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झारखंड सरकार ने कृषि ऋण माफ किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड सरकार ने 400.66 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की है ।
- 1,76,977 किसानों को लाभान्वित करने वाला यह निर्णय 26 सितंबर, 2024 को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer- DBT) के माध्यम से लागू किया गया था।
मुख्य बिंदु
- किसानों की चुनौतियों को संबोधित करना:
- ऋण माफी का उद्देश्य प्रति किसान 2 लाख रुपए तक के ऋण को माफ करके ऋण के बोझ को कम करना है।
- यह माफी झारखंड के किसानों द्वारा अनुभव की जा रही गंभीर कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए की गई है, जहाँ 80% आबादी अपनी आजीविका के लिये कृषि पर निर्भर है।
- आत्मनिर्भरता और वैकल्पिक कृषि को बढ़ावा देना:
- सरकार ने किसानों से बदलती जलवायु से निपटने के लिये पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ वैकल्पिक कृषि तकनीक अपनाने का आग्रह किया।
- झारखंड सरकार ने राज्य के विकास के लिये आत्मनिर्भरता के महत्व पर बल दिया, भले ही झारखंड खनिज और वन संसाधनों से समृद्ध है।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना
- उद्देश्य: इसे लाभार्थियों तक सूचना और धन के सरल/तेज प्रवाह के लिये तथा वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को कम करने के लिये एक सहायता के रूप में देखा गया है।
- कार्यान्वयन: यह भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2013 को शुरू किया गया एक मिशन या पहल है, जो सर्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने के लिये है।
- महालेखा नियंत्रक कार्यालय की सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (Public Financial Management System- PFMS) के पुराने संस्करण, केन्द्रीय योजना स्कीम निगरानी प्रणाली (Central Plan Scheme Monitoring System- CPSMS) को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिये साझा प्लेटफार्म के रूप में कार्य करने के लिये चुना गया था ।
- DBT के घटक: DBT योजनाओं के कार्यान्वयन में प्राथमिक घटकों में लाभार्थी खाता सत्यापन प्रणाली, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक (बैंकों के कोर बैंकिंग समाधान, RBI की निपटान प्रणाली, NPCI का आधार भुगतान ब्रिज) आदि के साथ एकीकृत एक मज़बूत भुगतान और सुलह मंच शामिल है।
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