उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 'गरीबी शून्य' करना | 03 Oct 2024

चर्चा में क्यों? 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक वर्ष के भीतर उत्तर प्रदेश को शून्य गरीबी प्राप्त करने वाला भारत का पहला राज्य बनाने के लिये एक अभियान की घोषणा की।

मुख्य बिंदु 

  • अभियान का उद्देश्य:
    • प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे गरीब परिवारों की पहचान करना और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिये सहायता प्रदान करना।
    • परिवारों को निम्नलिखित मामलों में सहायता मिलेगी:
      • भोजन और वस्त्र
      • गुणवत्ता की शिक्षा
      • स्वास्थ्य सेवाएँ 
      • आवास सुविधाएँ 
      • स्थिर आय स्रोत
  • परिवार पहचान प्रक्रिया:
    • त्रिस्तरीय पारदर्शी चयन पद्धति का उपयोग करते हुए प्रति ग्राम पंचायत सबसे गरीब 10-25 परिवारों को लक्ष्य करना :
      • स्तर 1: बेघरता, भूमिहीनता, दैनिक मज़दूरी पर निर्भरता और संसाधनों की कमी जैसे मानदंडों के आधार पर 'मॉप-अप' मोबाइल ऐप के माध्यम से पहचान।
      • स्तर 2: पाँच सदस्यों (ग्राम प्रधान, पूर्व ग्राम प्रधान, स्थानीय स्कूल प्रधानाध्यापक और स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि) वाली ग्राम स्तरीय समिति का गठन।
      • स्तर 3: समिति की सिफारिशों के बाद परिवारों को डिजिटल प्रणाली के माध्यम से स्वचालित भेद्यता रेटिंग प्राप्त होती है।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ:
    • पात्र परिवारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं तक पहुँच प्राप्त होगी, जिनमें शामिल हैं:
      • खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से राशन कार्ड एवं खाद्य आपूर्ति।
      • प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी आवास योजनाओं के अंतर्गत लाभ
      • शैक्षिक सहायता जैसे स्कूल में प्रवेश और यूनिफॉर्म।
      • आयुष्मान भारत बीमा और अन्य स्वास्थ्य पहलों के माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं।
    • श्रम विभाग, मनरेगा (MNREGA), राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं अन्य योजनाओं के साथ एकीकरण।
    • कौशल विकास पहल और रोज़गार लाभ तक पहुँच।
    • पहचाने गए परिवारों के लिये अनुकूलित सतत् आय योजनाएँ विकसित करने के लिये शैक्षिक संस्थानों के साथ सहयोग करना।
    • जीरो पॉवर्टी पोर्टल (ZeroPoverty.in) को कुशल डेटा प्रबंधन और राशन कार्ड की आवश्यकता वाले परिवारों के लिये सहायता हेतु फैमिली ID पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा ।