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अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने राज्य के सात ज़िलों में पहाड़ियों के निम्निकृति क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने हेतु अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के लिये अपने प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है ताकि पर्वत शृंखला के साथ निरंतर पारिस्थितिक अवरोध उत्पन्न किया जा सके।
मुख्य बिंदु:
- यह परियोजना केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ग्रीन वॉल परियोजना का हिस्सा है।
- पहले चरण में गुड़गाँव, फरीदाबाद नूंह,, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी की अरावली में 66 जल निकाय विकसित किये जाएंगे।
- यह परियोजना अफ्रीका की 'ग्रेट ग्रीन वॉल' परियोजना से प्रेरित है और इसका उद्देश्य उन पहाड़ियों पर हरित आवरण को बहाल करना है जो थार से दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत तक रेगिस्तान जैसी स्थितियों के विस्तार को रोकने वाली एकमात्र बाधा है।
- लक्ष्य वर्ष 2027 तक चार राज्यों हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में लगभग 1.15 मिलियन हेक्टेयर वनों को बहाल करना है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वर्ष 2022 की एक रिपोर्ट में पाया गया कि हरियाणा के कुल क्षेत्रफल का लगभग 8.2% पिछले कुछ वर्षों में और अधिक शुष्क हो गया है।
- परियोजना का ज़ोर मृदा संरक्षण, अपरदन नियंत्रण तथा बेहतर जल प्रतिधारण तंत्र पर है जो जल चक्र को स्थिर करने, मृदा क्षरण को कम करने और सूखे एवं बाढ़ के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ मज़बूती प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- पारिस्थितिकीविदों और वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, अरावली में ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन्हें जंगल के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, लेकिन वे अभी भी पौधों तथा वन्यजीवों की समृद्ध जैवविविधता का निवास स्थान हैं। इन हरे-भरे स्थानों के संरक्षण के लिये योजनाएँ बनाने की अवश्यकता है।
अफ्रीका की ग्रेट ग्रीन वॉल (GGW)
- इसका उद्देश्य अफ्रीका की निम्नीकृत भूमि का पुनर्निर्माण करना तथा विश्व के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र, साहेल (Sahel) में निवास करने वाले लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाना है।
- अफ्रीकी पहल अभी भी केवल 15% ही पूरी हुई है।
- योजना के पूर्ण हो जाने पर यह वॉल पृथ्वी पर सबसे बड़ी जीवित संरचना होगी - महाद्वीप की पूरी चौड़ाई में फैला हुआ विश्व का 8,000 किमी लंबा प्राकृतिक आश्चर्य।
- संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन, कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज़- 14 (UN Convention to Combat Desertification- UNCCCD, COP14) के दौरान अफ्रीकी देशों ने वर्ष 2030 तक महाद्वीप के साहेल क्षेत्र में योजना को लागू करने हेतु वित्त के संदर्भ में वैश्विक समर्थन की मांग की थी।
- साहेल पश्चिमी और उत्तर-मध्य अफ्रीका का एक अर्ध-शुष्क क्षेत्र (Semiarid Region) है जो पूर्व सेनेगल (Senegal) से सूडान (Sudan) तक फैला हुआ है।
- यह उत्तर में शुष्क सहाराई रेगिस्तान तथा दक्षिण में आर्द्र सवाना के बीच एक संक्रमणकालीन क्षेत्र का निर्माण करता है।
अरावली पर्वत शृंखला
- अरावली, पृथ्वी पर सबसे पुराना वलित पर्वत है।
- यह गुजरात से दिल्ली (राजस्थान और हरियाणा के माध्यम से) तक 800 किमी. से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है।
- अरावली शृंखला की सबसे ऊँची चोटी माउंट आबू पर गुरु पीक है।
- जलवायु पर प्रभाव:
- अरावली का उत्तर-पश्चिमी भारत और उससे आगे की जलवायु पर प्रभाव है।
- मानसून के दौरान पर्वत शृंखला धीरे-धीरे मानसूनी बादलों को शिमला और नैनीताल की तरफ पूर्व की ओर ले जाती है, इस प्रकार यह उप-हिमालयी नदियों का पोषण करने तथा उत्तर भारतीय मैदानों को उर्वरता प्रदान करने में मदद करती है।
- सर्दियों के महीनों में यह उपजाऊ जलोढ़ नदी घाटियों (सिंधु और गंगा) को मध्य एशिया से ठंडी पश्चिमी हवाओं के हमले से बचाती है।
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फसल क्षति दावों के लिये क्षतिपूर्ति पोर्टल
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने सभी ज़िलों के किसानों के लिये क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है ताकि वे अपनी फसलों को हुई हानि की सीमा का विवरण देते हुए अपनी रिपोर्ट जमा कर सकें।
मुख्य बिंदु:
- मुआवज़े के संबंध में निर्देश इस प्रकार हैं:
- बाढ़ से मृत्यु होने पर परिजनों को प्रति केस चार लाख रुपए दिये जाएँगे।
- जो पक्के या कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 1.20 लाख रुपए से लेकर 1.30 लाख रुपए तक मुआवज़ा दिया जाएगा।
- बाढ़ से घायल या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को 16 हज़ार रुपए दिये जाएंगे। यदि अवधि एक सप्ताह से कम है तो 5400 रुपए दिये जाएँगे।
- यह राशि उन लोगों को दी जाएगी जिनके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड नहीं है।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)
- PM-JAY पूर्ण रूप से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- फरवरी 2018 में लॉन्च हुई यह योजना माध्यमिक देखभाल के साथ-साथ तृतीयक देखभाल हेतु प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, दवा एवं दैनिक उपचार, दवाओं की लागत और निदान शामिल हैं।
- लाभ:
- यह एक पात्रता आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक- आर्थिक जाति जनगणना डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बचे हुए (अप्रामाणित) SECC परिवारों के खिलाफ टैगिंग के लिये समान सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल वाले गैर-सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) लाभार्थी परिवार डेटाबेस का उपयोग करने हेतु लचीलापन प्रदान किया है।
- यह एक पात्रता आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक- आर्थिक जाति जनगणना डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
- वित्तीयन:
- इस योजना का वित्तपोषण संयुक्त रूप से किया जाता है, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र एवं विधायिका के बीच 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल एवं उत्तराखंड के लिये 90:10 और विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों हेतु 100% केंद्रीय वित्तपोषण।
- नोडल एजेंसी:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) को राज्य सरकारों के साथ संयुक्त रूप से PMJAY के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक स्वायत्त इकाई के रूप में गठित किया गया है।
- राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) राज्य में ABPMJAY के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार राज्य सरकार का शीर्ष निकाय है।
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हरियाणा सरकार ने 113 परियोजनाओं को स्वीकृति दी
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने ग्रामीण संवर्धन और महाग्राम योजना के तहत ₹121 करोड़ से अधिक की 113 नई परियोजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया।
मुख्य बिंदु:
- इन्हें यमुनानगर, पंचकुला, अंबाला, फरीदाबाद, झज्जर, भिवानी और दादरी ज़िलों में लागू किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली इन परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
- महाग्राम योजना के तहत दो परियोजनाओं, ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम के तहत 108 परियोजनाओं और सीवरेज तथा स्वच्छता के तहत तीन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई।
- स्वीकृत परियोजनाएँ जल आपूर्ति योजना, सीवरेज सुविधा और सीवेज उपचार संयंत्र के विस्तार, नई ज़िला स्तरीय अपशिष्ट जल परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एवं नई जल आपूर्ति लाइनें बिछाने से संबंधित हैं।
ग्रामीण संवर्धन एवं महाग्राम योजना
- यह योजना राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 में विकास एवं पंचायत विभाग के माध्यम से शुरू की गई थी।
- इसमें सीवरेज प्रणाली, पेयजल आपूर्ति में सुधार, पक्की सड़कों का निर्माण, विद्युत में सुधार आदि की परिकल्पना की गई है।
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