उत्तराखंड Switch to English
अभावपरक दृष्टिकोण: उत्तराखंड वनाग्नि
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि आग बुझाने के लिये केंद्रीय निधि का उपयोग क्यों नहीं किया गया।
मुख्य बिंदु:
- सर्वोच्च न्यायालय ने वनाग्नि से निपटने में उत्तराखंड सरकार द्वारा दिखाए गए 'अभावपरक' दृष्टिकोण पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव को 17 मई को न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिये बुलाया।
- शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया कि कोई भी राज्य चुनाव ड्यूटी के लिये वन अधिकारियों या वन विभाग के वाहनों को तैनात नहीं करेगा।
- मुख्य सचिव से वन विभाग में बड़ी रिक्तियों, अग्निशमन उपकरणों की कमी और निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई विशिष्ट छूट के बावजूद वन अधिकारियों की तैनाती के बारे में भी स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
- न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ जिसमें न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता भी शामिल थे, ने कहा कि हालाँकि कई कार्य योजनाएँ तैयार की जाती हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन के लिये कोई कदम नहीं उठाया जाता है।
- वनाग्नि के कारण 1,300 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई।
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिरूल लाओ-पैसे पाओ मिशन की शुरुआत की थी।
- इस अभियान के तहत, वनाग्नि को रोकने के लिये स्थानीय ग्रामीणों और युवाओं द्वारा वन में पड़े पिरूल (चीड़ के पेड़ की पत्तियाँ) को एकत्र किया जाएगा, उनका वज़न किया जाएगा तथा फिर निर्धारित पिरूल संग्रह केंद्र में संग्रहीत किया जाएगा।
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चार धाम यात्रा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यमुनोत्री में भारी भीड़ तथा केदारनाथ और बद्रीनाथ मार्गों पर लंबी यातायात अवरोधों के चिंताजनक दृश्यों ने सरकार को चार धाम यात्रा के लिये अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक समाधानों को प्राथमिकता देने को मजबूर किया है।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में चार मंदिरों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन शामिल हैं।
- चार धाम यात्रा का हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्त्व है। यह यात्रा सामान्यतः अप्रैल/मई से अक्तूबर/नवंबर तक होती है।
- राज्य द्वारा एक "धार्मिक यात्रा प्राधिकरण" बनाने की योजना बना रहा है जो न केवल चार धाम यात्रा बल्कि काँवर यात्रा जैसी अन्य तीर्थयात्राओं को भी नियंत्रित किया जाएगा।
- प्राधिकरण सभी मुद्दों पर निर्णय लेगा, जैसे- दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या, मार्ग, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तैनाती और अन्य सभी व्यवस्थाएँ तय करना।
- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश की भाँति ही धार्मिक आयोजनों के लिये नियामक संस्था को अपनाने पर विचार कर रहा है और कार्यान्वयन से पहले यह उत्तर प्रदेश के मॉडल का अध्ययन करेगा।
चार धाम यात्रा
- यमुनोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
- समर्पित: देवी यमुना।
- गंगा नदी के बाद यमुना नदी भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
- गंगोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
- समर्पित: देवी गंगा।
- सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
- केदारनाथ धाम:
- स्थान: रुद्रप्रयाग ज़िला।
- समर्पित: भगवान शिव।
- मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
- भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य प्रतिनिधित्व) में से एक।
- बद्रीनाथ धाम:
- स्थान: चमोली ज़िला।
- पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का स्थान।
- समर्पित: भगवान विष्णु।
- वैष्णवों के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक
हरियाणा Switch to English
हरियाणा की नई आबकारी नीति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा कैबिनेट ने निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने के बाद वर्ष 2024-25 के लिये एक नई आबकारी नीति को अपनी मंज़ूरी दे दी।
मुख्य बिंदु:
- 12 जून से शुरू होने वाली नई नीति में इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) और देशी शराब पर एक्साइज़/आबकारी शुल्क में मामूली बढ़ोतरी होगी।
- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में यहाँ कैबिनेट की बैठक हुई।
- वर्ष 2024-25 के लिये IMFL का अधिकतम बेसिक कोटा 700 लाख प्रूफ लीटर (माप इकाई) और देशी शराब के लिये 1,200 लाख प्रूफ लीटर होगा।
- IMFL और देशी शराब के लिये वर्ष 2023-24 में शुरू की गई QR कोड-आधारित ट्रैक एवं ट्रेस प्रणाली का विस्तार आयातित विदेशी शराब तक भी किया जाएगा।
- नई नीति में रिटेल दुकानों की अधिकतम संख्या वही रहेगी। ई-नीलामी में भाग लेने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को आधार कार्ड या परिवार पहचान-पत्र, पिछले तीन मूल्यांकन वर्षों के लिये आयकर रिटर्न प्रस्तुत करना होगा और उसकी न्यूनतम कुल संपत्ति 60 लाख रुपए होनी चाहिये।
- चूँकि मौजूदा लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिये नीति पर निर्णय लेने से पूर्व निर्वाचन आयोग की मंज़ूरी ली गई थी।
आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct)
- MCC एक सर्वसम्मत दस्तावेज़ है। राजनीतिक दल स्वयं चुनाव के दौरान अपने आचरण को नियंत्रित रखने और संहिता के भीतर काम करने पर सहमत हुए हैं।
- यह चुनाव आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिये गए जनादेश को ध्यान में रखते हुए मदद करता है, जो उसे संसद और राज्य विधानमंडलों के लिये स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों की निगरानी एवं संचालन करने की शक्ति प्रदान करता है।
- MCC चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की तारीख से परिणाम की घोषणा की तारीख तक लागू रहता है।
- संहिता लागू रहने के दौरान सरकार किसी वित्तीय अनुदान की घोषणा नहीं कर सकती, सड़कों या अन्य सुविधाओं के निर्माण का वादा नहीं कर सकती और न ही सरकारी या सार्वजनिक उपक्रम में कोई तदर्थ नियुक्ति कर सकती है।
आयकर रिटर्न
- आयकर: आयकर एक वित्तीय वर्ष में अर्जित किसी व्यक्ति या व्यवसाय की वार्षिक आय पर लगाया जाने वाला कर है।
- भारत में आयकर प्रणाली आयकर अधिनियम, 1961 द्वारा शासित होती है और यह एक प्रत्यक्ष कर है।
- आयकर रिटर्न: यह एक निर्दिष्ट दस्तावेज़ है जिसका उपयोग किसी वित्तीय वर्ष में किसी व्यक्ति की आय और उस आय पर भुगतान किये गए करों के विषय में आयकर विभाग को विवरण देने के लिये किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त, यह फॉर्म लोगों को हुए नुकसान को दर्शाने तथा आयकर विभाग से रिफंड का दावा करने की सुविधा भी देता है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में हीटवेव
चर्चा में क्यों
हाल ही में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हरियाणा में हीटवेव की स्थिति की संभावना का संकेत देते हुए "येलो" और "ऑरेंज" अलर्ट जारी किया है।
मुख्य बिंदु:
- हीटवेव, चरम गर्म मौसम की लंबी अवधि होती है जो मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
- भारत एक उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण विशेष रूप से हीटवेव के प्रति अधिक संवेदनशील है, जो हाल के वर्षों में लगातार और अधिक तीव्र हो गई है
- भारत में हीट वेव घोषित करने के मानदंड:
- मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्र:
- यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुँच जाता है तो इसे हीटवेव की स्थिति माना जाता है।
- हीट वेव के मानक से विचलन का आधार: विचलन 4.50 डिग्री सेल्सियस से 6.40 डिग्री सेल्सियस तक होता है।
- चरम हीट वेव: सामान्य तापमान स्तर से वृद्धि >6.40 डिग्री सेल्सियस हो।
- वास्तविक अधिकतम तापमान हीट वेव पर आधारित: जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥45 डिग्री सेल्सियस हो।
- चरम हीट वेव: जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥47 डिग्री सेल्सियस हो।
- यदि एक मौसम विज्ञान उपखंड के भीतर कम-से-कम दो स्थान लगातार दो दिनों तक उपरोक्त तापमान स्थिति बनी रहती है, तो अगले दिन इसकी घोषणा की जाती है।
- तटीय क्षेत्र:
- जब अधिकतम तापमान विचलन सामान्य से 4.50 डिग्री सेल्सियस अथवा इससे अधिक होता है, तो इसे हीट वेव कहा जा सकता है, बशर्ते वास्तविक अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या अधिक हो।
- मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्र:
राजस्थान Switch to English
राजस्थान खदान दुर्घटना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान में एक खदान में फँसे हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के सभी 15 अधिकारियों को 15 मई, 2024 को बचा लिया गया।
मुख्य बिंदु
- कोलिहान खदान में अधिकारियों को खदान शाफ्ट से नीचे ले जाने वाली लिफ्ट की रस्सी टूट गई, जिससे यह घटना घटी।
- बचाव प्रयास पूरी रात जारी रहा और सभी 14 बचे लोगों को उपचार के लिये जयपुर के एक अस्पताल में ले जाया गया।
- कोलिहान खदान राजस्थान में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के स्वामित्व वाली यंत्रीकृत भूमिगत तांबे की खदानें हैं।
- खनन किये गए अयस्क का प्रसंस्करण खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स के कंसेंट्रेटर प्लांट में किया जाता है।
- कोलिहान खदान नीम का थाना ज़िले में स्थित है और खेतड़ी कॉपर बेल्ट के उत्तरी सिरे का हिस्सा है, जिसका क्षेत्रफल 162.23 हेक्टेयर है।
खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स
- खेतड़ी अरावली रेंज की तराई में स्थित है, जो ताम्र अयस्क का भंडार है और उत्तर में सिंघाना से लेकर दक्षिण में रघुनाथगढ़ तक इसे 80 किमी. लंबा मेटलोजेनेटिक प्रांत/क्षेत्र बनाता है, जिसे खेतड़ी कॉपर बेल्ट के नाम से जाना जाता है।
- इस बेल्ट/पेटी में सघन वलित प्रोटेरोज़ोइक अवसादी चट्टान हैं जिनका आधार नीस चट्टानें हैं और उत्तरी दिल्ली वलित पेटी/फोल्ड बेल्ट का एक हिस्सा है।
- बेल्ट के प्रमुख खनिज भंडार हैं: खेतड़ी, कोलिहान, बनवास, चाँदमारी, धानी बसरी, बेनीवालों की ढाणी (नीम का थाना, राजस्थान)।
- अन्य भंडार हैं: ढोलमाला, अकवाली, मुरादपुरा-पचेरी (झुंझुनू, राजस्थान) और देवतालाई (भीलवाड़ा, राजस्थान)।
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