छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में नक्सली मामलों की जाँच के लिये नई नोडल एजेंसी
चर्चा में क्यों ?
छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि वह राज्य में आतंकवाद, नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद के मामलों की जाँच के लिये एक नई नोडल एजेंसी के रूप में राज्य जाँच एजेंसी (SIA) का गठन करेगी।
मुख्य बिंदु:
- यह एजेंसी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के साथ समन्वय के लिये राज्य की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।
- इसके लिये एक पुलिस अधीक्षक समेत कुल 74 नये पद सृजित किये गए हैं।
- एक अन्य बड़े फैसले में, कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि वह कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को खरीफ वर्ष 2023 में खरीदे गए धान की मात्रा के आधार पर प्रति एकड़ 19,257 रुपए की दर से अनुदान प्रदान करेगी।
- वर्ष 1975 से वर्ष 1977 तक आपातकाल की अवधि के दौरान आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (MISA), 1971 के तहत जेल गए लोगों के लिये पेंशन योजना की बहाली भी शुरू की।
- एक माह से कम समय के लिये हिरासत में लिये गए लोगों को 8,000 रुपए प्रति माह दिये जाएंगे, एक से पाँच महीने हिरासत में लिये गए लोगों को 15,000 रुपए प्रति माह दिये जाएंगे और पाँच महीने या उससे अधिक समय के लिये हिरासत में लिये गए लोगों को 25,000 रुपए प्रति माह दिये जाएंगे।
- कैबिनेट ने "लोक कल्याण नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वोत्तम संभव उपयोग की सुविधा और सार्वजनिक समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिये" सुशासन एवं अभिसरण विभाग के गठन की भी घोषणा की।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA)
- NIA भारत सरकार की एक संघीय एजेंसी है जो आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से संबंधित अपराधों की जाँच एवं मुकदमा चलाने के लिये ज़िम्मेदार है।
- किसी देश में संघीय एजेंसियों का आमतौर पर उन मामलों पर अधिकार क्षेत्र होता है जो केवल व्यक्तिगत राज्यों या प्रांतों के बजाय पूरे देश को प्रभावित करते हैं।
- इसकी स्थापना वर्ष 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद वर्ष 2009 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) अधिनियम, 2008 के तहत की गई थी, जो गृह मंत्रालय के तहत संचालित होती है।
- NIA अधिनियम, 2008 में संशोधन करते हुए जुलाई 2019 में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2019 पारित किया गया था।
- NIA के पास राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों से आतंकवाद से संबंधित मामलों की जाँच अपने हाथ में लेने की शक्ति है। इसके पास राज्य सरकारों से पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना राज्य की सीमाओं के पार मामलों की जाँच करने का भी अधिकार है।
कृष्णोन्नति योजना
- भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2005 में हरित क्रांति कृष्णोन्नति योजना शुरू की।
- सरकार इस योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने हेतु कृषि और संबद्ध क्षेत्र को समग्र एवं वैज्ञानिक तरीके से विकसित करने की योजना बना रही है।
- यह योजना कृषि उत्पादन, उत्पादकता और उपज पर बेहतर रिटर्न बढ़ाने पर केंद्रित है।
- इसमें एक ही योजना के तहत 11 योजनाएँ और मिशन शामिल हैं:
- एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH)
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)
- सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMSA)
- कृषि विस्तार पर प्रस्तुतीकरण (SMAE)
- बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (SMSP)
- कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन (SMAM)
- पौध संरक्षण और योजना संगरोध पर उप-मिशन (SMPPQ)
- कृषि जनगणना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी पर एकीकृत योजना (ISACES)
- कृषि सहयोग पर एकीकृत योजना (ISAC)
- कृषि विपणन पर एकीकृत योजना (ISAM)
- कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP-A)
आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, 1971 का रखरखाव
- आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) का रखरखाव वर्ष 1971 में भारतीय संसद द्वारा पारित एक विवादास्पद कानून था जो बहुत व्यापक शक्तियाँ प्रदान करता था - व्यक्तियों की अनिश्चितकालीन हिरासत, वारंट के बिना संपत्ति की खोज और ज़ब्ती एवं वायरटैपिंग - नागरिक व राजनीतिक अव्यवस्था को शांत करने में भारत में, साथ ही विदेश-प्रेरित तोड़फोड़, आतंकवाद, छल-कपट तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करना।
- बाद में घोषित राष्ट्रीय आपातकाल (वर्ष 1975-1977) के दौरान कानून में कई बार संशोधन किया गया और राजनीतिक असंतोष को दबाने के लिये इसका प्रयोग किया गया।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश दो नए हवाई अड्डों के साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा
चर्चा में क्यों?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत मध्य प्रदेश में गुना और शिवपुरी हवाई अड्डों को विकसित करने की योजना की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु:
- इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करना और इन क्षेत्रों के निवासियों के लिये हवाई यात्रा को अधिक सुलभ बनाना है।
- राज्य सरकार के स्वामित्व वाले गुना हवाई अड्डे को उड़ान 5.2 योजना के तहत विकास के लिये पहचाना गया था। MoCA ने इसके विकास के लिये 45 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
- शिवपुरी हवाई अड्डा, जो शिवपुरी जिले में स्थित है और राज्य सरकार के स्वामित्व में है, को UDAN 5.2 के तहत विकसित किया जाएगा। यह हवाई अड्डा 9 सीटों वाले विमानों के संचालन के लिये नामित है।
- नई स्टार्टअप एयरलाइन स्पिरिट एयर ने शिवपुरी-भोपाल रूट के लिये बोली लगाई है।
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) संचार, नेविगेशन, निगरानी CNS)/हवाई यातायात प्रबंधन (ATM) और वैमानिकी सूचना सेवाएँ (AIS) प्रदान करते हुए एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह दोनों हवाई अड्डों के संचालन और रखरखाव (O&M) का प्रबंधन करेगा।
उड़ान योजना
- उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) के रूप में शुरू किया गया था।
- इसे राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (एनसीएपी)-2016 की समीक्षा के आधार पर तैयार किया गया था और इसे 10 वर्षों की अवधि के लिये लागू रखने की योजना थी।
- इस योजना के तहत आरसीएफ बनाया गया था, जो कुछ घरेलू उड़ानों पर लेवी के माध्यम से योजना की वीजीएफ आवश्यकताओं को पूरा करता है।
- VGF का अर्थ है एकमुश्त या आस्थगित अनुदान, जो कि आर्थिक रूप से उचित लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से कम होने वाली बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिये प्रदान किया जाता है।
- योजना के चरण:
- चरण 1 को वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में अनुपयोगी और असेवित हवाईअड्डे को शुरू करना था।
- चरण 2 को वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के अधिक दूरस्थ और दुर्गम हिस्सों में हवाई संपर्क का विस्तार करना था।
- चरण 3 को नवंबर 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसमें देश के पहाड़ी और दूरदराज़ के क्षेत्रों में हवाई संपर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- उड़ान योजना का चरण 4 दिसंबर 2019 में शुरू किया गया था, जिसमें द्वीपों और देश के अन्य दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- उड़ान योजना का चरण 5 वर्ष 2023 में शुरू किया गया था, जिसमें हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने, हवाई किराए कम करने, अधिक नौकरियाँ उत्पन्न करने, पर्यटन, व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने एवं अंतिम मील कनेक्टिविटी हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- UDAN 5.2 श्रेणी 1A (<9 सीटें) और श्रेणी 1 (<20 सीटें) जैसे छोटे विमानों के माध्यम से अंतिम मील कनेक्टिविटी प्राप्त करने पर केंद्रित है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में 21वीं पशुधन गणना पर कार्यशाला
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने इंदौर, मध्य प्रदेश में '21वीं पशुधन जनगणना में पशुपालकों तथा उनके पशुधन की गिनती' पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
मुख्य बिंदु:
- इस कार्यशाला का आयोजन पशुचारण की प्रथा, उनके आवास, विभिन्न क्षेत्रों में मार्गों आदि पर बेहतर विचार करने और पशुपालक की समावेशी परिभाषा, एकत्र किये जाने वाले डेटा एकत्र करने की पद्धति जैसे विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिये किया गया था।
- विभाग वर्ष 1919 से प्रत्येक 5 वर्ष में देश भर में पशुधन जनगणना करता है। 21वीं पशुधन जनगणना वर्ष 2024 में होने वाली है।
- पशुधन गणना इस क्षेत्र में और सुधार लाने के लिये पशुधन कल्याण कार्यक्रम की उचित योजना तथा निर्माण के लिये डेटा का मुख्य स्रोत है।
- इसमें सभी घरेलू पशुओं और इन पशुओं की कुल संख्या को शामिल किया गया है, जिसमें घरों, घरेलू उद्यमों/गैर-घरेलू उद्यमों में मौजूद जानवरों/पोल्ट्री पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ शामिल हैं, जो उनकी उम्र, लिंग के साथ नस्ल के अनुसार हैं।
नोट:
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना को वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 के लिये पुनर्गठित किया गया है। यह योजना उद्यमिता विकास और मुर्गीपालन, भेड़, बकरी तथा सुअर पालन में नस्ल सुधार पर केंद्रित है, जिसमें चारे का विकास भी शामिल है।
उत्तराखंड Switch to English
जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी पर प्रतिबंध
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर पेड़ों की कटाई और अनधिकृत निर्माण गतिविधियों में शामिल होने के लिये उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई।
मुख्य बिंदु:
- सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार एक समिति इस बात पर गौर करेगी कि क्या देश में राष्ट्रीय उद्यानों के बफर या सीमांत क्षेत्रों में बाघ सफारी की अनुमति दी जा सकती है।
- शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को पर्यावरण को होने वाली हानि को कम करने के उपायों का प्रस्ताव देने और जवाबदेह लोगों से क्षतिपूर्ति की मांग करने के लिये एक समिति स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
- सर्वोच्च न्यायालय ने टाइगर रिज़र्व में पेड़ों की अभूतपूर्व कटाई और पर्यावरणीय क्षति पर सरकार की खिंचाई की। इसमें जिम कॉर्बेट में अवैध निर्माण, पेड़ों की कटाई पर तीन महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
- इससे पहले जनवरी में, सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय उद्यानों के भीतर बाघ सफारी स्थापित करने के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, जिसमें "पर्यटन-केंद्रित" दृष्टिकोण के बजाय "पशु-केंद्रित" दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया था।
- न्यायालय का रुख राष्ट्रीय उद्यानों के भीतर वन्यजीवों के कल्याण और संरक्षण को प्राथमिकता देने के महत्त्व को रेखांकित करता है, जो पर्यटकों के आकर्षण पर पशुओं के लिये प्राकृतिक आवास बनाए रखने के सिद्धांत की पुष्टि करता है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
- यह उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में अवस्थित है। वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत कॉर्बेट नेशनल पार्क (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान) में हुई थी, जो कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व का एक हिस्सा है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1936 में हैली नेशनल पार्क के रूप में की गई थी जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय बंगाल टाइगर का संरक्षण करना था।
- इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- इसके मुख्य क्षेत्र में कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जबकि बफर ज़ोन में आरक्षित वन और साथ ही सोन नदी वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
- रिज़र्व का पूरा क्षेत्र पहाड़ी है और यह शिवालिक तथा बाह्य हिमालय भूवैज्ञानिक प्रांतों के अंतर्गत आता है।
- रामगंगा, सोननदी, मंडल, पालेन और कोसी, रिज़र्व से होकर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं।
- 500 वर्ग किलोमीटर में फैला CTR 230 बाघों का वास-स्थान है और प्रति सौ वर्ग किलोमीटर में 14 बाघों के साथ यह दुनिया का सबसे अधिक बाघ घनत्व वाला रिज़र्व है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के साथ की गई थी।
- बाघ संरक्षण के सशक्तीकरण के लिये वर्ष 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के सक्षम प्रावधानों के तहत इसे गठित किया गया था।
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