राजस्थान Switch to English
रामदेवरा गोडावण संरक्षण केंद्र
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में स्थित रामदेवरा गोडावण संरक्षण केंद्र में पहली बार कृत्रिम प्रजनन से एक चूजे ने जन्म लिया है।
मुख्य बिंदु
- चूजे के बारे में:
- इस जन्म के साथ ही कैप्टिव ब्रीडिंग (Captive Breeding) से जन्मे गोडावण की कुल संख्या 51 हो गई है।
- चूजे का जन्म एक प्राकृतिक संभोग प्रक्रिया के ज़रिये हुआ, जिसमें मादा जेरी और नर सलखा शामिल थे।
- इस कार्यक्रम को वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII), राज्य वन विभाग, और अबू धाबी स्थित इंटरनेशनल फंड फॉर होउबारा कंज़र्वेशन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
- रामदेवरा संरक्षण केंद्र, जो 2022 में स्थापित किया गया था, डेजर्ट नेशनल पार्क के पास स्थित है, जो गोडावण का प्राकृतिक आवास है।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Ardeotis nigriceps) राजस्थान का राजकीय पक्षी है और भारत का सबसे गंभीर रूप से संकटापन्न पक्षी माना जाता है।
- यह घास के मैदान की प्रमुख प्रजाति मानी जाती है, जो चरागाह पारिस्थितिकी का प्रतिनिधित्व करती है।
- ये अधिकांशतः राजस्थान और गुजरात में पाए जाते हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में यह प्रजाति कम संख्या में पाई जाती है।
- सुरक्षा की स्थिति:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की रेड लिस्ट: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
- वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES): परिशिष्ट-1
- प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (CMS): परिशिष्ट-I
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-1
मरुस्थल राष्ट्रीय उद्यान
- यह राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर ज़िलों में स्थित है।
- इस उद्यान (पार्क) में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, राजस्थान का राज्य पशु- चिंकारा और राज्य वृक्ष- खेजड़ी और राज्य पुष्प- रोहिड़ा प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
- इसे 1980 में UNESCO विश्व धरोहर स्थल तथा 1992 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।