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मनेर शरीफ
चर्चा में क्यों?
बिहार के मुख्यमंत्री ने मनेर शरीफ में हजरत मखदूम शाह कमालुद्दीन अहमद याहिया मनेरी के 756वें उर्स में शामिल हुए।
मुख्य बिंदु
- मनेर शरीफ के बारे में: पटना ज़िले में स्थित इस शहर का पुराना नाम मनियार मथान था जिसका अर्थ है संगीतमय शहर।
- इस शहर में सूफी संत मखदूम याह्या मनेरी और मखदूम शाह दौलत की कब्रें हैं, जिन्हें बड़ी दरगाह (महान तीर्थस्थल) और छोटी दरगाह (छोटा तीर्थस्थल) के नाम से जाना जाता है।
- वर्ष 1616 में मखदूम शाह दौलत को यहाँ दफनाया गया था और वर्ष 1619 में बिहार के शासक इब्राहिम खान ने यहाँ छोटी दरगाह का निर्माण करवाया था।
- उर्स: बिहार सरकार के पर्यटन विभाग और ज़िला प्रशासन के सहयोग से प्रत्येक वर्ष मनेर दरगाह परिसर में मखदूम शाह की जन्मस्थली पर सलाना उर्स आयोजन किया जाता है।
मखदूम याह्या मनेरी
- इन्हें मखदूम-उल-मुल्क बिहारी और मखदूम-ए-जहाँ के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म जुलाई 1264 ईस्वी को पटना के पास एक गाँव मनेर में हुआ था।
- इन्हें अरबी, फ़ारसी, तर्कशास्त्र, दर्शनशास्त्र, धर्म और तसव्वुफ़ (सूफीवाद) की गहरी समझ थी।
- फिरदौसी संप्रदाय से सबंध रखने वाले इनके पिता मखदूम कमालुद्दीन याह्या मनेरी बिन इज़राइल बिन ताज फकीह अल-खलील (फिलिस्तीन) से थे, जो मनेर के एक सूफी संत थे।
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