उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
- 08 Feb 2025
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जल परिवहन एवं जल पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु 'उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण' के गठन को मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु
- जलमार्ग प्राधिकरण के बारे में:
- जल परिवहन का विकास: इसका उद्देश्य जलमार्गों का विकास कर जल परिवहन को बढ़ावा देना है, जिससे सड़क और रेल नेटवर्क पर दबाव कम होगा।
- जल पर्यटन का विकास: साथ ही इसके गठन से जल पर्यटन के क्षेत्र में प्रगति हो सकती है। गंगा नदी और अन्य जलमार्गों के किनारे महत्त्वपूर्ण शहर स्थित हैं, जिन्हें पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जा सकता है।
- संरचना: प्राधिकरण का अध्यक्ष परिवहन मंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा नामित जलमार्ग, जहाजरानी, नौवहन, बंदरगाह और समुद्री मामलों का विशेषज्ञ होगा।
- उपाध्यक्ष की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के अध्यक्ष द्वारा नामित एक प्रतिनिधि भी इसका सदस्य होगा।
- उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त इस प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे।
- उल्लेखनीय है कि देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किये गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI):
- IWAI, जहाज़रानी मंत्रालय (Ministry of Shipping) के अधीन एक सांविधिक निकाय है।
- इसका गठन भारतीय संसद द्वारा आईडब्ल्यूएआई अधिनियम, 1985 के तहत किया गया था।
- इसका मुख्यालय नोएडा , उत्तर प्रदेश में स्थित है। जबकि क्षेत्रीय कार्यालय पटना, कोलकाता, गुवाहाटी और कोची में तथा उप-कार्यालय प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद), वाराणसी, भागलपुर, रक्का और कोल्लम में हैं।