उत्तराखंड
वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम-II (VVP-II)
- 07 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के लिये केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-II (VVP-II) को मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु
- योजना के बारे में:
- यह योजना 'सुरक्षित, संरक्षित और जीवंत भूमि सीमाओं' के लिये विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण का समर्थन करती है।
- यह उत्तरी सीमा (जो पहले से ही VVP-I के अंतर्गत आती है) को छोड़कर, अंतर्राष्ट्रीय भूमि सीमाओं (ILB) से सटे ब्लॉकों में गाँवों के व्यापक विकास पर केंद्रित है।
- कुल परिव्यय: 6,839 करोड़ रुपए।
- कार्यान्वयन अवधि: वित्त वर्ष 2028-29 तक।
- कवर किये गए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र:
- अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर (UT), लद्दाख (UT), मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल।
- उद्देश्य:
- रणनीतिक सीमावर्ती गाँवों में बेहतर जीवन स्थितियाँ सृजित करना।
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निवासियों को पर्याप्त आजीविका के अवसर प्रदान करना।
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समृद्ध और सुरक्षित अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुनिश्चित करना।
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संवेदनशील क्षेत्रों में सीमापार अपराध को नियंत्रित करना।
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सीमावर्ती आबादी को राष्ट्रीय मुख्यधारा के साथ एकीकृत करना।
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ग्रामीणों को सीमा सुरक्षा बलों की 'आँख और कान' के रूप में सेवा करने में सक्षम बनाना, जिससे आंतरिक सुरक्षा बढ़े।
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VVP-II के अंतर्गत प्रमुख प्रावधान:
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व्यक्तिगत गाँवों या ग्राम समूहों में बुनियादी ढाँचे का विकास।
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सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों (SHG) आदि के माध्यम से मूल्य शृंखला विकास।
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स्थानीय समुदायों को शामिल करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिये सीमा-विशिष्ट आउटरीच गतिविधियाँ।
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स्मार्ट कक्षाओं सहित शिक्षा के बुनियादी ढाँचे की स्थापना।
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स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक दृश्यता को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन सर्किटों का विकास।
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सीमावर्ती क्षेत्रों में विविध एवं स्थायी आजीविका अवसरों के लिये परियोजनाओं का कार्यान्वयन।
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कार्यान्वयन दृष्टिकोण:
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ग्राम कार्य योजनाएँ : सहयोगात्मक रूप से विकसित, राज्य, गाँव और सीमा-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप.
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सड़क संपर्क: PMGSY-IV के माध्यम से (ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन)
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उच्चाधिकार प्राप्त समिति (कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में): कार्यान्वयन दिशा-निर्देशों में छूट देने के लिये
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संतृप्ति केंद्रित (विषयगत क्षेत्र)
- कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं को एक साथ लाकर यह सुनिश्चित करना है कि चयनित गाँवों के सभी व्यक्तियों और परिवारों को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
- इसकी योजना इन क्षेत्रों के सभी गाँवों को चार बुनियादी सेवाओं से पूर्णतया कवर करने की भी है:
- सभी मौसमों के लिये सड़क संपर्क
- दूरसंचार कनेक्टिविटी
- टेलीविज़न कनेक्टिविटी
- विद्युतीकरण
- प्रौद्योगिकी का उपयोग
- एकीकृत योजना और ट्रैकिंग के लिये पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म जैसे डिजिटल उपकरणों द्वारा समर्थित कार्यान्वयन