मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएँ | मध्य प्रदेश | 11 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने मध्य प्रदेश के धार ज़िले में ₹5800 करोड़ की लागत वाली 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- मंत्री के अनुसार एक वर्ष में ₹3 लाख करोड़ के बुनियादी ढाँचे से जुड़े कार्य पूरे कर दिये जाएंगे।
- बेहतर सड़कें लॉजिस्टिक्स लागत को घटाती हैं, जिससे मेक इन इंडिया" और निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। साथ ही रक्षा तैयारियों के लिये भी राष्ट्रीय राजमार्ग एक रणनीतिक संपत्ति हैं।
मेक इन इंडिया' पहल
- परिचय
- वर्ष 2014 में लॉन्च किये गए मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण और निवेश गंतव्य में बदलना है।
- इसका नेतृत्त्व उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।
- यह पहल दुनिया भर के संभावित निवेशकों और भागीदारों को 'न्यू इंडिया' की विकास गाथा में भाग लेने हेतु एक खुला निमंत्रण है।
- मेक इन इंडिया ने 27 क्षेत्रों में पर्याप्त उपलब्धियांँ हासिल की हैं। इनमें विनिर्माण और सेवाओं के रणनीतिक क्षेत्र भी शामिल हैं।
महावीर जयंती | बिहार | 11 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2025 को बिहार में जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी का 2625वाँ जन्म महोत्सव मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- महावीर जयंती के बारे में:
- महावीर जयंती, जैन समुदाय में सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है।
- यह दिन वर्धमान महावीर के जन्म का प्रतीक है, जो 24वें या अंतिम तीर्थंकर तथा 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ के उत्तराधिकारी बने।
- जैन ग्रंथों के अनुसार, भगवान महावीर का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के 13वें दिन हुआ था।
- ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, महावीर जयंती आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में मनाई जाती है।
- भगवान महावीर की मूर्ति के साथ एक जुलूस निकाला जाता है जिसे रथ यात्रा कहा जाता है।
- स्तवन अथवा जैन प्रार्थनाओं का पाठ करते हुए, भगवान की मूर्तियों का औपचारिक स्नान कराया जाता है जिसे अभिषेक कहा जाता है।
- भगवान महावीर:
- भगवान महावीर स्वामी ने अपनी गहन आध्यात्मिक प्रथाओं और शिक्षाओं के माध्यम से मानवता पर एक अमिट छाप छोड़ी।
- बचपन में भगवान महावीर का नाम वर्धमान था यानी 'जो बढ़ता है'।
- अपनी बारह वर्ष की आध्यात्मिक साधना के दौरान भगवान महावीर ने चार असाधारण गुणों का प्रदर्शन किया:
- गहन और अबाधित ध्यान: उनके अटूट ध्यान ने उन्हें गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद की।
- कठोर तपस्या: अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिये उन्होंने अत्यधिक शारीरिक कष्ट सहे।
- दर्द की सहनशक्ति: महावीर स्वामी ने अद्भुत सहनशक्ति का प्रदर्शन किया।
- सर्वश्रेष्ठ संतुलन: उनका आंतरिक संतुलन स्थिर रहा।
- वैशाख के दसवें दिन, महावीर की यात्रा एक निर्णायक क्षण पर पहुँची।
- इन 5 शिक्षाओं में ब्रह्मचर्य (ब्रह्मचर्य/शुद्धता) को महावीर द्वारा जोड़ा गया था।

प्राकृतिक घटना के रूप में आकाशीय बिजली | बिहार | 11 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
बिहार में खराब मौसम के कारण आकाशीय बिजली गिरने और तूफान से संबंधित घटनाओं में कई लोगों की जान चली गई।
मुख्य बिंदु
- आकाशीय बिजली के बारे में:
- आकाशीय बिजली (Lightning) एक शक्तिशाली और दृश्यमान विद्युत-प्राकृतिक घटना है, जो तब घटित होती है जब बादलों के भीतर या बादलों और पृथ्वी के बीच विद्युत आवेशों का संचय हो जाता है।
- इस विद्युत ऊर्जा के निर्वहन के परिणामस्वरूप प्रकाश की एक चमकदार चमक उत्पन्न होती है और हवा का तेज़ी से विस्तार होता है, जिससे बिजली के साथ होने वाली विशिष्ट गड़गड़ाहट उत्पन्न होती है।
- क्लाउड-टू-ग्राउंड (CG) लाइटनिंग सबसे खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि यह अत्यधिक वोल्टेज और करंट के कारण मानव जीवन के लिये घातक हो सकती है।
- पृथ्वी की सतह पर गिरना:
- पृथ्वी अच्छी विद्युत चालक (Good Conductor) है। यद्यपि यह वैद्युतिक रूप से उदासीन होती है, फिर भी यह बादल की मध्य परत की तुलना में अपेक्षाकृत धनात्मक रूप से आवेशित होती है।
- इस अंतर के कारण, कुल विद्युत प्रवाह का लगभग 20-25% पृथ्वी की ओर प्रवाहित होता है, जिससे जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुँचता है।
- आकाशीय बिजली आमतौर पर ज़मीन पर स्थित उत्थित वस्तुओं (जैसे पेड़, इमारतें आदि) पर गिरती है, जिससे वहाँ जान-माल का बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाता है।
- लाइटनिंग कंडक्टर एक ऐसा उपकरण है, जिसका उपयोग इमारतों को बिजली के प्रभाव से बचाने के लिये किया जाता है। इमारत के निर्माण के दौरान इमारत की दीवारों में इमारत से ऊँची एक धातु की छड़ लगाई जाती है।
- पृथ्वी पर सबसे अधिक बिजली गिरने की गतिविधि वेनेजुएला के माराकाइबो झील के तट पर देखी जाती है ।
- जिस स्थान पर कैटाटुम्बो नदी मैराकाइबो झील में गिरती है, वहाँ प्रतिवर्ष औसतन 260 दिन तूफान आते हैं, तथा अक्तूबर में हर मिनट 28 बार बिजली चमकती है - इस घटना को मैराकाइबो का प्रकाश स्तंभ या अनन्त तूफान कहा जाता है ।
- भारत विश्व के उन पाँच देशों में शामिल है जहाँ बिजली गिरने की पूर्व चेतावनी प्रणाली मौजूद है ।
- यह प्रणाली बिजली गिरने से पाँच दिन पहले से लेकर तीन घंटे पहले तक का पूर्वानुमान उपलब्ध कराती है ।
- भारत में भौगोलिक वितरण:
- पूर्वोत्तर राज्यों तथा पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, ओडिशा और बिहार में बिजली गिरने की आवृत्ति सबसे अधिक है।
- हालाँकि, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे मध्य भारतीय राज्यों में बिजली गिरने से होने वाली मौतों की संख्या अधिक है ।
- बिहार बिजली गिरने के मामले में सबसे संवेदनशील राज्यों में से एक है, जहाँ हर साल बड़ी संख्या में मौतें होती हैं।
- बिहार आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में बिहार में बिजली या वज्रपात से संबंधित 275 मौतें हुईं।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित सौर ऊर्जा दुकानें | उत्तर प्रदेश | 11 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री युवा साथी योजना के तहत 3,304 सौर ऊर्जा संचालित दुकानें शुरू करने जा रही है, जिससे महिलाओं को स्वतंत्र रूप से स्थायी खुदरा दुकानें चलाने में सशक्त बनाया जा सकेगा।
मुख्य बिंदु
- महिलाओं को सशक्त बनाना::
- मुख्यमंत्री युवा साथी योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा से चलने वाली खुदरा दुकानें स्थापित करके महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- चयनित महिलाएँ स्वतंत्र रूप से इन दुकानों का संचालन करेंगी, जिससे उन्हें स्वामित्व और व्यावसायिक स्वायत्तता प्राप्त होगी।
- ज़िलेवार चयन और कार्यान्वयन:
- सौर ऊर्जा से चलने वाली दुकानों के प्रबंधन के लिये ज़िला स्तर पर महिला उद्यमियों का चयन किया जाएगा।
- यह योजना स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को लक्षित करती है।
- प्रदेश के 826 ब्लॉकों में चार-चार सोलर शॉप खोली जाएंगी। महिलाओं को सोलर फ्रीजर, सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर आटा चक्की, सोलर ड्रायर, सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन जैसे Distributed Renewable Energy (DRE) उत्पादों से जोड़ा जाएगा।
- हर ग्राम पंचायत में एक महिला को "सूर्य सखी" और 10,000 पर्यावरण सखियों का गठन भी किया जाएगा।
- लखनऊ में एक सोलर निर्माण इकाई की स्थापना की जाएगी।
- सरकार दुकान प्रबंधन और सौर उपकरण संचालन में व्यापक प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी।
- हरित ऊर्जा और रोजगार को बढ़ावा देना:
- यह योजना पारंपरिक बिजली पर निर्भरता को कम करके स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देती है।
- कम परिचालन लागत और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग परियोजना को पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।
- साथ ही, यह स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देता है और सरकारी उद्यमिता पहलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
- उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के अंतर्गत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ते हुए उन्हें विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों के माध्यम से स्वरोज़गार उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM)
- UPSRLM को मई 2020 में COVID-19 लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में 58,000 बीसी सखियों की नियुक्ति करना है।
- वर्तमान में 38,435 बीसी सखियाँ कार्यरत हैं, जिन्हें प्रशिक्षण दिया जा चुका है और भारतीय बैंकिंग एवं वित्त संस्थान (IIBF) से प्रमाणित भी किया गया है।
- यह मॉडल उन क्षेत्रों में, जहाँ बैंकिंग सेवाएँ सीमित या अनुपलब्ध हैं, वित्तीय सेवाएँ पहुँचाने का एक लागत प्रभावी और टिकाऊ माध्यम सिद्ध हुआ है।
- BC सखियों को उनके बैंकिंग व्यवसाय को स्थायित्व देने हेतु प्रारंभिक छह महीनों तक प्रति माह ₹4,000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
चित्तौड़गढ़ किला | राजस्थान | 11 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह चित्तौड़गढ़ किले के 10 किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
मुख्य बिंदु
- किले के बारे में:
- यह राजस्थान के चितौड़गढ़ में स्थित और यह भारत के सबसे विशाल किलों में से एक है। यह किला समुद्र तल से लगभग 180 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है ।
- इस किले का निर्माण 7वीं शताब्दी ईस्वी में स्थानीय मौर्य वंश के शासक चित्रांगद मोरी द्वारा करवाया गया था।
- बाद में, वर्ष 728 ईस्वी में इस पर मेवाड़ के शासकों ने अधिकार कर लिया और इसे अपनी राजधानी बनाया। चित्तौड़गढ़ मध्यकालीन भारत में मेवाड़ की सत्ता और गौरव का केंद्र रहा है।
- मलिक मुहम्मद जायसी की प्रसिद्ध काव्य रचना 'पद्मावत' के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी ने मेवाड़ के राजा रतन सिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करने के उद्देश्य से इस किले पर आक्रमण किया था।
- यह किला बादल, गोरा, महाराणा प्रताप, राणा कुम्भा, पट्टा, जयमल जैसे कई प्रसिद्ध योद्धाओं की वीरगाथाओं से भी जुड़ा रहा है।
- यह किला वर्ष 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
- यह उन सात पहाड़ी किलों में से एक है, जिन्हें 'राजस्थान के पहाड़ी किले' के रूप में सामूहिक धरोहर का दर्जा मिला था।
- किले की प्रमुख विशेषताओं में इसके सात द्वार शामिल हैं – पदन द्वार, गणेश द्वार, हनुमान द्वार, भैरों द्वार, जोडला द्वार, लक्ष्मण द्वार और मुख्य द्वार 'राम पोल'।
- किले परिसर में चार प्रमुख महल, 19 मंदिर (हिंदू एवं जैन दोनों), 20 जल स्रोत और चार प्रमुख स्मारक स्थित हैं।