- मशाल तेजस्विनी:
- 38 वें राष्ट्रीय खेलों की आधिकारिक मशाल, जिसका नाम तेजस्विनी है, शक्ति, प्रेरणा और उत्कृष्टता की निरंतर खोज का प्रतिनिधित्व करती है।
- यह मशाल उत्तराखंड में खेल की भावना और प्रतिस्पर्धा की ज्योति को विस्तारित करेगी, साथ ही राज्य और राष्ट्र को खेल के प्रति एकजुट करेगी।
- उत्तराखंड के पहाड़ों की भव्यता और वहाँ के लोगों की जीवंत ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- तेजस्विनी उत्कृष्टता और एकता के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
- इसकी चमकदार रोशनी उत्तराखंड के एथलीटों के लिये उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है, जो उन्हें महानता हासिल करने के लिये प्रेरित करती है और साथ ही गर्व और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देती है।
हिमालयन मोनाल
- हिमालयन मोनाल, जिसे इम्पेयन मोनाल या इम्पेयन तीतर के नाम से भी जाना जाता है, तीतर परिवार, फासियानिडे का एक पक्षी है।
- यह उत्तराखंड का राज्य पक्षी है। इसे 2018 में उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिये शुभंकर के रूप में चुना गया है।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अनुसार हिमालयन मोनाल अनुसूची-I पक्षी है तथा IUCN द्वारा इसे न्यूनतम चिंताजनक (LC) पक्षी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।