रोज़गार वृद्धि में उत्तराखंड अग्रणी | 03 Oct 2024
चर्चा में क्यों?
नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey- PLFS), 2023-24 रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने बेरोज़गारी कम करने में काफी प्रगति की है।
प्रमुख बिंदु
- बेरोज़गारी दर में गिरावट:
- समग्र बेरोज़गारी 4.5% से घटकर 4.3% हो गयी।
- सबसे उल्लेखनीय कमी 15-29 आयु वर्ग में हुई, जो 14.2% से घटकर 9.8% हो गई।
- श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार:
- वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 में सभी आयु समूहों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में वृद्धि होगी।
- 15-29 वर्ष की आयु के लिये: 27.5% से बढ़कर 44.2% हो गया।
- 15-59 वर्ष की आयु के लिये: 57.2% से बढ़कर 61.2% हो गया।
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिये: 53.5% से बढ़ाकर 58.1% हो गया।
- युवा श्रम बल भागीदारी:
- युवाओं (15-29 वर्ष) की श्रम शक्ति में भागीदारी 43.7% से बढ़कर 49% हो गई।
- 15-59 आयु वर्ग के लिये श्रम बल भागीदारी 60.1% से बढ़कर 64.4% हो गई।
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में यह वृद्धि 56% से बढ़कर 60.7% हो गई।
- राष्ट्रीय औसत से आगे निकलना:
- उत्तराखंड की 15-29 आयु वर्ग की श्रमिक जनसंख्या का औसत 49% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 46.5% है।
- 15-59 वर्ष की आयु के लिये, राज्य में यह दर 64.4% है (राष्ट्रीय औसत : 64.3%)।
- 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिये, उत्तराखंड में यह दर 60.7% है (राष्ट्रीय औसत: 60.1% )।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट (Periodic Labour Force Survey Report- PLFS)
- परिचय: यह भारत में रोज़गार और बेरोज़गारी की स्थिति को मापने के लिये सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के तहत NSO द्वारा आयोजित किया जाता है ।
- इसे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office- NSSO) द्वारा पहले किये गए श्रम बल सर्वेक्षणों की सीमाओं को दूर करने के लिये विकसित किया गया था ।
- PLFS के दो प्राथमिक उद्देश्य: इसे रोज़गार और बेरोज़गारी को मापने के दो प्रमुख उद्देश्यों के साथ तैयार किया गया था:
- पहला उद्देश्य: वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (Current Weekly Status- CWS) दृष्टिकोण का उपयोग करके शहरी क्षेत्रों के लिये लघु अंतराल (प्रत्येक तीन माह) पर श्रम बल भागीदारी और रोज़गार की स्थिति की गतिशीलता को मापना।
- दूसरा उद्देश्य: सामान्य स्थिति और CWS मापदंडों का उपयोग करके ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिये श्रम बल अनुमानों को मापना।
- नमूना डिजाइन और डेटा संग्रह में नवाचार: NSSO द्वारा आयोजित पिछले पंचवर्षीय सर्वेक्षणों की तुलना में PLFS ने नमूना डिजाइन और जाँच की अनुसूची की संरचना में परिवर्तन किये।
- PLFS में अतिरिक्त डेटा भी शामिल था, जैसे कि काम किये गए घंटों की संख्या, जिसे NSSO के पहले पंचवार्षिक दौर में एकत्र नहीं किया गया था।