हरियाणा में क्षीण मानसून | 30 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, क्षीण मानसून के कारण हरियाणा को मानसून वर्षा पर निर्भर किसानों के लिये राहत प्रयासों और जल की कमी का समाधान करने के उपायों पर विचार करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
मुख्य बिंदु
- आँकड़ों के अनुसार, राज्य में 114.6 मिमी. वर्षा के साथ औसत वर्षा में 38% की कमी दर्ज की गई।
- ला नीना परिघटना में देरी के कारण जून और जुलाई माह के दौरान इस क्षेत्र में मानसून की स्थिति "क्षीण चरण" में थी। ला नीना एक ऐसी परिघटना है जिसके फलस्वरूप भारतीय उपमहाद्वीप में अनुकूल मानसून वर्षा होती है।
- अगस्त माह के अंत में या सितंबर की शुरुआत में ला नीना परिघटना के संपन्न होने के साथ प्रभावित क्षेत्रों की वर्षण स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
- सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (CSTEP) थिंक-टैंक के एक शोधकर्त्ता के अनुसार हिंद महासागर द्विध्रुव (Indian Ocean Dipole- IOD) के रूप में जानी जाने वाली एक अन्य जलवायवीय परिघटना की स्थिति वर्तमान में उदासीन है। यह परिघटना हिंद महासागर के जल स्तर को प्रभावित करती है।
- एक घनात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) के फलस्वरूप मानसून के दौरान अनुकूल वर्षा होती है।
- मानसून के निवर्तन (वापसी) के बाद उम्मीद से कम वर्षा की स्थिति में विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि सरकार को आकस्मिक योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता होगी।
- इन योजनाओं में किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करना, सिंचाई प्रयोजनों के लिये जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा अन्य जल संरक्षण उपायों को क्रियान्वित करना शामिल हो सकता है।
ला नीना
- स्पेनिश भाषा में ला नीना का अर्थ होता है छोटी लड़की। इसे कभी-कभी अल विएज़ो, एंटी-अल नीनो या "एक शीत घटना" भी कहा जाता है।
- ला नीना घटनाएँ पूर्व-मध्य विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में औसत समुद्री सतही तापमान से निम्न तापमान की द्योतक हैं।
- इसे समुद्र की सतह के तापमान में कम-से-कम पाँच क्रमिक त्रैमासिक अवधि में 0.9°F से अधिक की कमी द्वारा दर्शाया जाता है।
- ला नीना घटनाएँ पूर्व-मध्य विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में औसत समुद्री सतही तापमान से निम्न तापमान की द्योतक हैं।
- जब पूर्वी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में जल का तापमान सामान्य की तुलना में कम हो जाता है तो ला नीना की परिघटना देखी जाती है, जिसके परिणामस्वरूप पूर्वी विषुवतीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में एक उच्च दाब की स्थिति उत्पन्न होती है।
हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD)
- IOD, जिसे भारतीय नीनो भी कहा जाता है, एल नीनो के समान ही एक घटना है जो पूर्व में इंडोनेशियाई और मलेशियाई तटरेखा तथा पश्चिम में सोमालिया के पास अफ्रीकी तटरेखा के बीच हिंद महासागर के अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्र में घटित होती है।
- अल नीनो दक्षिणी दोलन (El Nino Southern Oscillation- ENSO) घटना की तुलना में अल नीनो एक सामान्य से अधिक गर्म चरण है, जिसके दौरान भारत सहित विश्व के कई क्षेत्रों में आमतौर पर तापमान गर्म और वर्षा सामान्य से कम होती है।
- ऐसे में भूमध्य रेखा के साथ समुद्र का एक किनारा दूसरे की तुलना में गर्म हो जाता है।
- जब हिंद महासागर का पश्चिमी भाग, विशेषकर सोमालिया तट के करीब पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में गर्म हो जाता है, तब इसे घनात्मक IOD कहा जाता है।
- जब पश्चिमी हिंद महासागर ठंडा होता है तब इसे ऋणात्मक IOD कहते हैं।