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ताँबे की मांग में वृद्धि

  • 08 Mar 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ताँबे के गुण और अनुप्रयोग, ताँबे की खनन विधियाँ, भारत में ताँबे के भंडार, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, चेल्कोपाइराइट, बोर्नाइट, चेल्कोसाइट

मेन्स के लिये:

भारत की ताँबे की आवश्यकता, आर्थिक संकेतक के रूप में ताँबा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

जैसे ही वित्त वर्ष 2013 में ताँबे की मांग में सालाना 16% की वृद्धि हुई, नीति निर्माताओं और निगमों ने आर्थिक विकास को गति देने में ताँबे की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।

ताँबे से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: ताँबा एक आघातवर्धनीय, तन्य धातु है जो अपनी उत्कृष्ट ताप और विद्युत चालकता के लिये जाना जाता है। इसमें संक्षारण प्रतिरोध और रोगाणुरोधी गुण होते हैं।
    • आघातवर्धनीयता किसी पदार्थ को संकुचित करने या बिना टूट-दरार की पतली शीट में परिवर्तित करने की क्षमता को संदर्भित करता है।
    • तन्यता किसी पदार्थ का वह गुण है जिसमें वह अपनी शक्ति/गुण खोए बिना या टूटे बिना एक पतले तार के रूप में खींचने की अनुमति देता है।
  • अनुप्रयोग: इसका व्यापक रूप से निर्माण, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ, परिवहन और औद्योगिक विनिर्माण में उपयोग किया जाता है।
  • व्याप्ति/उपस्थिति एवं संरचना: यह प्राकृतिक रूप से भू-पर्पटी में विभिन्न रूपों में पाया जाता है।
    • यह सल्फाइड निक्षेप में (चेल्कोपाइराइट, बोर्नाइट, चेल्कोसाइट, कोवेलाइट के रूप में), कार्बोनेट निक्षेप में (अज़ूराइट और मैलाकाइट के रूप में), सिलिकेट निक्षेप में (क्राइसीकोला और डायोप्टेज़ के रूप में) और शुद्ध ताँबे के रूप में पाया जा सकता है।
    • अधिकांश वाणिज्यिक ताँबे के अयस्क भंडार में औसतन 0.8% ताँबा पाया जाता है जबकि भारत में ताँबे के अयस्क में यह औसत मात्रा लगभग 1% होती है।
  • खनन विधियाँ: ताँबे के खनन की दो प्राथमिक विधियाँ हैं जिनमें विवृत खनन (Open-Pit) और भूमिगत खनन शामिल हैं।
    • ताँबे का खनन प्रमुख रूप से विवृत खनन से संबंधित है। कुल वैश्विक ताँबा खनन में विवृत खनन का योगदान 80% है।
  • भारत में ताँबे के भंडार: ताँबे के भंडार मुख्य रूप से सिंहभूम (झारखंड), बालाघाट (मध्य प्रदेश) और झुंझुनू तथा अलवर (राजस्थान) ज़िलों में स्थित हैं।
    • अग्निगुंडला (आंध्र प्रदेश), चित्रदुर्ग और हसन (कर्नाटक) तथा दक्षिण अर्कोट (तमिलनाडु) जैसे ज़िलों में ताँबे के लघु भंडार पाए जाते हैं।
  • भारत की ताँबे की मांग: विभिन्न बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं, नवीकरणीय ऊर्जा पहल और शहरीकरण के कारण भारत में ताँबे की मांग बढ़ रही है।
    • इसके बावजूद सीमित घरेलू भंडार के कारण भारत ताँबे के आयात पर अत्यधिक निर्भर है।
    • इसका समाधान करने के लिये सरकार स्मेल्टरों और रिफाइनरियों में निवेश को प्रोत्साहन प्रदान कर रही है जबकि भारतीय मूल की कंपनियाँ स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों पर निर्भरता कम करने के लिये विदेशों में ताँबे की खदानों का क्रय कर रही हैं
      • हाल ही में खान मंत्रालय ने दक्षिणी अफ्रीकी देश में संभावित ताँबे की खोज और खनन परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिये ताँबा समृद्ध जाम्बिया में एक भारतीय उद्योग प्रतिनिधिमंडल भेजने का प्रस्ताव दिया।
    • ताँबे की महत्ता को पहचानते हुए, सरकार ने आयात निर्भरता को कम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए इसे महत्त्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल किया है।

  • हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL): कंपनी अधिनियम के तहत वर्ष 1967 में स्थापित यह भारत सरकार के खान मंत्रालय के अधीन संचालित श्रेणी-I का मिनीरत्न उद्यम है।
    • इसका गठन राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड की ताँबे की सभी खोज और दोहन परियोजनाओं को समेकित करने के लिये किया गया था।
    • HCL भारत की एकमात्र उर्ध्वा कार एकीकृत (Vertically Integrated) ताँबा उत्पादक कंपनी है।
  • ताँबे के प्रमुख अनुप्रयोग:
    • आर्थिक संकेतक के रूप में ताँबा: ताँबे की कीमतें मांग तथा आपूर्ति की गतिशीलता, मौद्रिक बाज़ार एवं सट्टेबाज़ी को दर्शाती हैं, जिससे यह एक वैश्विक आर्थिक संकेतक बन जाता है।
      • क्षेत्र-विशिष्ट वस्तुओं के विपरीत ताँबा सभी आर्थिक क्षेत्रों में अभिन्न अंग है।
    • ऊर्जा दक्षता के लिये ताँबा: इमारतों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिये ताँबा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
      • इसकी उत्कृष्ट तापीय एवं विद्युत चालकता इसे वायरिंग, हीट एक्सचेंजर्स के साथ-साथ छत के लिये आदर्श भी बनाती है, जिससे हीटिंग, कूलिंग एवं प्रकाश व्यवस्था के लिये ऊर्जा की खपत कम हो जाती है।
      • ताँबा इमारत की ऊर्जा की आवश्यकता को कम करके अधिक सतत् भविष्य के लिये योगदान प्रदान कर सकता है।

नोट: 

  • विश्व के कुल ताँबा उत्पादन के 27 प्रतिशत के साथ, चिली विश्व में अग्रणी उत्पादक है। विश्व की दो सबसे बड़ी खदानें, एस्कोन्डिडो तथा कोलाहुआसी दोनों ही चिली में ही स्थित हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत के खनिज संसाधनों के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2010)

 खनिज    -     90% प्राकृतिक स्रोत

  1. ताँबा       -   झारखंड
  2. निकिल    -   ओडिशा 
  3. टंग्स्टन    -   केरल

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में बहुत कम  प्रतिशत का योगदान देता है। चर्चा कीजिये। (2021)

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