नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

उत्तराखंड

वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम-II (VVP-II)

  • 07 Apr 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के लिये केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-II (VVP-II) को मंजूरी दी।

मुख्य बिंदु

  • योजना के बारे में:
    • यह योजना 'सुरक्षित, संरक्षित और जीवंत भूमि सीमाओं' के लिये विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण का समर्थन करती है। 
    • यह उत्तरी सीमा (जो पहले से ही VVP-I के अंतर्गत आती है) को छोड़कर, अंतर्राष्ट्रीय भूमि सीमाओं (ILB) से सटे ब्लॉकों में गाँवों के व्यापक विकास पर केंद्रित है।
      • कुल परिव्यय: 6,839 करोड़ रुपए।
      • कार्यान्वयन अवधि: वित्त वर्ष 2028-29 तक।
    • कवर किये गए राज्य/संघ राज्य क्षेत्र:
      • अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर (UT), लद्दाख (UT), मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल। 
  • उद्देश्य:
    • रणनीतिक सीमावर्ती गाँवों में बेहतर जीवन स्थितियाँ सृजित करना। 
    • निवासियों को पर्याप्त आजीविका के अवसर प्रदान करना। 

    • समृद्ध और सुरक्षित अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुनिश्चित करना। 

    • संवेदनशील क्षेत्रों में सीमापार अपराध को नियंत्रित करना।

    • सीमावर्ती आबादी को राष्ट्रीय मुख्यधारा के साथ एकीकृत करना। 

    • ग्रामीणों को सीमा सुरक्षा बलों की 'आँख और कान' के रूप में सेवा करने में सक्षम बनाना, जिससे आंतरिक सुरक्षा बढ़े।

  • VVP-II के अंतर्गत प्रमुख प्रावधान:

    • व्यक्तिगत गाँवों या ग्राम समूहों में बुनियादी ढाँचे का विकास। 

    • सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों (SHG) आदि के माध्यम से मूल्य शृंखला विकास। 

    • स्थानीय समुदायों को शामिल करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिये सीमा-विशिष्ट आउटरीच गतिविधियाँ।

    • स्मार्ट कक्षाओं सहित शिक्षा के बुनियादी ढाँचे की स्थापना। 

    • स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक दृश्यता को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन सर्किटों का विकास। 

    • सीमावर्ती क्षेत्रों में विविध एवं स्थायी आजीविका अवसरों के लिये परियोजनाओं का कार्यान्वयन। 

  • कार्यान्वयन दृष्टिकोण:

    • ग्राम कार्य योजनाएँ : सहयोगात्मक रूप से विकसित, राज्य, गाँव और सीमा-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप.

    • सड़क संपर्क: PMGSY-IV के माध्यम से (ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन)

    • उच्चाधिकार प्राप्त समिति (कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में): कार्यान्वयन दिशा-निर्देशों में छूट देने के लिये

  • संतृप्ति केंद्रित (विषयगत क्षेत्र)

    • कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं को एक साथ लाकर यह सुनिश्चित करना है कि चयनित गाँवों के सभी व्यक्तियों और परिवारों को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
    • इसकी योजना इन क्षेत्रों के सभी गाँवों को चार बुनियादी सेवाओं से पूर्णतया कवर करने की भी है:
      • सभी मौसमों के लिये सड़क संपर्क
      • दूरसंचार कनेक्टिविटी
      • टेलीविज़न कनेक्टिविटी
      • विद्युतीकरण
      • प्रौद्योगिकी का उपयोग
      • एकीकृत योजना और ट्रैकिंग के लिये पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म जैसे डिजिटल उपकरणों द्वारा समर्थित कार्यान्वयन

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2