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MSME के लिये उत्तर प्रदेश शीर्ष तीन राज्यों में शामिल
चर्चा में क्यों?
रियल्टी कंसल्टिंग फर्म CBRE साउथ एशिया और रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन CREDAI की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल पंजीकृत MSME में 9% हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदानकर्त्ता के रूप में शीर्ष तीन राज्यों में उभरा है।
- क्षेत्र-वार, रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माण क्षेत्र, सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 8% का योगदान देता है, जो भारतीय MSME के लिये एक रणनीतिक अवसर है।
मुख्य बिंदु:
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, मंत्रालय के तहत 2.21 करोड़ MSME पंजीकृत हैं (उद्यम असिस्ट पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण को छोड़कर)।
- उत्तर प्रदेश के कई शहर MSME क्लस्टर के रूप में उभरे हैं, जिनमें आगरा, कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, मेरठ और गाज़ियाबाद उद्यम योजना के लिये नामांकन में अग्रणी हैं।
- जिनमें से 17.2% हिस्सेदारी के साथ 38.09 लाख महाराष्ट्र से थे, इसके बाद तमिलनाडु से 10% हिस्सेदारी के साथ 22.32 लाख और 9.4% हिस्सेदारी के साथ 20.95 लाख उत्तर प्रदेश से थे।
- 16 लाख के साथ राजस्थान और 15.96 लाख MSME के साथ गुजरात देश में पंजीकृत इकाइयों के लिये अन्य शीर्ष स्थान थे।
- सरकार, उद्योग हितधारकों और वित्तीय संस्थानों के बीच सहयोगात्मक प्रयास एक मज़बूत समर्थन प्रणाली बनाने में सहायता कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि MSME को उभरते आर्थिक परिदृश्य को नेविगेट करने के लिये आवश्यक संसाधन तथा मार्गदर्शन प्राप्त हो।
उद्यम पोर्टल
- यह MSME को पंजीकृत करने के लिये एक ऑनलाइन प्रणाली है, जिसे 1 जुलाई, 2020 को केंद्रीय MSME मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) के डेटाबेस से जुड़ा हुआ है।
- GSTN एक अद्वितीय और जटिल IT उद्यम है जो करदाताओं, केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों के बीच संचार एवं बातचीत का एक चैनल स्थापित करता है।
- यह पूरी तरह से ऑनलाइन है, इसके लिये किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होती है और यह MSME के लिये ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की दिशा में एक कदम है।
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2023
चर्चा में क्यों ?
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिये प्रयागराज और वाराणसी को नई दिल्ली में प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पुरस्कार दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, गाज़ियाबाद, अलीगढ़, झाँसी और फिरोज़ाबाद सहित आठ शहरों ने 3-स्टार रेटिंग अर्जित की है, जबकि नोएडा ने पाँच-स्टार रेटिंग अर्जित की है।
- राज्य के लगभग 648 शहरों ने खुले में शौच मुक्त (ODF) का दर्जा हासिल कर लिया है। वहीं 65 शहरों ने 'कचरा मुक्त शहर' का दर्जा हासिल किया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के परिणामों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के 129 शहरों ने ओडीएफ++ का दर्जा हासिल कर लिया है, जो खुले में शौच-मुक्त मानकों और टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के पालन को दर्शाता है।
- राज्य के 435 शहरों ने ओडीएफ+ का दर्जा प्राप्त किया है, जो राज्य में स्वच्छता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- उत्तर प्रदेश के कई शहर अब 7-स्टार रेटिंग की ओर बढ़ रहे हैं।
- सरकार द्वारा अधिक शहरों को 5-स्टार और 3-स्टार रेटिंग प्राप्त करवाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023
- बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए शहरों को शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रतिस्पर्धी ढाँचे के रूप में वर्ष 2016 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत की गई थी।
- पिछले कुछ वर्षों में, स्वच्छ सर्वेक्षण विश्व में सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में उभरा है।
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उत्तर प्रदेश में फार्मा पार्क
चर्चा में क्यों ?
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ललितपुर, बुंदेलखंड में पाँच गाँवों में 1,472 एकड़ में एक फार्मा पार्क स्थापित कर रही है।
- फार्मा पार्क की स्थापना और संबंधित परियोजनाओं में तेज़ी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक विकास तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
मुख्य बिंदु:
- योजना दो चरणों में सामने आएगी, जिसमें शुरुआती केंद्र 300 एकड़ भूमि को कवर करने वाले तत्काल विकास प्रयासों पर होगा।
- सर्वेक्षण के लिये चिह्नित गाँवों में सैदपुर, गडोलीकला, लारगन, करौंदा और रामपुर शामिल हैं।
- सर्वेक्षण तकनीकों में तेल परीक्षण, समोच्च मानचित्रण और स्थलाकृतिक जाँच शामिल हैं।
- आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकों का उपयोग इन पहलों की योजना और कार्यान्वयन में सटीकता तथा दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
- UPSIDA दिबियापुर में प्लास्टिक सिटी परियोजना के साथ-साथ उरई में साइट-1 और साइट-2 पर विकास परियोजनाओं में तेज़ी लाने के लिये भी कदम उठा रहा है।
- 274.4 एकड़ में फैला प्लास्टिक पार्क, औद्योगिक इकाइयों, आवासीय क्षेत्रों और बुनियादी ढाँचे को शामिल करता है।
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