ASI ने भोजशाला सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी | मध्य प्रदेश | 16 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) ने विवादित भोजशाला-कमाल-मौला मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ को सौंपी।
मुख्य बिंदु:
- सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में परमार वंश/काल (9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच) की मध्यकालीन संरचना के अवशेष हैं। इस स्थल का निर्माण और विकास राजा भोज ने धार ज़िले में किया था।
- लगभग 98 दिनों तक चले सर्वेक्षण में लगभग 1700 अवशेष और अन्य साक्ष्य सामने आए।
- खोजी गई नक्काशी में विविध प्रकार की छवियाँ शामिल थीं, जिनमें देवताओं की अपवित्र मूर्तियाँ, कलाकृतियाँ और अन्य अवशेष (मानव एवं पशु आकृतियाँ) शामिल थीं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजशाला की मौजूदा संरचना मूलतः एक मंदिर थी तथा यह साहित्यिक और शैक्षिक गतिविधियों का केंद्र भी थी।
- हिंदू समुदाय भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते है।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI)
- संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण, राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत के पुरातात्त्विक अनुसंधान और संरक्षण के लिये प्रमुख संगठन है।
- यह 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्त्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्त्व के अवशेषों का प्रबंधन करता है।
- इसकी गतिविधियों में पुरातात्त्विक अवशेषों का सर्वेक्षण, पुरातात्त्विक स्थलों की खोज और उत्खनन, संरक्षित स्मारकों का संरक्षण एवं रखरखाव आदि शामिल हैं।
- इसकी स्थापना वर्ष 1861 में ASI के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी। अलेक्जेंडर कनिंघम को “भारतीय पुरातत्त्व का जनक” भी कहा जाता है।