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उत्तराखंड

उत्तराखंड ने UCC लागू किया और पोर्टल लॉन्च किया

  • 29 Jan 2025
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया, जिससे यह स्वतंत्रता के बाद UCC लागू करने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया तथा गोवा के बाद दूसरा राज्य बन गया। 

  • नव-प्रवर्तित UCC पोर्टल ने व्यक्तियों को आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करके तथा प्रत्यक्ष गवाह सत्यापन प्रक्रिया से गुजरकर अपने विवाह को ऑनलाइन पंजीकृत करने में सक्षम बनाया है। 

मुख्य बिंदु    

  • विशेषताएँ: 
    • फरवरी 2024 में राज्य विधानसभा द्वारा पारित UCC विधेयक हलाला, इद्दत और तलाक (मुस्लिम पर्सनल लॉ में विवाह और तलाक से संबंधित प्रथाएँ) जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाता है।
    • UCC विवाह, तलाक और लिव-इन संबंधों के ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य बनाता है। 
    • इस उद्देश्य के लिये एक सरकारी पोर्टल बनाया गया है, जिस पर लोग रिकॉर्ड देख सकते हैं, शिकायत दर्ज कर सकते हैं और अपनी वसीयत भी अपलोड कर सकते हैं।    
  • ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया: UCC पोर्टल पर व्यक्तियों को जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र और जीवनसाथी का विवरण सहित आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, दो गवाहों, या तो माता-पिता या स्थानीय अभिभावकों को लाइव वीडियो के माध्यम से गवाही देनी होगी। 
    • पोर्टल में AI-आधारित अनुवाद सेवा है जो सामग्री को अंग्रेज़ी सहित 22 भाषाओं में अनुवाद करेगी।
  • मुख्यमंत्री का समर्थन: CM पुष्कर सिंह धामी ने भी UCC पोर्टल पर अपनी शादी का पंजीकरण कराया और सोशल मीडिया पर अपना प्रमाण-पत्र साझा करते हुए आश्वासन दिया। 

समान नागरिक संहिता

  • UCC: परिचय 
    • समान नागरिक संहिता (UCC) को संविधान के अनुच्छेद 44 में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के भाग के रूप में रेखांकित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार को पूरे भारत में सभी नागरिकों के लिये समान नागरिक संहिता स्थापित करने का प्रयास करना चाहिये। 
    • हालाँकि, इसका कार्यान्वयन सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया है। 
  • गोवा में UCC: 
    • गोवा 1867 के पुर्तगाली नागरिक संहिता का पालन करता है। 1962 के गोवा, दमन और दीव प्रशासन अधिनियम ने इसे औपनिवेशिक युग के नागरिक संहिता को बनाए रखने की अनुमति दी। 

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