हरियाणा Switch to English
घग्घर जल
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा गठित एक संयुक्त समिति ने पाया कि घग्गर नदी का जल नहाने के लिये अनुपयुक्त है। समिति ने नदी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक पाया।
मुख्य बिंदु
- सर्वेक्षण और नमूना संग्रहण:
- समिति के सदस्यों और विभाग के प्रतिनिधियों ने सुखना चोई में प्रदूषण स्रोतों की पहचान करने के लिये दिसंबर 2023 में एक सर्वेक्षण किया।
- सर्वेक्षण से पता चला कि हरियाणा में मनसा देवी कॉम्प्लेक्स, राजीव कॉलोनी और इंदिरा कॉलोनी के साथ-साथ सोही बैंक्वेट हॉल के पास की झुग्गियाँ ठोस और तरल अपशिष्ट को सीधे तौर पर सीवर में छोड़ रही हैं।
- समिति ने विकास नगर पुल पर पंचकूला नाले से नमूने एकत्रित किये, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि BOD (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड/ जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग) और TSS (कुल निलंबित ठोस/ टोटल सस्पेंडेड सॉलिड्स) का स्तर अंतर्देशीय सतही जल निर्वहन के लिये पर्यावरणीय मानकों से अधिक था।
- घग्गर नदी में प्रदूषण का स्तर:
- समिति ने ज़ीरकपुर में अंबाला-चंडीगढ़ राजमार्ग पुल के पास, जहाँ सुखना चोई नदी घग्गर नदी में मिलती है, घग्गर नदी के ऊपरी और निचले हिस्से से जल के नमूने एकत्र किये।
- निष्कर्ष:
- pH मान बाहरी स्नान के लिये स्वीकार्य सीमा के भीतर थे।
- दोनों स्थानों पर BOD का स्तर बाहरी स्नान के लिये प्राथमिक जल गुणवत्ता मानदंड को पूरा करने में विफल रहा।
- अनुशंसाएँ:
- चंडीगढ़ नगर निगम को चाहिये कि:
- नालियों की नियमित सफाई सुनिश्चित करना।
- ठोस अपशिष्ट को गिरने से रोकने के लिये उन पुलिया बिंदुओं पर लोहे की जालियाँ लगाई जाएँगी जहाँ सड़कें नाले को पार करती हैं।
- चंडीगढ़ नगर निगम को चाहिये कि:
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चाहिये कि:
- सीवेज उपचार संयंत्रों (STP) का उचित संचालन और रखरखाव सुनिश्चित करना।
- घग्गर नदी में अनुपचारित अपशिष्ट के निपटान को रोका जाए।
- पंचकूला नगर निगम को चाहिये कि:
- सुनिश्चित करना कि एसटीपी कुशलतापूर्वक कार्य करें तथा नालियों के माध्यम से सुखना चोई में अनुपचारित अपशिष्ट को प्रवेश करने से रोकें।
जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD)
- BOD, जल में कार्बनिक पदार्थों के चयापचय की जैविक प्रक्रिया में सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग की जाने वाली घुलित ऑक्सीजन की मात्रा है।
- जितना अधिक कार्बनिक पदार्थ होगा (जैसे, सीवेज और प्रदूषित जल निकायों में), उतना अधिक BOD होगा ; और जितना अधिक BOD होगा, मछलियों जैसे उच्चतर पशुओं के लिये घुलित ऑक्सीजन की मात्रा उतनी ही कम उपलब्ध होगी।
- इसलिये BOD किसी जल निकाय के जैविक प्रदूषण का एक विश्वसनीय माप है।