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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Oct 2021
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21 प्रकार की दिव्यांगता वाले विशेष योग्यजनों को मिलेगा पेंशन योजना का लाभ

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2021 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा राज्य में ‘राजस्थान सामाजिक सुरक्षा विशेष योग्यजन पेंशन योजना’ के अंतर्गत सभी 21 प्रकार की दिव्यांगता वाले विशेष योग्यजनों को पेंशन योजना के लाभ दिये जाने का आदेश जारी किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि प्रदेश के सभी 21 प्रकार की दिव्यांगता की श्रेणी को राज्य में विशेष योग्यजन मानकर सामाजिक सुरक्षा विशेष योग्यजन पेंशन नियम 2013 में संशोधन करते हुए यह कदम उठाया गया है।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि इससे पूर्व नि:शक्तजन अधिनियम 1995 के अंतर्गत वर्णित 7 प्रकार की श्रेणी के विशेष योग्यजन सहित 3 फीट 6 इंच ऊँचाई वाले बौनेपन वाले विशेष योग्यजनों को ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ देय था।
  • उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के प्रभावी होने के कारण 21 प्रकार की दिव्यांगता की श्रेणी को राज्य में विशेष योग्यजन मानकर सभी 21 प्रकार की दिव्यांगता वाले विशेष योग्यजनों को पेंशन योजना के लाभ मिल सकेंगे।

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मुख्य सचिव ने एम-पासपोर्ट ऐप लॉन्च किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय तथा राज्य के गृह विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में एम-पासपोर्ट ऐप का शुभारंभ किया। प्रदेश के सभी पुलिस थानों को ऐप से जोड़कर मैपिंग कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने एम-पासपोर्ट ऐप के बारे में बताया कि विदेश मंत्रालय तथा गृह विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जारी इस ऐप में पुलिस सत्यापन के लिये अधिकतर सवालों का जवाब ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में रिकॉर्ड किया जाता है। 
  • यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक है। इसके शुरू होने से पासपोर्ट के लिये पुलिस सत्यापन की अवधि दो सप्ताह से घटकर एक सप्ताह हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुछ जगहों पर ‘पायलट रन’ के बाद अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। 
  • विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रभात कुमार ने कहा कि पुलिस सत्यापन प्रक्रिया में एम-पासपोर्ट ऐप के उपयोग से भारतीय नागरिकों के लिये पासपोर्ट प्राप्त करना तो आसान होगा ही, विदेश में रह रहे भारतीयों तथा भारतीय मूल के लोगों के लिये ‘पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट’ प्राप्त करने में भी यह ऐप उपयोगी होगा। 
  • पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि पुलिस सत्यापन में लगने वाले समय को कम करने के लिये कॉन्स्टेबल स्तर तक पुलिसकर्मियों का क्षमता संवर्द्धन किया जा रहा है। इस सुविधा से पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में पुलिस की सेवा गुणवत्ता में सुधार आएगा।

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मुख्यमंत्री ने विद्युत शुल्क संबंधी नियमों में संशोधन को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विद्युत (शुल्क) नियम-1970 में संशोधन को मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस निर्णय के बाद वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है, जो आगामी 31 अक्टूबर से प्रभावी होगी।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के बजट में राजस्व अर्जन विभागों में महत्त्वपूर्ण प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर उन्हें ऑनलाइन करने की घोषणा की थी। 
  • इस क्रम में विद्युत शुल्क संबंधी प्रक्रियाओं को सरलीकृत कर ऑनलाइन सुविधा दी गई है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति, जो स्वयं के उपयोग, उपभोग या अन्य को नि:शुल्क आपूर्ति के लिये कैप्टिव पावर प्लांट से ऊर्जा उत्पन्न करता है, वह विभागीय वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण की सुविधा का लाभ ले सकेगा, जिससे व्यवहारी को विभागीय कार्यालय में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन प्रस्तुत करने के तीन दिवस में पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाएगा।
  • इसके साथ ही तिमाही की समाप्ति के 30 दिनों के भीतर त्रैमासिक रिटर्न को विभाग की वेबसाइट के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत किये जाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।

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माउंट आबू, पुष्कर, नाथद्वारा एवं पिलानी को आरयूआईडीपी में जोड़ने की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माउंट आबू, पुष्कर, नाथद्वारा एवं पिलानी को राजस्थान सैकेंडरी टाउंस डवलपमेंट सेक्टर प्रोजेक्ट (आरएसटीडीएसपी) के तहत आरयूआईडीपी के फेज-4 के ट्रेंच-2 में जोड़ने के लिये स्वायत्त शासन विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित आरयूआईडीपी फेज-4-ट्रेंच-2 में जोड़े गए इन चारों शहरों में विभिन्न प्रकार के विकास एवं सौंदर्यकरण के कार्य होंगे। इन विकास कार्यों से इन क्षेत्रों में आधारभूत ढाँचा मज़बूत होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। 
  • प्रस्ताव के तहत नाथद्वारा शहर में 80 करोड़ रुपए की लागत से पेयजल आपूर्ति, सड़क सुदृढ़ीकरण एवं शहर के दो तालाबों के जीर्णोद्धार के कार्य किये जाएंगे। साथ ही माउंट आबू, पुष्कर तथा पिलानी शहर में भी 25-25 करोड़ रुपए की लागत से पर्यटन विकास, शहरी सौंदर्यकरण एवं अन्य विकास कार्य करवाए जाएंगे। 
  • उल्लेखनीय है कि आरयूआईडीपी के फेज-4 में 14 शहरों में सैनिटेशन, ड्रेनेज, पेयजल आपूर्ति एवं पर्यटन स्थलों के सौंदर्यकरण से संबंधित कार्य पहले से ही चल रहे हैं। 
  • चार नए शहरों के जुड़ने के बाद इन शहरों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एवं शहर के सौंदर्यकरण के संबंध में प्रस्तावित कार्यों की डीपीआर संबंधित नगरीय निकायों द्वारा तैयार की जाएगी।

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33 ज़िलों में ‘प्रतापगढ़’ वैक्सीनेशन के मामले में बना नंबर-1

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्यस्तर पर जारी ताजा रिपोर्ट में प्रतापगढ़ ज़िला कोविड वैक्सीनेशन में नंबर-1 बन गया है। प्रतापगढ़ ने 33 ज़िलों में वैक्सीनेशन के मामले में सभी ज़िलों को पीछे छोड़ दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट के अनुसार प्रतापगढ़ ज़िले के 91.2 फीसदी लोगों ने प्रथम डोज व 48.6 प्रतिशत लोगों ने दूसरी डोज लगवा ली है। वहीं दूसरे स्थान पर सीकर व तीसरे पायदान पर हनुमानगढ़ ज़िला है।
  • गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों से प्रतापगढ़ ज़िला राज्यस्तर पर आठवें स्थान पर चल रहा था, लेकिन पाँच दिवस के वैक्सीनेशन महाभियान में ज़िला प्रथम स्थान पर आ गया है। 
  • कोविड-19 ऐप से डेटा का विश्लेषण करने से पता चला कि चिकित्सा विभाग की टीम ने हर घंटे 687 डोज लगाईं। पाँच दिन के महाभियान में टीमों ने 85 हज़ार से ज़्यादा की डोज लगाई।

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