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हरियाणा के प्रत्येक शहर में पंचकर्म केंद्र
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने घोषणा की है कि राज्य के प्रत्येक शहर में पंचकर्म केंद्र खोले जायेंगे।
- पर्यटन स्थलों पर टूरिज़्म वेलनेस सेंटर भी स्थापित किये जायेंगे।
मुख्य बिंदु:
- मंत्री ने आयुष विभाग के भीतर एक औषधि परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की भी घोषणा की।
- राज्य में आयुष को बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठाए गए हैं:
- 5,500 आयुष योग सहायकों की जल्द ही भर्ती की जाएगी और उन्हें शहरी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित पार्कों, धर्मशाला तथा सामुदायिक केंद्रों में योग प्रशिक्षण की ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी।
- हरियाणा कौशल रोज़गार निगम के माध्यम से आयुष योग निरीक्षकों और प्रशिक्षकों की भी भर्ती की जाएगी।
- प्रथम चरण में राज्य में 1121 व्यायामशालाएँ निर्माणाधीन हैं, जिनमें से 656 आयुष विभाग को सौंपी गई हैं।
- योग केंद्रों और सामुदायिक स्थानों पर 892 योग सहायक नियुक्त किये गए हैं। अगले चरण में 1353 नये योग केंद्र चिह्नित किये गए हैं।
- श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में आयुर्वेदिक फार्मेसी चलाने की मंज़ूरी दे दी गई है और अधिकारियों को विश्वविद्यालय में इनडोर एवं आउटडोर आयुष उपचार सुविधाएँ शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
- राज्य औषधीय पादप बोर्ड के अधिकारियों को किसानों के लिये औषधीय पौधों की कृषि हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
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प्रदूषण की जाँच के लिये ज़िलों में समन्वय पैनल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिये विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए समन्वय समितियों के गठन का आह्वान किया।
मुख्य बिंदु:
- मुख्य सचिव ने रोहतक, पानीपत और करनाल ज़िलों में नालों में सीवेज जल छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी आदेश दिया।
- सरकार ने पानीपत ज़िले के 80 गाँवों में उत्पन्न होने वाले 32.7 प्रति दिन मिलियन लीटर (MLD) सीवेज के उपचार और डायवर्ज़न के लिये एक कार्य योजना तैयार की थी।
- इस पहल के हिस्से के रूप में, 38 गाँवों में त्रि-स्तरीय तालाब प्रणाली का उपयोग करके सीवेज उपचार को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जबकि 42 अन्य गाँवों में शुद्धिकरण प्रक्रियाएँ वर्तमान में चल रही हैं।
- मौजूदा सीवेज उपचार बुनियादी ढाँचे में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं।
- स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं के अनुरूप, पूरे राज्य में सूक्ष्म सिंचाई उद्देश्यों के ये उपचारित सीवेज जल का पुन: उपयोग करने के लिये एक रूपरेखा तैयार की गई है।
- पानीपत में 'सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से सिंचाई प्रयोजन के लिये उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग' पर परियोजना के चरण - I का कार्यान्वयन।
- चरण - II पहल का उद्देश्य सिंचाई प्रथाओं तथा पर्यावरणीय स्थिरता को और बढ़ाना है।
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