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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Mar 2025
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निर्माण श्रमिकों को मुआवजा

चर्चा में क्यों?

सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को आदेश दिया कि वे दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत निर्माण गतिविधियों के रुकने पर निर्माण श्रमिकों को मुआवजा दें, भले ही इसके लिये न्यायालय का कोई विशिष्ट निर्देश न हो।

मुख्य बिंदु

  • क्षतिपूर्ति भुगतान:
    • सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि मुआवजे का भुगतान श्रम उपकर के रूप में एकत्र धनराशि से किया जाना चाहिये।
    • किसी विशिष्ट न्यायालय आदेश के अभाव में भी मुआवजा वितरित किया जाना चाहिये।
  • GRAP और वायु गुणवत्ता उपाय:
    • प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाने के लिये दिल्ली-एनसीआर में औसत वायु गुणवत्ता के आधार पर GRAP उपायों को लागू किया जाता है ।
    • न्यायालय ने पुनः पुष्टि की कि वर्ष 2024 और वर्ष 2025 में GRAP उपायों के कारण जब भी निर्माण गतिविधियाँ रुकेंगी, तो मुआवजा अवश्य दिया जाना चाहिये।
  • राज्यवार मुआवजे का विवरण:
    • हरियाणा ने निम्नलिखित को मुआवजा दिया:
      • GRAP-4 के प्रथम चरण में 2,68,759 श्रमिक शामिल होंगे।
      • दूसरे चरण में 2,24,881 श्रमिक।
      • लगभग 95,000 श्रमिक जनवरी 2025 के लिये मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं।
    • दिल्ली ने 93,272 श्रमिकों को मुआवजा वितरित किया, जबकि शेष पंजीकृत श्रमिकों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
    • राजस्थान ने 3,197 श्रमिकों को मुआवजा दिया।
    • उत्तर प्रदेश ने निम्नलिखित को मुआवजा दिया:
      • चरण 1 में 4,88,246 श्रमिक।
      • चरण 2 में 4,84,157 श्रमिक।
      • चरण 3 में 691 श्रमिक।
  • पंजीकरण और यूनियन बैठकें:
    • अदालत ने दिल्ली सरकार को निर्माण श्रमिकों का उचित पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिये श्रमिक यूनियनों के साथ बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया।
    • हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी इसी प्रकार के निर्देश जारी किये गए, जिनमें निम्नलिखित शामिल थे:
      • हरियाणा में 14 ज़िले 
      • उत्तर प्रदेश में 8 ज़िले 
      • राजस्थान में 2 ज़िले (भरतपुर और अलवर)
  • NCR राज्यों की जवाबदेही:
    • 2 दिसंबर 2024 को अदालत ने NCR राज्यों के मुख्य सचिवों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित होकर यह पुष्टि करने को कहा कि काम बंद होने से प्रभावित श्रमिकों को निर्वाह भत्ता दिया गया था या नहीं।
  • महत्त्व:
    • यह आदेश पर्यावरणीय प्रतिबंधों के दौरान कमज़ोर श्रमिकों के लिये मुआवजे के अधिकार को मज़बूत करता है ।
    • यह प्रदूषण नियंत्रण उपायों से प्रभावित श्रमिकों के लिये वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)

  • परिचय:
    • GRAP आपातकालीन उपायों का एक समूह है, जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक निश्चित सीमा तक पहुँचने के बाद वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिये लागू किया जाता है।
    • एमसी मेहता बनाम भारत संघ (2016) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित किया गया और 2017 में अधिसूचित किया गया।
  • कार्यान्वयन:


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